उद्योगों को 5 रुपए प्रति यूनिट बिजली मिलेगी, मुख्यमंत्री अमरेन्द्र ने उच्च स्तरीय कमेटी बनाई

Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Dec, 2017 05:19 PM

industries will get rs 5 per unit power

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने आज उद्योगों पर बिजली दरों का मामला विचारने के लिए उच्च स्तरीय बैठक की

जालंधर/चंडीगढ़ (धवन): पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने आज उद्योगों पर बिजली दरों का मामला विचारने के लिए उच्च स्तरीय बैठक की, जिसमें वरिष्ठ मंत्रियों व अधिकारियों ने भाग लिया। बैठक में मुख्यमंत्री ने उच्च स्तरीय कमेटी का गठन करते हुए उन्हें निर्देश दिए कि वह उद्योगों को 5 रुपए प्रति यूनिट बिजली देने के वायदे को जल्द लागू करवाने का भरोसा देंगे तथा साथ ही उद्योगों की शंकाओं का निवारण भी करेंगे। मुख्यमंत्री ने बिजली मंत्री राणा गुरजीत सिंह तथा वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल को कहा कि वह कल उद्यमियों के साथ मुलाकात करे तथा तय बिजली दरों को पिछले समय से न लागू करने का आश्वासन देते हुए उनके अन्य मसलों का निवारण करें।  

 

सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने उद्योगों को पेश आ रही मुश्किलों तथा बिजली रैगुलेटरी कमिशन द्वारा तय बिजली दरों को लागू करने से पैदा हुई समस्याओं का गंभीर नोटिस लिया है। उन्होंने कहा कि वह उद्योगों को 5 रुपए प्रति यूनिट बिजली देंगे तथा इसमें और देरी नहीं की जाएगी। कांग्रेस सरकार  राज्य में 1 जनवरी 2018 से नए बिजली ढांचे को व्यवहारिक रूप देने के लिए तैयार है। बैठक में अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की गई जिसमें पंजाब राज्य बिजली रैगुलेटरी कमिशन द्वारा ऐलानी तय बिजली दरों को 1 अप्रैल 2017 से लागू किया जाना भी शामिल था। अगर तय दरें मौजूदा रूप में लागू होती हैं तो 600 करोड़ रुपए का वित्तीय बोझ पड़ेगा। जबकि उद्योगों द्वारातय बिजली दरों का विरोध किया जा रहा है, जो अपने यूनिटों का लोड ठीक करवाने के लिए और समय चाहते हैं। 

 

कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने कहा कि अनेकों उद्योगों ने अपनी इकाइयों के लोड कम करवा लिए हैं। छोटे उद्योगों जोकि कम समय के लिए चलते हैं, को नई दोसूत्री बिजली  दरों से मार पड़ रही है। इन यूनिटों ने बिजली दरों को सीमित करने की मांग की है जिस पर कल होने वाली बैठक में दोनों मंत्री विचार करेंगे। उद्योगों को 5 रुपए प्रति यूनिट बिजली देने के वायदे को दोहराते मुख्यमंत्री ने कहा कि इसे हर हाल में लागू किया जाएगा। बिजली रैगुलेटरी कमिशन के कारण जो समस्याएं पैदा हुई हैं, उनका सरकार हल ढूंढ रही है। सरकार एक हद तक सबसिडी देने पर भी विचार कर रही है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वह बीमार इकाइयों का मामला रैगुलेटरी कमिशन तक लेकर जाए। बैठक में राणा गुरजीत सिंह, मनप्रीत सिंह बादल, रवीन ठुकराल, मुख्य सचिव कर्ण अवतार सिंह, सतीश चंद्रा तथा पावर कॉम के चेयरमैन ए वेणुप्रसाद ने भी भाग लिया। 
 

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