मासूम के हत्यारोपी ने कोर्ट में की थी सजा की कटौती की मांग लेकिन...

Edited By Updated: 27 Mar, 2017 03:39 PM

innocent of murder but the court had sought a reduction of sentence

गली में खेल रहे मासूम बच्चे को किडनैप कर एक करोड़ रुपए की फिरौती के चक्कर में उसकी हत्या किए जाने के एक मामले में नाबालिग हत्यारोपी भी शामिल था। उसे स्थानीय जुविनाइल कोर्ट ने अलग-अलग जुर्म में एक से 3 वर्ष तक की कैद की सजा सुनाई थी। उसके खिलाफ सैशन...

अमृतसर(महेन्द्र):गली में खेल रहे मासूम बच्चे को किडनैप कर एक करोड़ रुपए की फिरौती के चक्कर में उसकी हत्या किए जाने के एक मामले में नाबालिग हत्यारोपी भी शामिल था। उसे स्थानीय जुविनाइल कोर्ट ने अलग-अलग जुर्म में एक से 3 वर्ष तक की कैद की सजा सुनाई थी। उसके खिलाफ सैशन कोर्ट में अपील दायर कर उसने सजा को कम करने का अनुरोध किया था लेकिन अतिरिक्त जिला एवं सैशन जज शिव मोहन गर्ग की अदालत ने उसकी अपील को भी खारिज कर दिया है।

उल्लेखनीय है कि गली तेलियां, गेट हकीमां निवासी सुनील कुमार के मासूम बेटे कर्ण उर्फ सुशांत को 12-6-2012 सुबह करीब 11 बजे कुछ अपहरणकर्ता उस समय किडनैप करके ले गए, जब घर के बाहर गली में दूसरे बच्चों के साथ खेल रहा था। परिवार के एक सदस्य को मोबाइल नंबर 81367-26215 से फोन काल आई कि उनका बच्चा उनके पास है, किसी को बताया तो बच्चे को मार दिया जाएगा। उसके पश्चात 16-6-2012 को दोबारा किसी दूसरे मोबाइल नंबर 96466-91879 से बच्चे को रिहा करवाने के लिए एक करोड़ रुपए की फिरौती मांगी गई थी। उसके पश्चात न तो कोई काल आई और न ही बच्चे का ही कोई पता लग पा रहा था। कुछ दिनों के पश्चात गांव राजोके निवासी स्वर्ण सिंह पुत्र लक्ष्मण सिंह की सूचना के आधार पर पुलिस ने बच्चे का शव बरामद किया था। 

फोन काल के आधार पर पुलिस ने दबोचे थे हत्यारोपी
पुलिस ने नंबर 91466-91879 के आधार पर मामले की गहराई से जांच शुरू की तो पता चला यह नंबर अन्नगढ़ निवासी साहिब सिंह के नाम पर था, जिसे अन्नगढ़ निवासी घोल्ली पुत्र जसपाल सिंह ने चोरी करके हैप्पी को फिर उसने प्रिन्स को और उसने सुखचैन सिंह को दे दिया था। फिर क्या था? पुलिस ने एक-एक करके सभी लोगों को काबू करने के पश्चात असली हत्यारोपियों को गिरफ्तार करने का दावा किया था। इसमें बाजार गुज्जरां निवासी गगनदीप सिंह पुत्र जोहनी (नाबालिग) भी शामिल था। इसे 22-8-2016 को जे.एम.आई.सी. गगनदीप सिंह (जुविनाइल कोर्ट के न्यायाधीश) ने अपने फैसले में भा.दं.सं. की धारा 364-ए, 302, 120-बी, तीनों जुर्म में 3-3 वर्ष तथा 201 व 506/120-बी, में एक-एक वर्ष की कैद किए जाने की सजा सुनाई थी।इसके खिलाफ नाबालिग हत्यारोपी ने सजा को कम करवाने के लिए सैशन कोर्ट में अपील दायर कर रखी थी, जबकि अन्य आरोपियों के खिलाफ सैशन कोर्ट में अलग से मामला चलता रहा।

बालिग होने के बावजूद चिल्ड्रन होम में कटेगी सजा

जुर्म के वक्त हत्यारोपी गगनदीप सिंह नाबालिग था, लेकिन लोअर कोर्ट के फैसले के पश्चात सैशन कोर्ट में उसकी अपील खारिज होने के वक्त वह बालिग हो चुका था, इसलिए बालिग होने के बावजूद अतिरिक्त जिला एवं सैशन जज शिव मोहन गर्ग की अदालत ने सजा प्राप्त आरोपी को होशियारपुर में स्थित स्पैशल होम फार चिल्ड्रन में भेज दिया है, क्योंकि जुर्म के वक्त वह नाबालिग ही था। नाबालिग हत्यारोपी होने के नाते अदालत ने उसे सजा काटने के लिए स्पैशल होम फार चिल्ड्रन में भेजा है।

बच्चे का इलाज करवाने का भी प्रयास किया था हत्यारोपियों ने
पुलिस जांच-पड़ताल में यह बात भी सामने आई थी कि किडनैपिंग के पश्चात बच्चा कुछ ज्यादा ही डर रहा था, जो डर के मारे कांप रहा था। उसकी तबीयत बिगड़ जाने के कारण कुछ अपहरणकर्ताओं ने खुद को अपने परिवार का बच्चा बता कर किसी डाक्टर/कैमिस्ट शॉप से दवा लेते हुए उसका इलाज भी करवाने का प्रयास किया था, लेकिन तक तक बहुत देर हो चुकी थी। आखिर आरोपियों ने खुद को बचाने के प्रयास में उसके शव को खुर्द-बुर्द करने के लिए किसी नहर में फैंक दिया था। 

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