Edited By Updated: 25 May, 2017 01:28 PM
मोदी सरकार द्वारा शुरु किए गए स्वच्छ भारत मिशन के तहत कोई इंसान हिसाब किताब छोड़ जूते पॉलिश करने लगे तो हैरानी तो होगी ही।
पठानकोटः मोदी सरकार द्वारा शुरु किए गए स्वच्छ भारत मिशन के तहत कोई इंसान हिसाब किताब छोड़ जूते पॉलिश करने लगे तो हैरानी तो होगी ही। इसकी वजह जानने के लिए हर कोई इस इंसान के बारे में जानना चाहेगा। ये इंसान कोई अौर नहीं बल्कि एक अकाउंटैंट है।
दिल्ली निवासी रंजीत मिश्रा पेशे से अकाऊंटैंट हैं। रंजीत स्वच्छ भारत मिशन के तहत लोगों को जागरूक करने के लिए कन्या कुमारी से कश्मीर तक पैदल यात्रा कर रहे हैं। यात्रा में वह लोगों के जूते पॉलिश कर मात्र दो रुपए लेते हैं और वह दो रुपए भी केंद्र सरकार के स्वच्छ भारत कोष में जमा करवा देते हैं। अब तक रंजीत 1100 से ज्यादा लोगों के जूते पॉलिश कर चुके हैं।
कन्याकुमारी से हजारों किलोमीटर पैदल चलकर पठानकोट पहुंचे रंजीत ने बताया कि उन्होंने अपना सफर फरवरी में शुरू किया था। वह तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली, चंडीगढ़, हिमाचल से होते हुए पंजाब पहुंचे हैं। इसके बाद वह कश्मीर जाकर अपनी यात्रा संपन्न करेंगे।
रंजीत ने बताया कि वह पैदल यात्रा और जूते पॉलिश करके लोगों में स्वच्छ भारत मुहिम के प्रति जागरूकता लाना चाहते हैं। यात्रा से सरकारी कोष में चाहे बहुत छोटा योगदान जा रहा है, लेकिन बड़ी संख्या में लोग उनके इस अभियान से प्रभावित हो रहे हैं।
रंजीत का मानना है कि देश के बड़े अधिकारियों में स्वच्छ भारत अभियान के प्रति सजगता होनी चाहिए। तभी यह अभियान सफल होगा। रंजीत ने बताया कि उन्होंने 1100 से ज्यादा लोगों के जूते पॉलिश करके स्वच्छ भारत कोष में 2200 से ज्यादा रुपये जमा कर दिए हैं।
अभियान में तिरंगा साथ लेने का कारण पूछने पर रंजीत कहते हैं कि तिरंगा उनका मनोबल बढ़ाता है। तिरंगे के साथ के कारण ही वह इतना सफर करने में सफल हुए हैं। रंजीत ने बताया कि अभियान में वह अब तक तीन तिरंगे बदल चुके हैं। जेएंडके में जाने से पहले पठानकोट में वह नया तिरंगा लेंगे, ताकि जम्मू-कश्मीर में उनके तिरंगे की चमक देखकर राष्ट्र विरोधी तत्वों में थोड़ी देशभक्ति जग सके।