Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Mar, 2018 12:50 PM
वीजा नियमों का उल्लंघन कर दिल्ली तथा हरिद्वार निकले पाक नागरिकों के कारण उनके साथ जत्थे में आए दूसरे लोग वतन नहीं लौट पा रहे हैं।
अमृतसरः वीजा नियमों का उल्लंघन कर दिल्ली तथा हरिद्वार निकले पाक नागरिकों के कारण उनके साथ जत्थे में आए दूसरे लोग वतन नहीं लौट पा रहे हैं। दरअसल 12 मार्च को अमृतसर के वीजे पर कराची से 45 हिंदू-सिखों का जत्था आया था। इन्हें स्पांसर करने वालों ने भरोसा दिया था कि यहां आने पर उनको दिल्ली और हरिद्वार आदि शहरों के लिए भी मंजूरी दिला दी जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। नतीजतन यह लोग कहीं घूमने-फिरने भी नहीं जा पा रहे हैं क्योंकि उनके पास फिलहाल इन्होंने अमृतसर के आसपास के धर्म स्थलों के दर्शन-दीदार को वाहन की मांग की गई है।
जत्था लीडर अजीत सिंह खुद मानते हैं कि उनके जत्थे को सिर्फ अमृतसर का वीजा मिला था। इसी कारण उन्होंने सभी के पासपोर्ट अपने पास रख लिए थे, लेकिन बिना बताए ही वे लोग दूसरे शहरों को चले गए। उनका कहना है कि वह अपने परिवार के छह लोगों के साथ आए हैं और प्रति मेंबर 10-10 हजार पाकिस्तानी करंसी लेकर आए थे, जो यहां आने पर 5-5 हजार मिली, जो नौ दिन में ही खत्म हो गई। उन्होंने अपनी जेब में पड़े 50 रुपए दिखाते हुए कहा कि अब तो उनके पास किराया तक नहीं बचा है। वह कहते हैं कि जो लोग बिना बताए गए हैं, उनको दोबारा जत्थे में नहीं लाएंगे।
जत्थेदार अजीत सिंह ने बताया कि अमृतसर के आसपास के धर्म स्थानों के दर्शन करने बाकी हैं और इसके लिए उन्होंने मंगलवार को एसजीपीसी से गाड़ी की मदद मांगी है और वहां से इसे मंजूर कर लिया गया है। उनका कहना है कि बुधवार को दर्शनोपरांत वे लोग वापस लौट जाएंगे, दूसरे शहरों को जाने वाले भले ही न आएं।
इसके बाद 14 और 15 मार्च को दर्जन भर से अधिक लोग दिल्ली और हरिद्वार बिना वीजे के चले गए। इसके बाद पांच-छह लोग बाद में चले गए। खास बात तो यह रही कि इन पर न तो पुलिस और न ही अन्य खुफिया एजैंसियां नजर रख सकीं। इसमें से तीन लोगों ने तो हरिद्वार में जाकर अपने परिजनों का अस्थि विसर्जन भी किया। यह लोग अभी तक वापस नहीं लौटे हैं।