Edited By Updated: 20 Jan, 2017 09:14 AM
बुधवार को पाकिस्तान से आने वाली मालगाड़ी की बोगी के प्रैशर सिलैंडर से कस्टम विभाग की तरफ से रैमजिंग के दौरान एक किलो हैरोइन जब्त किए जाने का मामला सामने आने के बाद एक बार ........
अमृतसर (नीरज): बुधवार को पाकिस्तान से आने वाली मालगाड़ी की बोगी के प्रैशर सिलैंडर से कस्टम विभाग की तरफ से रैमजिंग के दौरान एक किलो हैरोइन जब्त किए जाने का मामला सामने आने के बाद एक बार फिर से सुरक्षा एजैंसियों ने अपना फोकस मालगाड़ी रुकने के अंतिम पड़ाव अमृतसर स्थित इंटरनैशनल रेल पर सैट कर दिया है क्योंकि पाकिस्तान से भारत आने वाली मालगाड़ी को इसी रेल कारगो पर खड़ा किया जाता है और वस्तुओं की लोडिंग अनलोडिंग का काम किया जाता है।
इस रेल कारगो की बात करें तो भारत-पाकिस्तान के बीच आयात-निर्यात का मुख्य जरिया अमृतसर स्थित इंटरनैशनल रेल कारगो कस्टम विभाग की लाख कोशिशों के बावजूद आज भी सुरक्षा विहीन ही नजर आ रहा है। इसका एक मात्र कारण इंटरनैशनल रेल कारगो में किसी प्रकार की बाऊंड्री न होना और एंट्री प्वाइंटों में किसी प्रकार की नाकाबंदी न होना है। हालात ये हैं कि इस इंटरनैशल रेल कारगो पर पाकिस्तान से आयातित वस्तुओं को रखने के लिए बनाए गए गोदाम भी इतने पुराने हो चुके हैं कि इसमें छेद पड़ चुके हैं। जहां से व्यापारियों का सामान भी चोरी हो जाता है।
यह इंटरनैशनल रेल कारगो चारों तरफ से खुला हुआ है और इसमें कोई भी व्यक्ति आसानी के साथ घुसपैठ कर सकता है। रात के समय में तो यहां पर उल्लू बोलते हैं और चारों तरफ अंधेरा ही अंधेरा रहता है, यही कारण है हैरोइन की तस्करी करने वाले स्मगलर इस इंटरनैशनल रेल कारगो को तस्करी का जरिया बना रहे हैं और पाकिस्तान से आने वाली मालगाड़ी की बोगियों में हैरोइन की तस्करी करवा रहे हैं, क्योंकि यहां पर किसी प्रकार की सुरक्षा नहीं है इसलिए हैरोइन की खेप को निकालना भी तस्करों के लिए बहुत आसान बन जाता है।
हालांकि कस्टम विभाग ने हैरोइन तस्करी को रोकने के लिए मुखबिरों को दिए जाने वाले रिवार्ड में 6 गुना ज्यादा बढ़ौतरी करते हुए एक किलो हैरोइन के पीछे 1.20 लाख रुपए का रिवार्ड घोषित कर दिया है और पाकिस्तानी मालगाड़ी जिनकी बोगियां भारतीय होती हैं उनकी बी.सी.एक्स. बोगियों में बनी कैविटीज को भी भरवा दिया है ताकि तस्कर इन कैविटीज में खेप न छिपा सकें लेकिन पाकिस्तान व भारत में काम करने वाले तस्कर हैरोइन की खेप भेजने के लिए नए-नए तरीके अपना रहे हैं। पहले वैक्यूम पाइपों में खेप भेजी गई तो अब प्रैशर सिलैंडरों के जरिए खेप भेजने का प्रयास किया जा रहा है।
विभाग ने तस्करी रोकने के लिए बी.एस.एफ., पंजाब पुलिस, डी.सी. अमृतसर व अन्य सुरक्षा एजैंसियों के अधिकारियों के साथ भी बैठकों का दौर शुरू किया है लेकिन जब तक इस इंटरनैशनल रेल कारगो पर सुरक्षा प्रबंध ठीक नहीं किए जाते हैं तब तक तस्करी पर नकेल नहीं डाली जा सकती है।
रेलवे कारगो के सुरक्षा कवच की ओर अधिकारियों का कोई ध्यान नहीं
इंटरनैशनल रेल कारगो पर समय-समय पर तैनात रहने वाले कस्टम अधिकारियों यहां तक कि मौजूदा कस्टम कमिश्नर कैप्टन संजय गहलोत व डी.सी. शंभू लाल ने भी केन्द्र सरकार को रेल कारगो पर सुरक्षा कवच बनाने की लिखित अपील की है लेकिन रेलवे की तरफ से इसकी कोई सुनवाई नहीं की जा रही है क्योंकि रेल कारगो पर निर्माण संबंधी सभी अधिकार रेलवे के पास ही हैं लेकिन रेलवे इस तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
कस्टम अधिकारियों की तरफ से रेलवे के उच्चाधिकारियों के साथ भी कई बार बैठकों का दौर शुरू किया गया है, यहां तक कि रेलवे बोर्ड के कई मैंबरों ने भी रेल कारगो का दौरा किया है लेकिन मामला हर बार ठंडे बस्ते में चला जाता है। रेल कारगो का दौरा किया गया तो यहां पर किसी प्रकार के सुरक्षा प्रबंध नजर न आए, जबकि इसी रेल कारगो पर हैरोइन तस्करी की बड़ी-बड़ी वारदातें हो चुकी हैं।
दूसरे दिन भी अटारी रेलवे स्टेशन पर खड़ी रही मालगाड़ी
बुधवार को पाकिस्तान से आई मालगाड़ी से हैरोइन की खेप जब्त किए जाने के बाद कस्टम विभाग ने वीरवार को भी मालगाड़ी की सभी बोगियां अटारी स्टेशन पर ही खड़ी रखीं और इनको अमृतसर स्थित इंटरनैशनल रेल कारगो पर नहीं जाने दिया गया ताकि बोगियों को सभी पहलुओं से खंगाला जा सके। वीरवार को समझौता एक्सप्रैस आने के कारण तलाशी अभियान पूरा नहीं किया जा सका।हर बार कैविटीज से निकलती थी हैरोइन की खेपअमृतसर स्थित इंटरनैशनल रेल कारगो पर हैरोइन तस्करी के केसों पर नजर दौड़ाएं तो पता चलता है कि भारत-पाक कारोबार करने के लिए बनाया गया रेल कारगो इस समय तस्करी का अड्डा बन चुका है और मालगाड़ी की बोगियों की कैविटीज से ही हैरोइन की खेप जब्त की जाती रही है।
आई.सी.पी. में शिफ्ट हो चुके हैं ज्यादातर व्यापारी
इंटरनैशनल रेल कारगो पर हैरोइन की बड़ी खेपें पकड़े जाने के चलते पाकिस्तान के साथ आयात-निर्यात करने वाले ज्यादातर बड़े व्यापारी इस समय अटारी बॉर्डर स्थित आई.सी.पी. की तरफ शिफ्ट हो चुके हैं और ट्रकों के जरिए वस्तुओं का आयात-निर्यात कर रहे हैं, क्योंकि जब इंटरनैशनल रेल कारगो पर किसी व्यापारी की बोगी से हैरोइन की खेप पकड़ी जाती है तो उससे भी पूछताछ की जाती है जिससे व्यापारी परेशान होते हैं।
अब क्या हो रहा है आयात-निर्यात
इंटरनैशनल रेल कारगो पर इस समय 80 प्रतिशत आयात-निर्यात खत्म हो चुका है और आई.सी.पी. अटारी में शिफ्ट
है लेकिन फिर भी भारतीय व्यापारियों की तरफ से इस समय मूंगफली, टायर ट्यूब, वैजीटेबल सीड्स, कॉटन आदि पाकिस्तान को भेजी जाती है जबकि पाकिस्तान से सॢजकल गुड्स, नमक और कभी कभार पाकिस्तानी सीमैंट आता है। हैरोइन तस्करी की घटनाओं के कारण रेल कारगो का सारा काम खत्म हो चुका है।
रेल कारगो पर ही पकड़ी जा चुकी है 105 किलो हैरोइन
अमृतसर स्थित इंटरनैशनल रेल कारगो पर हैरोइन तस्करी के केसों पर नजर दौड़ाएं तो पता चलता है कि इसी रेल कारगो पर अब तक की सबसे बड़ी खेप यानि 105 किलो हैरोइन की खेप पिछले वर्षों के दौरान पाकिस्तान से आयातित सीमैंट से पकड़ी जा चुकी है, जो यह साबित करता है कि रेल कारगो तस्करी का गढ़ बन चुका है और इस पर शिकंजा कसने के लिए सभी सुरक्षा एजैंसियों को संयुक्त प्रयास करने की जरूरत है और सबसे बड़ी जरूरत है, यहां पर सुरक्षा प्रबंध कड़े करनी की ताकि कोई भी आम व्यक्ति या बाहरी व्यक्ति इस कारगो में दाखिल न हो सके।
रेल कारगो से ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं 2 कुली
अमृतसर रेलवे स्टेशन स्थित इंटरनैशनल रेल कारगो की बात करें तो पता चलता है कि इसी रेल कारगो पर मालगाड़ी की बोगियों में बनी कैविटीज से डी.आर.आई. ने हैरोइन की बड़ी खेप के साथ 2 कुलियों को गिरफ्तार किया था और उसके बाद अटारी बॉर्डर स्थित गांव मोदे के निवासी पंजाब पुलिस के सब-इंस्पैक्टर रणजीत सिंह को भगौड़ा घोषित किया था क्योंकि रणजीत सिंह ही इस मामले में मास्टर माइंड था, हालांकि पंजाब पुलिस ने उक्त अधिकारी को नौकरी से बर्खास्त भी कर दिया है और कई वर्ष तक भागने के बाद अजनाला पुलिस ने रणजीत सिंह राणा को गिरफ्तार भी कर लिया है लेकिन पिछला रिकार्ड यह साबित करता है कि तस्कर रेल कारगो के जरिए इसलिए ही हैरोइन मंगवाते थे क्योंकि यहां पर सुरक्षा प्रबंध ठीक नहीं हैं।
बोगियों की वैक्यूम पाइपों में भी आ रही हैरोइन की खेप
इंटरनैशनल रेल कारगो पर हैरोइन तस्करी के नजरिए से देखा जाए तो कस्टम कमिश्नर ने मालगाड़ी की बोगियों से मिलने वाली कैविटीज को भरने के लिए जो प्रयास शुरू किया है वह एक अच्छा कदम है लेकिन पाकिस्तानी तस्कर सिर्फ इसी प्रयास से काबू आने वाले नहीं हैं क्योंकि कई बार तस्करों ने बोगियों की वैक्यूम पाइपों में भी हैरोइन की खेप छिपाकर भेजी है, यहां तक कि बोगियों को आपस में जोडऩे वाली लौहे की पाइपों में भी हैरोइन की खेप छिपाकर भेजी जा चुकी है जिसको अटारी स्टेशन पर तैनात कस्टम विभाग के तत्कालीन डी.सी. अमनजीत सिंह ने गैस कटर के जरिए काटा था और हैरोइन की खेप निकाल कर तस्करों के इरादों को नाकाम कर दिया था, इतना ही नहीं एक बार तो रेलवे के कर्मचारियों ने भी हैरोइन की एक बड़ी खेप को वैक्यूम पाइपों से निकाल कर कस्टम विभाग के हवाले किया था, जिसको देखकर यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि पाकिस्तानी तस्कर हैरोइन की खेप भेजने के लिए रेलवे से संबंधित तकनीकी माहिरों की भी मदद ले रहे हैं लेकिन सवाल यह पैदा हो रहा है कि इस प्रकार की खेप को निकाल भी तकनीकी माहिर ही सकते हैं।