श्रद्धालुओं की आंखों से छलका जगन्नाथ प्रेम,धूमधाम से निकली रथयात्रा

Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Dec, 2017 10:46 AM

jagannath rath yatra in ludhiana

अंतर्राष्ट्रीय श्री कृष्ण भावनामृत संघ इस्कॉन एवं भगवान जगन्नाथ रथयात्रा महोत्सव कमेटी के तत्वावधान में लुधियाना में भगवान जगन्नाथ जी की पावन रथयात्रा का आयोजन श्री दुर्गा माता मंदिर जगराओं पुल से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विशाल रूप में हुआ। रथयात्रा...

लुधियाना(जोशी): अंतर्राष्ट्रीय श्री कृष्ण भावनामृत संघ इस्कॉन एवं भगवान जगन्नाथ रथयात्रा महोत्सव कमेटी के तत्वावधान में लुधियाना में भगवान जगन्नाथ जी की पावन रथयात्रा का आयोजन श्री दुर्गा माता मंदिर जगराओं पुल से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विशाल रूप में हुआ। रथयात्रा के शुभारंभ स्थल पर श्रद्धालुओं का ऐतिहासिक जमघट लगा, हर तरफ श्रद्धालुओं की उत्साहित भीड़ अपने प्रभु के दर्शन दीदार करने के लिए उत्सुक थी।

रथ पर विराजमान होने के लिए जब भगवान जगन्नाथ देवी सुभद्रा व भाई बलराम जी के साथ विशेष वाहनों में रथयात्रा शुभारंभ स्थल पर पहुंचे तो जय जगन्नाथ, जय बलदेव, जय सुभद्रा, जय प्रभुपाद के जयघोषों से वातावरण गूंज उठा।जगन्नाथ रथयात्रा महोत्सव कमेटी के प्रधान सतीश गुप्ता, चेयरमैन डी.पी. अग्रवाल, रथयात्रा डायरैक्टर सुंदर दास धमीजा, महासचिव संजीव सूद बांका, महासचिव अशोक धवन, उप-चेयरमैन सुखदर्शन जैन भोला, मुकेश घई, उप-प्रधान वरिन्द्र शर्मा बॉबी, विपन सूद काका, प्रचार सचिव बसंत कुमार, महिन्द्र गोयल, मनोहर वर्मा, सोनी वालिया ने भगवान का स्वागत किया।

रथयात्रा के संचालन के लिए भगवान नृसिंह देव की स्तुति की गई। इस दौरान ‘जगन्नाथ जी पतितों का उद्धार करने के लिए रथ पर विराजमान हों’ की प्रार्थना के साथ सभी श्री विग्रहों को सम्मान के साथ पुष्प वर्षा के बीच रथ पर विराजमान करवाया। भगवान के रथ पर विराजमान होने पर गुलाब की पंखुडियों से पुष्प वर्षा की गई। साथ में इस्कॉन के संस्थापक आचार्य श्रील प्रभुपाद के श्री विग्रह को वैष्णव भक्तों ने रथ पर आरूढ़ किया। 

श्रद्धेय साक्षी गोपाल दास एवं अन्य आचार्यगणों ने रथ को सैंकड़ों तीर्थों के जल से पावन एवं पवित्र किया। रथ पर प्रथम आरती लैंड ब्रोक्स के नवीन भाटिया, जनपथ एस्टेट के महिन्द्र गोयल, राईसीला ग्रुप के ए.आर. शर्मा, सैंचुरी निटर्स के राजेश ढंडा, हेमंत सूद, किंग एक्सपोर्ट के मदन गोयल ने करके रथयात्रा के शुभारंभ की मंगल कामना की।

इस अवसर पर मुख्यातिथि के रूप में पहुंचे पंजाब केसरी ग्रुप के डायरैक्टर श्री अविनाश चोपड़ा ने कहा कि भगवान जगन्नाथ रथयात्रा के इस विशाल स्वरूप के लिए  समस्त जगन्नाथ सेवकों व लुधियाना वासियों ने पिछले 22 सालों से कड़ी मेहनत की है। इस्कॉन ने भी माना है कि लुधियाना की रथयात्रा सबसे बड़ी यात्रा है। उन्होंने कहा कि इंसान पर तीन ऋण सदैव रहते हैं, जिनमें एक भगवान का ऋण जिन्होंने यह मानव शरीर दिया, दूसरा मां-बाप का जिन्होंने जीवन दिया और तीसरा अध्यापक का जो शिक्षा देकर इस समाज में जीने की कला सिखाता है। विधायक सुरेन्द्र डावर व इस्कॉन कुरुक्षेत्र के अध्यक्ष साक्षी गोपाल दास जी व इस्कॉन के संतों ने रथयात्रा के लिए पूरे महानगर को बधाई दी।

इसके पश्चात मुख्यातिथि श्री अविनाश चोपड़ा ने भगवान जगन्नाथ जी के रथ के आगे सोने-चांदी व रत्नों से जडि़त झाड़ू लगाकर भगवान से समस्त जगत की मंगल कामना की। इसके पश्चात ज्यों ही रथयात्रा के शुभारंभ का शंखनाद गूंजा, श्रद्धालु रथ के रस्से को खींचकर भगवान जगन्नाथ को अपने मन रूपी वृंदावन में ले जाने के लिए चल पड़े। सारा वातावरण जगन्नाथ जी के जयघोषों, शंखों, नगाड़ों की ध्वनि से गूंज उठा। इस दौरान श्रद्धालुओं की आंखों से जगन्नाथ जी के प्रति अथाह प्रेम छलक पड़ा।इस अवसर पर अंकित बांसल, ओ.एस.डी. सी.एम., विजय दानव, नीरज वर्मा, महंत नारायण दास पुरी, कोमल खन्ना, पं. अजय वशिष्ठ, कनोज दानव, कपिल कोछड़, मनीष सामा, सुरिन्द्र गिल, भाजपा नेता परमिन्द्र मेहता, राजिन्द्र हंस, रविन्द्र स्यान, प्रणव गुप्ता, गगनेश प्रभाकर, गगनदीप आहलुवालिया व पंजाब कांगे्रस के महासचिव अमरजीत सिंह टिक्का उपस्थित थे।

रथ के रस्से का एक छोर खींचा सुभद्रा विंग ने 
इस बीच ज्यों ज्यों रथयात्रा आगे बढ़ी, भक्ति का रंग श्रद्धालुओं पर अपनी चरम सीमा पर चढऩे लगा। आस्ट्रिया, इंगलैंड, अमरीका, आस्ट्रेलिया, रशिया, जर्मनी, कैनेडा, फ्रांस, स्पेन, इटली, दुबई आदि से पधारे इस्कॉन भक्तों ने कहा कि जो भक्ति भाव लुधियाना की रथयात्रा में दिखता है, ऐसा दिव्य, आलौकिक, अविस्मरणीय नजारा देखने के लिए वो पूरा वर्ष इंतजार करते हैं। रथयात्रा के दौरान एक तरफ जहां पुरुष श्रद्धालु भारी संख्या में रथ के रस्से को खींच रहे थे, वहीं दूसरी ओर सुभद्रा विंग की महिला श्रद्धालुओं झरना धमीजा, कला अग्रवाल, इंदू धवन, विजय घई, डिम्पी सेठी, नीतू शर्मा, अनु सिंगला, अंजू सूद, रेणु दुग्गल, रमा जैन, रोमी बांसल, नीलम बसंत, राधा रानी सपरा, विजय घई, कुसुम गुप्ता, ऊषा कश्यप, रोहिनी सूद, श्वेता शर्मा, सोनिया तलवाड़, अनीता भंडारी, श्रेया वर्मा, रिया वर्मा, पिं्रसी मलिक, नीलम बांसल, ज्योति मल्होत्रा, मीनाक्षी सिंगला, प्रीति कौशल, सरोज गर्ग, पिंकी कालरा, मंजू बाला बवेजा, शबनम गोयल, शीना ग्रोवर, सरोज ग्रोवर, शारदा जोशी, अनीता सूद, इंदू सिंघल, नीना, सुनील जोशी, बिंदू, सीमा वर्मा, मिन्नी खन्ना, दिव्या गुप्ता, संतोष वर्मा, सविता शर्मा बाला, रेखा शर्मा, शरणजीत कौर आदि ने जगन्नाथ जी के रथ के रस्से को खींचा। 

भव्य फूल बंगले में विराजमान हुए जगन्नाथ जी 
रथयात्रा का विश्राम श्री नवदुर्गा मंदिर ट्रस्ट के संयोजकत्व में हुआ, जहां अंकित बांसल ओ.एस.डी. सी.एम.ओ., सुभाष दुग्गल, के.के. सेठ, राकेश चड्ढा, अनिल गोयल, एस.के. चितकारा, अनिल बस्सी, सुशील भल्ला, नंद लाल ढींगरा, सतीश मल्होत्रा, अशोक थापर, हरीश अग्रवाल, राजपाल असधीर, सुभाष घई, मनीश गुप्ता, अंगद दुग्गल आदि पदाधिकारियों ने जगन्नाथ जी का महाआरती से स्वागत किया। 

विश्राम स्थली पर विशाल मंच बनवाया था, जहां भजनों को सुनकर जगन्नाथ भक्त आनंदित हो गए। श्री नवदुर्गा मंदिर ने गुंडीचा मंदिर का रूप धारण करके जगन्नाथ पुरी का दृश्य प्रस्तुत किया हुआ था। मंदिर कमेटी की ओर से इस्कॉन के आचार्यगणों, वैष्णव वृंदों एवं मंदिर प्रमुखों को माल्यार्पण कर उनका विश्राम स्थली पहुंचने पर स्वागत किया गया। भव्य फूल बंगले में जगन्नाथ जी को विराजमान किया गया। 

कई मंचों से हुई महाआरतियां 

जगन्नाथ जी के स्वागत में झंवर आरती, 1008 दीपकों से महाआरती, पुष्प आरती, मां गंगा आरती, मोरपंख आरती, गुगल आरती, धूप आरती, अगरबत्ती आरती सहित कई भक्ति की आरतियां रथयात्रा मार्ग पर आकर्षण का केंद्र बनी हुई थीं। बांके बिहारी सेवा परिवार, जय जगन्नाथ ग्रुप, जगन्नाथ सेवा परिवार, रानी झांसी एन्क्लेव वैल्फेयर सोसायटी, वी.के. दि एलीगैंसी, दक्ष प्रजापति महापंचायत, इस्कॉन यूथ फोरम, श्री सिद्ध सेवा मंडल, श्री राधा कृष्णा इंटरनैशनल सोसायटी, कृष्ण सुदामा सेवा समिति, स्नेह बिहारी सेवा परिवार, राधे कृष्णा सेवा परिवार, श्री राधा रानी फूल बंगला उत्सव कमेटी, राम भक्त बाला जी सेवा परिवार, श्री शिवदेव चैरीटेबल ट्रस्ट, श्री हरि सेवा समिति, मंदिर संगला वाला शिवाला, श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर, जय भोलेनाथ मंदिर, नवदुर्गा मंदिर, माता ङ्क्षचतपूर्णी मंदिर, जोगीनाथ मंदिर, मां पार्वती शिव मंदिर, शीतला माता मंदिर, राधे श्याम मंदिर, बांके बिहारी मंदिर ने आरती उतार कर जगन्नाथ जी का स्वागत किया। 

सार्वजनिक क्षेत्र के संगठन व उपक्रमों के प्रमुख रहे भक्ति के वश 
जिला बार संघ, डिस्ट्रिक्ट सेल टैक्स बार, इंडियन ओवरसीज बैंक, यूनाइटेड इंडिया इंश्योरैंस, लुधियाना स्टाक एक्सचेंज, न्यू इंडिया इंश्योरैंस कंपनी, एच.डी.एफ.सी. बैंक, इलाहाबाद बैंक, देना बैंक, पंजाब नैशनल बैंक, जैसी कई संस्थाएं स्वागती मंच लगाकर, श्रद्धालुओं के लिए प्रसाद वितरण करके अपने आपको जगन्नाथ जी के श्री चरणों में अर्पित कर रहे थे।

संकीर्तन मंडलों ने हरिनाम की अविस्मरणीय धुन छेड़ी  
इस्कॉन के विभिन्न सैंटरों जिनमें मुरादाबाद, कुरुक्षेत्र, पीलीभीत, अंबाला, करनाल, लुधियाना के श्री राधा माधव संकीर्तन मंडल, सर्वव्यापी संकीर्तन मंडल, श्री हनुमंत सेवा संगीत परिवार, इस्कॉन राधा गोपीनाथ संकीर्तन मंडल आदि अनेकों संकीर्तन मंडल जगन्नाथ रथ के आगे भगवान के नाम की प्रेम धारा बहा रहे थे। 

रंगोलियों के रंग ने भरा भक्ति का नया रंग
जगन्नाथ रथयात्रा मार्ग पर भगवान के स्वागत हेतु विभिन्न रंगोलियां सजाई गईं। सतरंगी, मोरपंखी, दीपक रंगोली रथयात्रा मार्ग पर भक्ति का रंग संजोए हुए थी। इन सेवा कार्यों में संदीप शर्मा, सौरभ सैनी, दीपक अरोड़ा, रॉबिन कौड़ा, सम्पन्न शर्मा, हनी जोशी, प्रतीक शर्मा, साहिल सैनी, आकाश गुप्ता आदि सैंकड़ों जगन्नाथ सेवक सुंदर रंगोलियां सजाने में सारा समय व्यस्त रहे। 
 

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