Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Jan, 2018 09:29 AM
एम.एस.एम.ई. मंत्रालय द्वारा 490 करोड़ रुपए खर्च कर देश के विभिन्न राज्यों में नैशनल एस.सी./एस.टी. हब की स्थापना की स्कीम के अंतर्गत 8 जनवरी को लुधियाना में होने वाला कार्यक्रम विवादों के घेरे में आ गया है। कॉन्क्लेव का आयोजन आज लुधियाना के महाराजा...
लुधियाना(बहल): एम.एस.एम.ई. मंत्रालय द्वारा 490 करोड़ रुपए खर्च कर देश के विभिन्न राज्यों में नैशनल एस.सी./एस.टी. हब की स्थापना की स्कीम के अंतर्गत 8 जनवरी को लुधियाना में होने वाला कार्यक्रम विवादों के घेरे में आ गया है। कॉन्क्लेव का आयोजन आज लुधियाना के महाराजा रिजैंसी में होना है लेकिन शहर के सभी औद्योगिक संगठनों ने इस कॉन्क्लेव का बायकाट करने का ऐलान किया है। औद्योगिक संगठनों का मानना है कि एस.सी./एस.टी. हब इस वर्ग के लोगों के लिए एक बेहतरीन स्कीम है जिसे सभी औद्योगिक संगठनों को साथ लेकर लागू किया जाना अनिवार्य था।
एन.एस.आई.सी. के कुछ अधिकारियों ने जानबूझ कर सभी औद्योगिक संगठनों को दरकिनार कर मात्र फिको को इसका लीड पार्टनर बना दिया।प्रमुख औद्योगिक संगठनों ने एन.एस.आई.सी. के अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस पूरे प्रकरण के पीछे एक बड़ी साजिश होने का अंदेशा है। संगठनों ने लघु उद्योग मंत्रालय से विभाग के संबंधित अधिकारियों के निलम्बन की मांग करते हुए पूरे मामले की जांच के लिए विशेष कमेटी गठित करने की मांग की। इस संबंध में आज देर सायं आटो पाटर््स निर्माता संघ के प्रधान जी.एस. काहलों के आवास पर एक मीटिंग हुई। मीटिंग में पहुंचे एन.एस.आई.सी. के जोनल जनरल मैनेजर परमजीत सिंह ने कहा कि उन्होंने कुछ दिन पूर्व ही यह चार्ज सम्भाला है इसलिए उन्हें इस विषय में सही जानकारी न होने के कारण यह विवाद पैदा हुआ है।उन्होंने माना कि सभी औद्योगिक संगठनों के सहयोग के बिना इस स्कीम की सफलता हासिल नहीं हो सकती है लेकिन एक ही संस्था को लीड पार्टनर बनाने की जानकारी उन्हें खुद भी नहीं है।
जब मीटिंग में भड़के जैड.जी.एम.
सिलाई मशीन संघ के प्रधान व जिला योजना आयोग के चेयरमैन जगबीर सोखी ने जैड.जी.एम. परमजीत सिंह पर आरोप लगाया कि आप स्वयं प्रैस कॉन्फ्रैंस में मौजूद थे लेकिन अब आप तथ्य छुपाने और औद्योगिक संगठनों को गुमराह करने के लिए खुद को अंजान बता रहा है तो इस पर जैड.डी.एम. भड़क उठे और कहा कि अभी मेरे साथ चलकर औद्योगिक संगठनों के दफ्तरों के बाहर लगे बोर्डों की जांच कर लें। जिस पर यू.सी.पी.एम.ए. के प्रैस सचिव राजेंद्र सरहाली ने कहा कि संघ के कार्यालय के बाहर तो कोई बोर्ड ही नहीं लगाया गया। इस पर जैड.जी.एम. ने कारोबारियों को मनाने की कोशिश शुरू कर दी लेकिन उद्यमियों ने अपने बायकाट के फैसले पर अटल रहते हुए मीटिंग से भी वॉकआऊट कर दिया।
ये हैं स्टेट कॉन्क्लेव का बायकाट करने वाले प्रमुख उद्योग संगठन
8 जनवरी को होने वाले स्टेट कॉन्क्लेव का बायकाट करने वाले प्रमुख उद्योग संगठनों में सी.आई.सी.यू. के उपकार सिंह आहूजा, यू.सी.पी.एम.ए. के इंद्रजीत नवयुग, अवतार भोगल, चरनजीत विश्वकर्मा, राजेंद्र सरहाली, प्रदीप वधावन, सिलाई मशीन क्लब के जगबीर सोखी, हैंड चटूल संघ, आटो पार्ट्स संघ के गुरप्रीत सिंह काहलों फोपसिया के प्रधान बदीश जिंदल, फास्टनर स्पलायर संघ के प्रधान राज कुमार सिंगला, ए.आई.टी.एफ. के चेयरमैन जगमोहन शर्मा, मशीन टूल संघ के प्रधान कुलवंत सिंह एन.के.एच., मंजीत सिंह खालसा, निटवियर क्लब के चेयरमैन विनोद थापर, सचिव चरणजीत सिंह, ढंडारी इंडस्ट्रीयल संघ के रमेश कक्कड़, जनता नगर स्माल स्केल संघ के प्रधान जसविन्द्र ठुकराल, मशीन टूल के मंजीत मठारू आदि शामिल हैं।