Edited By Punjab Kesari,Updated: 10 Aug, 2017 09:36 AM
किसान जत्थेबंदियों के गठजोड़ किसानी को कर्ज मुक्त करवाने व अन्य किसानी मांगें मनवाने के लिए देश व्यापक आंदोलन के तहत देश
भटिंडा/मानसा (परमिंद्र/भटिंडा): किसान जत्थेबंदियों के गठजोड़ किसानी को कर्ज मुक्त करवाने व अन्य किसानी मांगें मनवाने के लिए देश व्यापक आंदोलन के तहत देश में जेल भरो आंदोलन शुरू कर दिया है। किसानी मांगों को लेकर आज भटिंडा व माना जिलों के लगभग 219 किसानों ने गिरफ्तारियां दीं। गिरफ्तार किसानों को जिले के विभिन्न थानों में रखा गया। किसानों को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस उन्हें रिहा करने को तैयार थी, लेकिन किसान जेल जाने पर अड़ गए। किसानों को रिहा करने के विरोध में यूनियन के अन्य सदस्यों ने डिप्टी कमिश्नर कार्यालय के समक्ष धरना लगा दिया। किसानों ने चेतावनी दी कि अगर गिरफ्तार किसानों को जेल न भेजा गया तो डी.सी. कार्यालय के समक्ष लगाया गया धरना लगातार जारी रखा जाएगा।
गिरफ्तार करने से बचती रही पुलिस
जानकारी के अनुसार कर्ज मुक्ति, फसलों का उचित मूल्य दिलवाने हेतु डा. स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करवाने व अन्य किसानी मांगों को लेकर सैंकड़ों किसान भाकियू एकता (सिद्धूपुर) के नेतृत्व में गिरफ्तारियां देने के लिए डी.सी. कार्यालय के समक्ष एकत्र हो गए। किसानों ने डिप्टी कमिश्नर कार्यालय को जाने वाले रास्ते पर धरना देकर रास्ता जाम कर दिया। किसानों के संघर्ष को देखते हुए सचिवालय के सभी दरवाजे बंद कर दिए गए। पुलिस ने किसानों को गिरफ्तार करने से इंकार कर दिया, जिसके बाद किसानों ने धरना देकर नारेबाजी शुरू कर दी। बाद में पुलिस ने लगभग 200 किसानों को गिरफ्तार तो कर लिया, लेकिन पुलिस अगली कार्रवाई करने से बचती रही। पता चला है कि पुलिस कागजी कार्रवाई करने से बचने के लिए किसानों को रिहा करना चाहती थी लेकिन किसान रिहा किए जाने के नाम से भड़क गए। किसानों ने मांग की कि गिरफ्तार किसानों को तुरंत जेल भेजा जाए।
रिहा किया तो लगाएंगे पक्का धरना
किसानों को रिहा किए जाने की सूचना मिलने पर किसानों ने डी.सी. कार्यालय के समक्ष धरना लगा दिया। यूनियन नेताओं बलदेव सिंह संदोहा, रेशम सिंह यात्री, मुख्तयार सिंह राजगढ़ कुब्बे आदि ने कहा कि अगर गिरफ्तार किसानों को रिहा किया गया तो डिप्टी कमिश्नर कार्यालय के समक्ष लगाए गए धरने को लगातार जारी रखा जाएगा। उन्होंने मांग की कि किसानों के सभी कर्ज माफ किए जाएं, डा. स्वामीनाथन रिपोर्ट को लागू किया जाए, खुदकुशी पीड़ित परिवारों को योग्य मुआवजा व नौकरी दी जाए तथा किसानों की अन्य मांगों पर भी फौरी ध्यान दिया जाए। इस अवसर पर जोधा सिंह नंगला, सुखदर्शन सिंह खेमूआणा, गुरमेल सिंह लहरा, सुरजीत सिंह संदोहा व रणजीत सिंह जीदा आदि उपस्थित थे।