Edited By Updated: 25 Feb, 2017 11:29 AM
पंजाब पुलिस के उच्चाधिकारियों द्वारा अपने ही विभाग के एक रि. इंस्पैक्टर हजूरा सिंह (64) और उनके बेटे गुरप्रीत सिंह (33) के दोहरे हत्याकांड की पारदर्शी जांच न कर पाने व सभी अपराधियों को न पकड़ पाने के आरोपों वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने...
चंडीगढ़ (बृजेन्द्र): पंजाब पुलिस के उच्चाधिकारियों द्वारा अपने ही विभाग के एक रि. इंस्पैक्टर हजूरा सिंह (64) और उनके बेटे गुरप्रीत सिंह (33) के दोहरे हत्याकांड की पारदर्शी जांच न कर पाने व सभी अपराधियों को न पकड़ पाने के आरोपों वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने डी.जी.पी. से इस कत्लकांड को लेकर दर्ज मामले की स्टेटस रिपोर्ट तलब की है। इंस्पैक्टर हजूरा की पत्नी सुखजीत कौर ने याचिका में आरोप लगाया है कि पुलिस आरोपियों से मिलीभगत व राजनीतिक रसूख के चलते अन्य आरोपियों पर कार्रवाई नहीं कर रही।
याची पक्ष ने अपने परिवार की सुरक्षा की मांग भी हाईकोर्ट से की है। मामले की जांच को लेक र डी.जी.पी., उप-मुख्यमंत्री व मुख्यमंत्री तक को कई मांग पत्र दिए गए लेकिन कार्रवाई नहीं की गई। गुरप्रीत को पैसे वापस न करने के चलते ही मारा गया। सारे आरोपी समाना के हैं और इनमें से किसी ने गुरप्रीत से पैसे फाइनांस करवाए हुए हैं। किसी से पुलिस ने हजूरा सिंह का सोने का कड़ा बरामद किया है। किसी का फोन गुरप्रीत को समाना बुलाने के लिए इस्तेमाल किया गया।
इसके बावजूद सिर्फ विश्व अमन को ही गिरफ्तार कर लिया गया जबकि अन्य आरोपी पकड़े नहीं गए। पुलिस के तत्कालीन एस.एस.पी. व एस.पी. (डी) समेत समाना के तत्काल एस.एच.ओ. को पार्टी बनाते हुए संबंधित याचिका दायर की गई है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि सुखजीत कौर द्वारा दी गई शिकायत के बावजूद पहले तो पुलिस ने कार्रवाई नहीं की और बाद में करीब महीने बाद सिर्फ विश्व अमन सिंह को आरोपी बना चार्जशीट दायर कर दी जिसमें कहा गया कि उसने गुरप्रीत सिंह व हजूरा को कोल्ड ङ्क्षड्रक में नशे की गोलियां दे गाड़ी को नहर में धक्का दे दिया। गुरप्रीत की लाश कुछ घंटों में ही मिल गई थी जबकि हजूरा सिंह की लाश हरियाणा के रतिया क्षेत्र से मिली थी।