Edited By Updated: 29 Mar, 2017 10:33 AM
जिला शहीद भगत सिंह नगर में पड़ते गांव खोथड़ा में करीब 7 दिन की बच्ची को मारने के प्रयास के तहत किसी ने बोरी में बंदकर सूखे कुएं में फैंक दिया जिसे लेकर सिविल अस्पताल के जच्चा-बच्चा वार्ड में लोगों में रोष देखने को मिला।
जालंधर (शौरी): जिला शहीद भगत सिंह नगर में पड़ते गांव खोथड़ा में करीब 7 दिन की बच्ची को मारने के प्रयास के तहत किसी ने बोरी में बंदकर सूखे कुएं में फैंक दिया जिसे लेकर सिविल अस्पताल के जच्चा-बच्चा वार्ड में लोगों में रोष देखने को मिला। हालांकि बच्ची को बंगा सिविल अस्पताल से जालंधर रैफर किया गया था लेकिन बच्ची की हालत नाजुक होने के चलते डाक्टर ने उसे अमृतसर के मैडीकल कालेज रैफर कर दिया।
जानकारी अनुसार कुएं से नवजात बच्ची के रोने की आवाज सुनाई देने पर किसान ने पुलिस को सूचित किया। मौके पर पहुंची पुलिस ने प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में बच्ची को अस्पताल दाखिल करवाया। हालांकि जिला बाल सुरक्षा आफिस में तैनात कर्मचारी वरिंद्र सिंह की ड्यूटी लगाई गई कि वह बच्ची को जालंधर सिविल अस्पताल लेकर जाए और देखभाल करे। सिविल अस्पताल में जैसे ही बच्ची पहुंची तो डाक्टर ने उसे आक्सीजन व शरीर का तापमान स्थिर करने वाली मशीन में रखा। डाक्टर ने कहा कि कुएं में गिरने के कारण बच्ची का दायां पैर काफी सड़ गया है और बच्ची को स्किन इंफैक्शन हो गई है, बच्ची का पैर काट कर ही उसकी जान बचाई जा सकती है जिस कारण बच्ची को बड़े अस्पताल रैफर करना पड़ेगा। डाक्टर ने तुरंत अस्पताल की सरकारी एम्बूलंैस में बच्ची को वरिंद्र सिंह के साथ अमृतसर के लिए रवाना कर दिया। लेकिन हैरानीजनक बात है कि गंभीर हालत में बच्ची को अमृतसर रैफर करने के समय उसके साथ कोई डाक्टर या स्टाफ नर्स को नहीं भेजा गया। यदि बच्ची को इतने लम्बे सफर में कुछ हो जाए तो इसकी जिम्मेदारी किस की होगी। न तो एम्बूलैंस चालक को कोई उपचार संबंधी जानकारी थी और न ही साथ जाने वाले वरिंद्र सिंह को।
एम्बूलैंस में नवजात बच्ची को पकड़कर बैठे अकेले वरिंद्र सिंह को देखकर अस्पताल में मौजूद लोग डाक्टरों को कोस रहे थे। एक व्यक्ति तो गुस्से से बोल ही पड़ा कि बच्ची की केयर के लिए साथ कोई नर्स या डाक्टर को तो भेज दो क्योंकि एम्बूलैंस न तो पूरी तरह से ठीक है या फिर 108 की गाड़ी में बच्ची को रैफर करना चाहिए। लोग बोलते रहे परंतु डाक्टर के आदेश लेकर एम्बूलैंस चालक सुखविंद्र सिंह गाड़ी स्टार्ट कर बच्ची को अमृतसर ले गया।