Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Oct, 2017 12:08 PM
भारत संचार निगम लिमिटेड द्वारा बेशक देश के उपभोक्ताओं के लिए बड़ी सहूलियतें देने के लाखों दावे किए जाते हैं लेकिन इन सहूलियतों का लाभ अभी तक टैलीफोन एक्सचेंज बिलासपुर के उपभोक्ताओं तक नहीं पहुंचा, जिस कारण करोड़ों रुपए की लागत से बनाई गई इमारत आज...
निहाल सिंह वाला/बिलासपुर(बावा/जगसीर): भारत संचार निगम लिमिटेड द्वारा बेशक देश के उपभोक्ताओं के लिए बड़ी सहूलियतें देने के लाखों दावे किए जाते हैं लेकिन इन सहूलियतों का लाभ अभी तक टैलीफोन एक्सचेंज बिलासपुर के उपभोक्ताओं तक नहीं पहुंचा, जिस कारण करोड़ों रुपए की लागत से बनाई गई इमारत आज विभाग के अधिकारियों की गलत नीतियों कारण सफेद हाथी बन चुकी है। इस टैलीफोन एक्सचेंज के तहत 3 टैलीफोन एक्सचेंज हिम्मतपुरा, बोडे तथा बिलासपुर के अलावा 10 गांव पड़ते हैं।
15 वर्ष पहले टैलीफोन एक्सचेंज बिलासपुर के उपभोक्ताओं की संख्या 3 हजार थी जो अब कम होकर 400 तक पहुंच गई है। टैलीफोन सहूलियतें लेने के लिए उपभोक्ताओं को लंबे समय तक प्रतीक्षा करनी पड़ती थी लेकिन विभाग उपभोक्ताओं की जरूरतों पर खरा नहीं उतरा। खराब टैलीफोन ठीक करवाने के लिए उपभोक्ताओं को कई-कई महीने प्रतीक्षा करनी पड़ती थी, जिस कारण उपभोक्ताओं की गिनती बढऩे की बजाय घट रही है। आज उपभोक्ताओं की गिनती माछीके तथा नवां माछीके में 55, रामा में 55, लौहारा में 50, भागीके में 50, कुस्सा में 8 है। 9 हजार संख्या वाली टैलीफोन एक्सचेंज हिम्मतपुरा में टैलीफोन कनैक्शनों की संख्या 97 तथा 900 वाली ही बोडे की एक्सचेंज में 96 के करीब है। आज सिर्फ इंटरनैट के प्रयोग करने वाले उपभोक्ता ही बी.एस.एन.एल. की सहूलियत प्राप्त कर रहे हैं, जबकि टैलीफोन का प्रयोग करने वाले उपभोक्ता इससे किनारा कर रहे हैं।
केबल काटने कारण ठप्प हुई सेवाएं
गांव बिलासपुर में जनवरी महीने टैलीफोन केबल काटे जाने कारण गांव माछीके, नवां माछीके व लौहारा के उपभोक्ता 10 महीनों से सहूलियतों से वंचित हैं। पता चला है कि विभाग के अधिकारी नई केबल मुहैया नहीं करवा रहे। परेशान उपभोक्ताओं ने कहा कि अगर इस मामले का जल्द हल न किया तो वे उपभोक्ता फोरम में जाने को मजबूर होंगे।
2 कच्चे मुलाजिमों के सहारे कारोबार
3 टैलीफोन एक्सचेंजों व 8 गांवों के लिए सिर्फ 2 मुलाजिम ही हैं, जो 10 गांवों की शिकायतों के हल के लिए गांवों में ही रहते हैं। इस कारण 10 गांवों के उपभोक्ताओं को अपनी शिकायत दर्ज करवाने के लिए भी भारी समस्या का सामना करना पड़ता है।
25 वर्ष पुरानी कंडम तारें अभी तक नहीं बदलीं
सूत्रों अनुसार विभाग ने गांवों में जो टैलीफोन केबल डाली थी, वह 25 वर्ष से भी अधिक पुरानी है, जो बहुत ही कंडम हो चुकी है। इस कारण एक बार खराब होने वाला टैलीफोन कई-कई महीने खराब रहता है लेकिन विभाग के अधिकारियों ने इस केबल को बदलने की कोई जरूरत नहीं समझी। जानकारी के अनुसार विभाग के पास अपना कोई ज्वाइंट केबल आप्रेटर नहीं है, जिस कारण यह काम अनट्रेंड आम मुलाजिमों को ही करना पड़ रहा है।