Edited By Punjab Kesari,Updated: 15 Sep, 2017 02:13 PM
कांग्रेस ने 11 अक्टूबर को गुरदासपुर लोकसभा के चुनाव के लिए उम्मीदवारों पर विचार-विमर्श शुरू कर दिया है, लेकिन अंतिम निर्णय केवल पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह के विदेश से लौटने के बाद ही लिया जाएगा।
चंडीगढ़ः कांग्रेस ने 11 अक्टूबर को गुरदासपुर लोकसभा के चुनाव के लिए उम्मीदवारों पर विचार-विमर्श शुरू कर दिया है, लेकिन अंतिम निर्णय केवल पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह के विदेश से लौटने के बाद ही लिया जाएगा।
पंजाब पार्टी प्रभारी आशा कुमारी ने बताया कि वह सी.एम.की वापसी के लिए इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने उम्मीद जताई है कि जिस दिन वह वापस आ जाएंगे, हम एक बैठक कर इस पर निर्णय लेंगे।
वहीं कहा जा रहा है कि प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ चुनावी रण में उतरने को तैयार हो गए हैं। गुरदासपुर जिले के विधायकों से 'मंजूरी पत्र' लेने के बाद कांग्रेस के सह प्रभारी हरीश चौधरी दिल्ली लौट गए हैं। अब मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह के विदेश से आने का इंतजार हो रहा है। दूसरी ओर, राज्यसभा सदस्य प्रताप सिंह बाजवा ने दिल्ली में डेरा डाल दिया है। वह उपचुनाव में अपनी पत्नी के लिए टिकट चाह रहे हैं।
गुरदासपुर उप चुनाव को लेकर कांग्रेस के प्रदेश कार्यालय में बैठकों का दौर चल रहा है। वहां इसे लेकर गहमागमी जारी है। दूसरी ओर, विदेश यात्रा में भी मुख्यमंत्री कैप्टन सिंह लगातार राजनीतिक हालात और गतिविधियों का फीडबैक लेते रहे।
गुरदासपुर जिले के विधायक जाखड़ के साथ खड़े नजर आ रहे हैं। माना जा रहा कि पार्टी अगर जाखड़ को टिकट देगी तो वह अब पीछे नहीं हटेंगे और गुरदासपुर उपचुनाव लड़ेंगे। जाखड़ खुद पर मनीष तिवारी की तरह सवालिया निशान नहीं लगवाना चाहते हैं। 2014 में मनीष तिवारी लोकसभा चुनाव नहीं लड़े थे, इसका कारण खराब सेहत बताया था।
पत्नी के लिए जद्दोजहद कर रहे लॉबिंग
उपचुनाव की घोषणा के साथ ही कांग्रेस के अंदर की खींचतान सतह पर आनी शुरू हो गई है। इससे मुख्यमंत्री के लिए नई चुनौती खड़ी हो गई है। फतेह जंग बाजवा को छोड़कर गुरदासपुर जिले के सभी विधायक चाहते हैं कि सुनील जाखड़ प्रत्याशी हों तो दूसरी तरफ प्रताप सिंह बाजवा अपनी पत्नी को टिकट दिलाने के लिए लॉबिंग कर रहे हैं। मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार नंबर दो मेजर अमरदीप भी चुनाव लड़ना चाहते हैं। हालांकि राजनीतिक रूप से अमरदीप का कोई कद नहीं है, इसके बावजूद स्थानीय होने के कारण वह दावा ठोक रहे हैं।
माना जा रहा है कि पहले सुनील जाखड़ चुनाव नहीं लड़ना चाहते थे लेकिन ताजा हालात को देखते हुए वह अब चुनाव मैदान में उतरने के लिए तैयार हैं। जाखड़ का कहना है कि टिकट किसे दिया जाएगा यह पार्टी हाईकमान का फैसला होगा। जिसे टिकट मिलेगा वह चुनाव लड़ेगा।
कैप्टन शुक्रवार देर शाम तक इंग्लैंड से भारत पहुंचेंगे। संभावना व्यक्त की जा रही है कि राहुल गांधी से बैठक करने के बाद ही वह चंडीगढ़ लौटेंगे। सूत्र बताते हैं कि 18 और 19 सितंबर के बीच किसी भी दिन उनकी राहुल के साथ मुलाकात हो सकती है जिसमें प्रत्याशी के नाम पर अंतिम मोहर लगनी तय है।