निगम चुनावों हेतु डी-लिमिटेशन कमेटी गठित

Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Sep, 2017 10:59 AM

jalandhar municipal corporation

अगले कुछ महीनों दौरान होने जा रहे जालंधर नगर निगम के चुनावों हेतु वार्डों के डी-लिमिटेशन की प्रक्रिया शुरू हो गई है जिसके तहत डी-लिमिटेशन कमेटी का गठन कर दिया गया है।

जालंधर (खुराना): अगले कुछ महीनों दौरान होने जा रहे जालंधर नगर निगम के चुनावों हेतु वार्डों के डी-लिमिटेशन की प्रक्रिया शुरू हो गई है जिसके तहत डी-लिमिटेशन कमेटी का गठन कर दिया गया है। इस कमेटी में जालंधर के चारों विधायकों परगट सिंह, राजिन्द्र बेरी, बावा हैनरी व सुशील रिंकू के अलावा पार्षद जगदीश राज राजा, पार्षद बलराज ठाकुर, पार्षद हरसिमरनजीत सिंह बंटी, पार्षद जसपाल नागरा तथा पार्षद मिंटा कोछड़ के नाम शामिल हैं। इससे पहले पूर्व पार्षद ज्ञान चंद व गुरु तेग बहादुर नगर निवासी धीरज भाटिया को डी-लिमिटेशन कमेटी में शामिल किया जा चुका है। यह कमेटी जल्द ही जालंधर नगर निगम के वार्डों के गठन का कार्य पूरा करेगी।

गौरतलब है कि वर्तमान समय में जालंधर निगम के 60 वार्ड हैं जिन्हें बढ़ाकर अब 80 किया जा रहा है। इस बार वार्डों को जनसंख्या और वोटरों के हिसाब से करीब-करीब बराबर रखने का प्रयास किया जा रहा है जिसके तहत हर वार्ड की जनसंख्या 10,000 से 11,500 के बीच रखी जाएगी। इस हिसाब से प्रत्येक वार्ड में वोटरों की संख्या 8000 के करीब रहने का अनुमान है। वर्तमान समय में वार्डों की बनावट तर्कसंगत नहीं है। कोई वार्ड बहुत बड़ा है तो कोई वार्ड उससे आधी जनसंख्या तथा वोटर संख्या वाले हैं।

20-20 करोड़ रुपए तीन किस्तों में रिलीज होंगे
पंजाब में कांग्रेस सरकार का गठन हुए 6 माह का समय हो चुका है परन्तु अभी तक शहर के विकास कार्य ठप्प पड़े हैं। कांग्रेस सरकार ने आते ही अकाली-भाजपा सरकार द्वारा पी.आई.डी.बी. द्वारा शहरी विकास योजना के तहत करवाए जा रहे कामों पर रोक लगा दी थी जिस कारण शहर की 200 के करीब सड़कों का निर्माण कार्य रुक गया था। जालंधर निगम ने इस ग्रांट के तहत काम कर रहे ठेकेदारों का करीब 20 करोड़ रुपया रोक रखा है जिस कारण ठेकेदारों ने भी काम बंद कर रखे हैं। इन्हीं कारणों की वजह से शहर में कांग्रेस की बदनामी हो रही है और उसे डर है कि कहीं इसका असर आने वाले निगम चुनावों में कांग्रेस की परफार्मैंस पर न पड़े इसलिए जालंधर के सभी कांग्रेसी विधायकों ने इकट्ठे होकर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह तथा लोकल बाडीज मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू पर दबाव बनाया था कि विकास कार्य शुरू करवाए जाएं।


विधायकों के दबाव को देखते हुए कांग्रेस सरकार ने जालंधर नगर के विकास हेतु 60 करोड़ रुपए रिलीज करने का प्रस्ताव तैयार किया है जो 20-20 करोड़ रुपए की तीन किस्तों में भेजा जाएगा। पहले 20 करोड़ जालंधर निगम को ठेकेदारों की पेमैंट करने तथा रुके हुए विकास कार्य शुरू करवाने हेतु मिलेंगे। वह पैसा खर्च होने के बाद 20-20 करोड़ रुपए की दो किस्तें और भेजी जाएंगी और यह 40 करोड़ रुपए शहर के चारों विधायक संयुक्त रूप से खर्च करेंगे और हर एक के हिस्से 10 करोड़ आएगा। गौरतलब है कि सभी विधायकों ने 10-10 करोड़ रुपए से अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र के विकास हेतु एस्टीमेट बनवाने शुरू कर दिए हैं।

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