Edited By Updated: 31 Jan, 2017 04:05 PM
दिन-प्रतिदिन बढ़ रही सर्दी और कोहरे ने जहां सर्दियों का रिकार्ड तोड़ दिया है, वहीं कोहरे की मार से आम जनजीवन प्रभावित हो गया है।
रूपनगर (कैलाश): दिन-प्रतिदिन बढ़ रही सर्दी और कोहरे ने जहां सर्दियों का रिकार्ड तोड़ दिया है, वहीं कोहरे की मार से आम जनजीवन प्रभावित हो गया है। सुबह घने कोहरे में बच्चों का स्कूल जाना किसी जंग जीतने से कम नहीं है। यहीं बस नहीं बच्चों को स्कूलों के कमरों में भीषण ठंड में ठिठुरने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। वहीं कुछ प्रशासनिक अधिकारियों के कार्यालयों में खाली कुर्सियों को उनके हीटर गर्म करते देखे जा सकते हैं। जानकारी के अनुसार गत दिनों से तापमान में गिरावट लगातार जारी है। इसके साथ ही रूपनगर शहर के साथ लगते ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को स्कूल जाने के लिए सुबह से ही कोहरे में अपने साइकिलों, दोपहिया वाहनों पर निकलना पड़ता है। दूसरी तरफ इस बात की आम चर्चा है कि कार्यालयों में काम करने वाले कर्मचारियों के कमरे में ठंड से बचने के लिए हीटर आम चलते रहते हैं ताकि उनके कमरे गर्म रहें, परंतु इस बात की भी हद हो जाती है कि कुछ उच्चाधिकारियों के कमरों में कई बार खाली कुर्सियों को ही हीटर गर्म करते रहते हैं जबकि अधिकारी कमरों में घंटों नहीं पहुंचते। आज उपायुक्त के एक उच्चाधिकारी के कमरे का हीटर भी खाली पड़ी कुर्सियों को गर्म करता देखा गया। जब इस संबंधी संबंधित अधिकारी से बात करनी चाहिए तो टैलीफोन एक्सचेंज के नंबर 221157 के आप्रेटर ने बताया कि संबंधित अधिकारी डी.सी. के पास बैठक में गए हैं जो वहीं बैठे लोगों में चर्चा का विषय था।
कोहरे के कहर ने बढ़ाई बच्चों की मुश्किलें
इस मौके पर प्रीत कालोनी निवासी एक महिला सतेन्द्र कौर जो अपने बच्चे को स्कूल छोडऩे के लिए रोजाना की तरह एक मोहल्ले से मुख्य मार्ग तक पैदल आती है, ने बताया कि ठंड के कारण बच्चों का बुरा हाल है। इसके अलावा बच्चों के अभिभावकों ने बताया कि सॢदयों की छुट्टियां सरकार द्वारा दिसम्बर में की जाती हैं परंतु इस बार दिसम्बर में इतनी ठंड नहीं थी जितनी मौजूदा समय के दौरान है। उन्होंने कहा कि अब कुछ सालों से ठंड देरी से पड़ रही है, जिसके चलते जिला प्रशासन तथा सरकार को सर्दियों की छुट्टियां भी देर से करनी चाहिएं। उन्होंने कहा कि गत दिवस भारी बारिश तथा हिमाचली क्षेत्रों में पड़ी बर्फ के कारण मैदानी क्षेत्रों में सर्दियों का कहर जारी है। उन्होंने बताया कि 5वीं तक के छोटे बच्चों की छुट्टियों में वृद्धि होनी चाहिए ताकि बच्चे ठंड से बच सकें।