Edited By Updated: 25 Apr, 2017 09:46 AM
स्पाइनल कॉर्ड इंजरी से कई लोग कमर या गले से नीचे लकवाग्रस्त हो जाते हैं
जालंधरः स्पाइनल कॉर्ड इंजरी से कई लोग कमर या गले से नीचे लकवाग्रस्त हो जाते हैं और ताउम्र बिस्तर पर गुजारते हैं। कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनके बुलंद हौसले आगे शारीरिक अक्षमता बौनी साबित होती है। समाज के लिए प्रेरणा बने ऐसे ही कई हीरो सोमवार को स्पाइनल कॉर्ड इंजरी रिहेबलिटेशन कांफ्रैंस में हिस्सा लेने पहुंचे।
इस मौके पहुंचे मिस्टर वर्ल्ड आनंद अर्नोल्ड ने बताया कि उसे लोअर स्पिनल कॉर्ड में कैंसर हो गया था जिसके इलाज के लिए ऑप्रेशन किया तो पैरालाइज्ड हो गए। तीन साल तक बेड पर पड़े रहे। दादा, पिता, भाई ने मुझे हार न मानने की प्रेरणा दी। आठ बार मिस्टर नॉर्थ इंडिया, एक बार मिस्टर वर्ल्ड रह चुके आनंद अर्नोल्ड फिल्मों, रियलिटी शो और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर अपने टैलेंट का लोहा मनवा चुके हैं। आनंद आने वाले दिनों में बॉलीवुड की कॉमर्शियल मूवी में लीड एक्टर के तौर पर भी दिखेंगे। हॉलीवुड फिल्मों के भी उन्हें ऑफर आ रहे हैं। सोमवार को उनके साथ सेल्फी लेने वालों की भीड़ देखते ही बनती थी।
19 साल की उम्र में भोपाल की प्रिया भार्गव को ल्युपिन ने अपनी गिरफ्त में ले लिया था। इस बीमारी में शरीर अपना दुश्मन खुद बन जाता है और शरीर अपनी ही कोशिकाओं के खिलाफ एंटीबॉडी बनाना शुरू कर देता है। ल्युपिन रीढ़ तक पहुंचा और प्रिया को लकवा मार गया। बीमारी यहीं नहीं रुकी। उसकी चमड़ी में पस पड़नी शुरू हो गई थी। डॉक्टरों ने जवाब दे दिया था। प्रिया कहती हैं, मैं डिप्रेशन में चली गई थी लेकिन माता-पिता ने हार नहीं मानी। मैं अकेले घर से बाहर व्हील चेयर में जाने लगी। मैं महिलाओं की पत्रिका के लिए लेख लिखती हूं। 2015 का मिस इंडिया व्हील चेयर अवाॅर्ड जीत अब मिस वर्ल्ड व्हीलचेयर के लिए भारत का प्रतिनिधित्व करने जा रही हूं।