शहर में 76 डम्प स्थानों पर लगेंगे अंडरग्राऊंड डस्टबिन

Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Nov, 2017 10:58 AM

jalandhar municipal corporation

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने करीब 3 साल पहले स्वच्छ भारत अभियान की शुरूआत की थी परन्तु पंजाब के शहरों में इस अभियान का कोई खास असर देखने को नहीं मिला। अब कांग्रेस सरकार ने राज्य के बड़े शहरों की सड़कों पर खुले में पड़े कूड़े को गम्भीरता से लेते हुए...

जालंधर(खुराना): प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने करीब 3 साल पहले स्वच्छ भारत अभियान की शुरूआत की थी परन्तु पंजाब के शहरों में इस अभियान का कोई खास असर देखने को नहीं मिला। अब कांग्रेस सरकार ने राज्य के बड़े शहरों की सड़कों पर खुले में पड़े कूड़े को गम्भीरता से लेते हुए इस समस्या को दूर करने के उपाय शुरू कर दिए हैं जिसके तहत पंजाब के बड़े शहरों में डम्प स्थानों पर अंडरग्राऊंड डस्टबिन लगाने की शुरूआत की जा रही है। जालंधर नगर निगम ने हाल ही में एक ऐसा प्रस्ताव पंजाब सरकार को भेजा है जिसके तहत शहर में 76 डम्प स्थानों पर ऐसे अंडरग्राऊंड डस्टबिन लगाए जाने विचाराधीन हैं।नगर निगम कमिश्रर डा. बसंत गर्ग ने बताया कि इस प्रोजैक्ट को आऊटसोॄसग के आधार पर 5 वर्षों के लिए तैयार किया गया है जिसके तहत प्रोजैक्ट का जिम्मा लेने वाली कम्पनी इन डस्टबिन को लगाने, इन्हें खाली करने व ट्रांसपोर्टेशन के लिए जिम्मेदार होगी। सरकार से मंजूरी आने के बाद नगर निगम द्वारा इस प्रोजैक्ट के ग्लोबल टैंडर लगा दिए जाएंगे। इस प्रोजैक्ट के माध्यम से शहर के करीब 200 टन कूड़े को सही ढंग से इकट्ठा किया व उठाया जा सकेगा।

80 प्रतिशत भरते ही ट्रक ड्राइवर को मिलेगा एस.एम.एस.
इन अंडरग्राऊंड डस्टबिन की खासियत यह होगी कि इनमें सैंसर फिट होगा जैसे ही यह 80 प्रतिशत तक भरेगा। इसका सैंसर चालू हो जाएगा और एक एस.एम.एस. संबंधी ट्रक ड्राइवर और नगर निगम के अधिकारियों को भेजेगा। जिस कारण इसको तुरंत खाली किया जाएगा। यह प्रोजैक्ट जी.पी.आर.एस. तथा जी.एस.एम. सिस्टम से लैस होगा। गुरुत्वाकर्षण के कारण इस डस्टबिन में कूड़ा भी ज्यादा आएगा। हर स्पॉट पर 2 रंग के डस्टबिन होंगे। एक में बायो डी ग्रैडेबल तथा दूसरे में री-साइकिल्ड हो सकने वाला कूड़ा भरा जाएगा।

कुल 35 करोड़ आएगी लागत
इस प्रोजैक्ट पर कुल 35 करोड़ रुपए लागत आने की उम्मीद है। डस्टबिनों पर जहां 7 करोड़ रुपए खर्च होंगे, वहीं इन्हें खाली करने वाली मशीनरी तथा आप्रेटिंग कॉस्ट पर 28 करोड़ रुपए लागत आने का अनुमान है। इस कार्य के लिए 35 प्रतिशत राशि स्वच्छ भारत मिशन के तहत प्राप्त होगी जबकि बाकी का खर्च नगर निगम द्वारा वहन किया जाएगा।

पहले ही 2 स्थानों पर लगे हुए हैं अंडरग्राऊंड डस्टबिन
जालंधर में ऐसे अंडरग्राऊंड डस्टबिन पहले ही दो स्थानों पर लगे हैं परन्तु यह प्रोजैक्ट उस रूप में नहीं चल रहा जिस रूप में इसे स्थापित किया गया था। पूर्व मेयर सुनील ज्योति ने एक स्पॉट अपने वार्ड में चयनित किया था, जिसके चलते ऐसे डस्टबिन के.एम.वी. रोड पर लगाए गए। दूसरा स्थान टी.वी. सैंटर के सामने चुना गया जहां भी ऐसे अंडरग्राऊंड डस्टबिन लगे हुए हैं, जो अक्सर भरे रहते हैं। माना जा रहा है कि अगर यह प्रोजैक्ट सही तरीके से न चलाया गया तो इसके फ्लॉप होने के काफी चांस हैं। वैसे अमृतसर और पटियाला में भी जल्द लागू किया जा रहा है।

यूरोप के शहर लात्विया से आई टैक्रोलॉजी
गारबेज के लिए ऐसी टैक्रोलॉजी वाले अंडरग्राऊंड डस्टबिन स्थापित करने की टैक्रोलॉजी यूरोप के शहर लात्विया से आई है। जहां यह सफलतापूर्वक चल रही है। इस सैंसरयुक्त डस्टबिनों के कारण जहां कूड़ा ढका रहता है, वहीं इस पर आवारा पशु मुंह नहीं मारते और कूड़े से उठने वाली दुर्गन्ध से भी बचाव रहता है। इस कूड़े को उठाना व ले जाना भी सरल होता है।

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