Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Aug, 2017 11:48 AM
पंजाब सरकार के निर्देशों पर सिंचाई विभाग ने पूर्व अकाली-भाजपा सरकार के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार पर विजीलैंस ब्यूरो ने अपनी नजर तीखी
जालंधर (धवन): पंजाब सरकार के निर्देशों पर सिंचाई विभाग ने पूर्व अकाली-भाजपा सरकार के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार पर विजीलैंस ब्यूरो ने अपनी नजर तीखी कर ली है तथा उसने सरकार से हरी झंडी मिलने के बाद 1000 करोड़ के विकास कार्यों की जांच शुरू कर दी है।
सरकारी हलकों ने बताया कि पूर्व सरकार के समय 1000 करोड़ के काम प्राइवेट ठेकेदारों को सौंपे गए थे। विजीलैंस ब्यूरो इस समय मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह के पास है। अमरेंद्र सरकार ने सिंचाई में हुई अनियमितताओं से पर्दा उठाने के निर्देश जारी कर दिए हैं। विजीलैंस को पता चला है कि ये कार्य महंगे दामों पर करवाए गए। विभाग की दरों की तुलना में ये रेट 10 से 50 प्रतिशत ऊंचे रहे। पिछले दिनों विजीलैंस ने इस संबंध में विभाग के 4 अधिकारियों तथा एक बड़े ठेकेदार के खिलाफ केस भी दर्ज किया था। अधिकारियों का मानना है कि सिंचाई विभाग में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं हुई। विजीलैंस ने राज्य के विभिन्न विभागों में जांच कार्य में कई ठेकेदारों को शामिल करने का निर्णय लिया है जिन्होंने बड़े पैमाने पर धन व संपत्तियां बनाई हैं।
ये संपत्तियां चंडीगढ़, मोहाली, लुधियाना, नोएडा व अन्य भागों में होने का संदेह है। इससे पहले भी विजीलैंस ने 24 जून को सिंचाई विभाग के 6 इंजीनियरों व एक ठेकेदार के खिलाफ सरकारी खजाने को चपत लगाने के आरोपों में गिरफ्तार किया था। पंजाब इरीगेशन कांट्रैक्टर एसो. ने आरोप लगाया कि पूर्व सरकार के समय सिंचाई विभाग में जमकर भ्रष्टाचार हुआ। अधिकारियों का मानना है कि छोटे ठेकेदारों को तो विकास कार्य आबंटित करते समय बाहर कर दिया गया। विभाग में नियम व शर्तें इस तरह से बनाई गई कि कोई भी छोटा ठेकेदार काम न ले सके। सारे काम बड़े ठेकेदारों के पास जा रहे थे। विजीलैंस की जांच लंबी चलने के आसार हैं तथा उसके बाद विभिन्न कथित अनियमितताओं से पर्दा उठेगा।