Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Oct, 2017 11:50 AM
चाहे इन दिनों मोदी सरकार को जी.एस.टी. और नोटबंदी के कारण कारोबारी जगत की आलोचना का शिकार होना पड़ रहा है परन्तु फिर भी इस सरकार को बड़े प्रशासनिक सुधारों के लिए जाना जाता है। पिछले 3 सालों दौरान मोदी सरकार ने कई विभागों की कार्यप्रणाली सुधारने के...
जालंधर(खुराना): चाहे इन दिनों मोदी सरकार को जी.एस.टी. और नोटबंदी के कारण कारोबारी जगत की आलोचना का शिकार होना पड़ रहा है परन्तु फिर भी इस सरकार को बड़े प्रशासनिक सुधारों के लिए जाना जाता है। पिछले 3 सालों दौरान मोदी सरकार ने कई विभागों की कार्यप्रणाली सुधारने के प्रयासों के तहत कई प्रोजैक्ट लागू किए परन्तु अभी भी ज्यादातर सरकारी विभाग पुराने ढर्रे पर ही चल रहे हैं।
जालंधर नगर निगम की बात करें तो इस पर मोदी सरकार का रत्ती भर भी असर नहीं दिख रहा उलटे जालंधर नगर निगम ने पिछले दिनों मोदी सरकार को बेवकूफ बनाने के लिए एक खेल खेला जिसके तहत सिर्फ फोटो ङ्क्षखचवाने के लिए चंद घंटों के लिए एक डम्प की सफाई की गई। गौरतलब है कि कपूरथला रोड नहर की पुली से जो सड़क मास्टर गुरबंता सिंह मार्ग की ओर निकलती है वहां नहर के किनारे नगर निगम ने कूड़े का बड़ा डम्प बना रखा है। करीब 50 मीटर क्षेत्र में फैले इस डम्प का ज्यादातर कूड़ा नहर में गिरता रहता है जिसे लेकर नहरी विभाग कई बार निगम को पत्र लिख चुका है परन्तु निगम पर कोई असर नहीं हुआ।
स्वच्छ भारत अभियान की तीसरी वर्षगांठ के उपलक्ष्य में मोदी सरकार ने 15 सितम्बर से 2 अक्तूबर तक देशव्यापी स्वच्छता पखवाड़ा आयोजित किया जिसके तहत देशभर के शहरों में निगमों ने विशेष सफाई अभियान चलाया। इस संबंध में मोदी सरकार ने निर्देश भेजे थे कि हर नगर निगम जनता तथा समाजसेवी संस्थाओं की भागीदारी के साथ सफाई के विशेष प्रोजैक्ट चलाए। डम्प स्थानों के साथ-साथ शहर के महत्वपूर्ण क्षेत्रों, बिल्डिंगों, अस्पतालों इत्यादि की विशेष सफाई की जाए और हर कार्य की रिपोर्ट मोदी सरकार द्वारा शुरू किए गए विशेष पोर्टल पर अपलोड की जाए। केन्द्र सरकार के निर्देशों में साफ लिखा था कि जिस स्थान पर स्वच्छता अभियान चलाया जाना है उस स्थान की सफाई से पहले और सफाई के बाद वाले फोटो उक्त पोर्टल पर अपलोड किए जाएं।
इस निर्देश की पूर्ति करने हेतु नगर निगम ने नहर के किनारे बने डम्प के उस समय फोटो खींचे जब डम्प पूरी तरह कूड़े से भरा हुआ था और फिर डम्प की पूरी तरह सफाई करके उसी स्थान के दोबारा चित्र खींचे और इन सभी चित्रों को मोदी सरकार की वैबसाइट पर अपलोड कर दिया। खास बात यह रही कि जिस स्थान की सफाई के चित्र मोदी सरकार को भेजे गए वहां सफाई कुछ घंटे ही कायम रही और उक्त डम्प स्थान पर कूड़ा हर समय लबालब भरा रहता है।अब सवाल यह है कि अगर ऐसे ही कुछ घंटों के लिए स्वच्छ भारत अभियान चलाना है तो शहर व देश की सफाई कैसे होगी। होना तो चाहिए था कि स्वच्छता पखवाड़े के तहत निगम शहर की दशा को कुछ सुधारता परन्तु सिर्फ औपचारिकताएं निभा कर खानापूर्ति करने का क्या फायदा?