Edited By Punjab Kesari,Updated: 10 Dec, 2017 05:26 PM
जालंधर प्रैस क्लब में गुरदासपुर से कांग्रेसी सांसद सुनील जाखड़ ने प्रैस कान्फ़्रेंस करते हुए सुखबीर बादल पर जमकर भड़ास निकाली। इ
जालन्धर(धवन): पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने आज अकाली नेतृत्व द्वारा सरकार व पुलिस प्रशासन को धमकाने के मुद्दे पर पलटवार करते हुए कहा कि सुखबीर व अन्य अकाली नेताओं की गीदड़ धमकियों से पुलिस व अमरेन्द्र सरकार घबराने वाली नहीं है। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के आदेशों पर पुलिस द्वारा दर्ज किए गए केसों से अकाली घबरा गए हैं जबकि 2 दिनों तक सड़कों पर यातायात जाम करके लोगों को तंग करने के लिए अकालियों को क्षमा नहीं किया जा सकता।
आज यहां पत्रकार सम्मेलन को संबोधित करते हुए जाखड़ ने कहा कि सुखबीर तो उप मुख्यमंत्री के पद पर रहे हैं। उनके कार्यकाल में 6 दिसम्बर 2015 को मक्खू पुलिस थाने में ही केस दर्ज किया गया था क्योंकि उस समय सिख संगठनों ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के कारण सड़क यातायात जाम किया था। इसी स्थान पर अब सुखबीर व अन्य अकाली नेताओं ने धरना लगाया।
उन्होंने कहा कि अकालियों ने सिख संगठनों के खिलाफ अधिक धाराएं लगाई थी। उस समय मक्खू थाने में धारा 431, 341, 283, 188, 148, 149 तथा 8 बी के अलावा सैक्शन 25, 27, 54, 59 के तहत सिख संगठनों के विरुद्ध केस दर्ज हुआ था जबकि अब हाईकोर्ट के आदेशों पर मक्खू थाने में अकाली नेताओं के विरुद्ध कम धाराएं लगी हैं। अब तो धारा 431, 341, 283, 188, 148, 149 तथा 8 बी के तहत केस दर्ज किया गया है।
जाखड़ ने कहा कि पहले अकाली नेता कहते थे कि पुलिस व सरकार उनके खिलाफ केस दर्ज करके दिखाए। अब तो केस दर्ज हो गया है। उन्होंने कहा कि चाहे कोई पूर्व उप मुख्यमंत्री हो या कोई अन्य, कानून सबके लिए एक समान हैं।
कानून अकालियों के मामले मे अपना काम करेगा। उन्होंने कहा कि अदालती आदेशों पर दर्ज हुए केसों को रद्द नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने इन केसों को क्राइम ब्रांच के हवाले जांच के लिए भेजा है। उन्होंने कहा कि जिन अकाली नेताओं ने हवा में गोलियां चलाई हैं उनके विरुद्ध धारा 307 के तहत केस दर्ज हुआ है। यह मामला पूरी तरह से स्टैंड करता है। उन्होंने कहा कि इसकी वीडियो रिकाॄडग भी मौजूद है।
मेरे निजी सहायक को डी.एस.पी. घसीट कर ले गया था
प्रदेशाध्यक्ष सुनील जाखड़ ने कहा कि अकालियों ने अपने कार्यकाल में कांग्रेसियों पर जमकर ज्यादतियां की थी। उन्होंने अपने निजी सहायक संजीव त्रिखा की पुरानी तस्वीर जारी करते हुए बताया कि उस समय उन्हें एक डी.एस.पी. इसलिए घसीट कर ले गया था क्योंकि वह एक दलित की मौत पर धरना लगाने जा रहा था।
उस समय 2 डी.एस.पी. तथा 50 पुलिस मुलाजिम धरना स्थल पर आ गए थे तथा कांग्रेसियों को धरना भी नहीं लगाने दिया था। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने तो अकाली नेताओं को धरना लगाने की अनुमति दी क्योंकि वह लोकतांत्रिक मर्यादाओं में भरोसा रखते हैं। उन्होंने कहा कि उस समय अकाली दल को यह याद नहीं आया था कि कांग्रेस लोकतंत्र में भरोसा रखते हुए धरना देने जा रही है।
‘कमाऊ पुत्तों’ को बचाने हेतु अकालियों ने लगाए धरने
सुनील जाखड़ ने अकालियों के धरने पर वार करते हुए कहा कि उसने अपने कमाऊ पुत्तों को बचाने के लिए सड़कों पर धरने लगाए। अगर अकाली अपने वर्कर या गरीब की आवाज को लेकर धरने लगाते तो उचित होता परन्तु वह उन कमाऊ पुत्तों की खातिर सड़कों पर उतरे जिन्होंने रेत-बजरी, शराब व माफिया राज से अंधाधुंध पैसा कमाया। पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल भी कोलियांवाला का हाल पूछने गए जिसके बारे में पंजाब के लोग जानते हैं कि उसने क्या कुछ नहीं किया था। उन्होंने कहा कि धरने में बैठने वाले भी वह लोग थे जो शराब व चिट्टे का कारोबार करते रहे हैं।