Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Dec, 2017 01:35 PM
शहर में इस बार भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा कुछ अलग होगी।
लुधियानाः शहर में इस बार भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा कुछ अलग होगी। 17 दिसंबर को जिस रथ में भगवान जगन्नाथ विराजेंगे उसका पहिया पुरी धाम से आ रहा है। यह पहिया वहां जून में निकाली गई यात्रा के रथ में लगा था। लुधियाना की श्री गोविंद गोधाम भगवान जगन्नाथ रथयात्रा महोत्सव कमेटी ने इसे ई ऑक्शन में छह लाख में खरीदा है। ऐसा पहली बार है कि पुरी के रथ का कोई हिस्सा किसी अन्य शहर में होने वाली यात्रा के रथ में लगेगा।
इस पहिये को पूरी श्रद्धा के साथ पुरी से लुधियाना विशेष ट्रक से लाया गया जिसमें छह दिन लगे। पूरे रास्ते में संकीर्तन मंडली भगवान जगन्नाथ का गुणगान करती रही। कमेटी के सदस्य व गौ सेवक सतीश गुप्ता बताते हैं कि यात्रा के बाद रथ के पाट्र्स अलग-अलग कर दिए जाते हैं।
प्रबंधन कमेटी द्वारा इसकी ई-ऑक्शन करवाई जाती है। भक्तजन इसे खरीद कर वहीं अर्पित करके चले जाते हैं। लुधियाना की विशाल रथयात्रा के से लाखों लोगों की श्रद्धा जुड़ी है, इसके मद्देनजर इसके पावन पहिये को पुरी से बाहर पहली बार लुधियाना लाने की अनुमति मिली।
पुरी से लुधियाना लाए गए पहिये का वजन 300 किलो है। इसे बनाने की प्रक्रिया भी बेहद विशेष है। परम्परा है कि पुरी धाम के मुख्य पुजारी को स्वप्न में जैसे वृक्ष दिखते हैं, उनको ढूंढ़कर उसी की लकड़ी से रथ के अधिकांश हिस्से तैयार होते है। विशेष तरह के कारीगर बिना किसी मशीनरी के उपयोग के इस भव्य रथ को अपने हाथों से तैयार करते हैं। रथ के कुल 24 पहियों में से प्रत्येक का वजन 300 किलो होता है।