Edited By Updated: 20 Dec, 2016 11:16 AM
15 साल का लंबा इंतजार करने के बाद बैल्जियम को पराजित करके फिर से विश्व चैम्पियन बनने का गौरव प्राप्त करने वाली भारतीय जूनियर हॉकी
लुधियाना(विक्की): 15 साल का लंबा इंतजार करने के बाद बैल्जियम को पराजित करके फिर से विश्व चैम्पियन बनने का गौरव प्राप्त करने वाली भारतीय जूनियर हॉकी टीम की शानदार उपलब्धि का जश्न सोमवार शाम को लुधियाना में भी हॉकी खिलाडिय़ों ने जमकर मनाया। पी.ए.यू. के हॉकी एस्ट्रोटर्फ मैदान पर प्रैक्टिस करने आने वाले उभरते खिलाडिय़ों के साथ हॉकी प्रमोटर जगबीर ग्रेवाल निक्कू, ओलिम्पियन हरदीप ग्रेवाल नीटा, नरदीश ग्रेवाल, खेल विभाग के कोच जॉनी ने जीत की खुशी में लड्डू बांटे और ढोल की थाप पर भंगड़ा भी डाला।
जगबीर ग्रेवाल व हरदीप ग्रेवाल ने भारतीय टीम की जीत पर कहा कि अब टीम ने विजेता रथ चलाया है जिसे अभी काफी अचीवमैंट्स अपने नाम करनी हैं। उन्होंने कहा कि विश्व चैम्पियन बनने वाली टीम में 2 खिलाड़ी राइट हाफ परविंद्र सिंह और हरमनप्रीत सिंह लुधियाना में हॉकी की नर्सरी मालवा हॉकी एकैडमी के ही प्रशिक्षु हैं इसलिए इस जीत में लुधियाना का भी योगदान है कि उन्होंने देश को 2 खिलाड़ी यहां से दिए हैं। निक्कू ग्रेवाल ने बताया कि परविंद्र सिंह 2007 के 4 वर्ष बाद तक मालवा एकैडमी से प्रशिक्षण प्राप्त करता रहा और 2011 में सुरजीत हॉकी एकैडमी में चला गया।
वहीं हरमनप्रीत ने भी 10 साल की उम्र में जब हॉकी सही तरह से पकडऩी सीखी तो वह मालवा एकैडमी में ही प्रशिक्षण प्राप्त करता रहा जिसके बाद करीब 16 वर्ष की आयु में वह यहां से सुरजीत हॉकी एकैडमी में शिफ्ट हुआ। ओलिम्पियन हरदीप ग्रेवाल ने कहा कि टीम की जीत से नए व युवा खिलाडिय़ों में बूस्ट अप होता है। उन्होंने कहा कि नए खिलाडिय़ों को जूनियर टीम के सदस्यों से प्रेरणा लेना चाहिए।