Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Jun, 2017 10:15 AM
मालगाड़ी की बोगियों के जरिए होने वाले भारत-पाक आयात-निर्यात के एकमात्र साधन इंटरनैशनल रेल कारगो के कस्टम कार्यालय में आग लगने की घटना के डेढ़ महीना बीत जाने के बाद भी अभी तक इस कार्यालय की मुरम्मत का काम शुरू नहीं हो सका
अमृतसर(नीरज): मालगाड़ी की बोगियों के जरिए होने वाले भारत-पाक आयात-निर्यात के एकमात्र साधन इंटरनैशनल रेल कारगो के कस्टम कार्यालय में आग लगने की घटना के डेढ़ महीना बीत जाने के बाद भी अभी तक इस कार्यालय की मुरम्मत का काम शुरू नहीं हो सका जिसके चलते पाकिस्तान के साथ रेल के जरिए आयात-निर्यात करने वाले व्यापारियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। रेल मार्ग के जरिए होने वाला भारत-पाक कारोबार रेलवे अथारिटी व केन्द्र सरकार की अव्यवस्था की चपेट में फंसकर रह गया है। आगजनी की घटना के बाद कस्टम विभाग ने फाइल क्लीयरैंस का काम कस्टम कार्यालय में शिफ्ट कर दिया था जबकि एग्जामीनेशन प्रोसैस व अन्य काम अब भी रेल कारगो स्थित कस्टम विभाग के कार्यालय के बचे-खुचे हिस्से से किया जा रहा है जिससे कारगो में काम करने वाले व्यापारियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
इसके अलावा व्यापारियों की फाइल क्लीयरैंस का काम करने वाले सी.एच.ए. व अन्य कर्मचारी भी परेशान हैं। इस संबंध में व्यापारियों व सी.एच.ए. का शिष्टमंडल कमिश्नर कस्टम से भी मिल चुका है। कमिश्नर की तरफ से इस बाबत दिल्ली हैडक्वार्टर को भी रिपोर्ट बनाकर भेजी जा चुकी है लेकिन आई.सी.पी. अटारी के स्कैनर की भांति इस मामले में भी कोई सुनवाई नहीं की जा रही, जिससे मालगाड़ी का इंटरचेंज भी खराब हो रहा है हालांकि कमिश्नर कस्टम की तरफ से आश्वासन दिया जा रहा है कि व्यापारियों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं आने दी जाएगी।
क्या था मामला
रेलमार्ग के जरिए आयात-निर्यात के एकमात्र साधन अमृतसर स्थित इंटरनैशनल रेल कारगो में स्थित कस्टम विभाग के कार्यालय में 20 अप्रैल को आग लग गई थी जिससे पाकिस्तान के साथ आयात-निर्यात करने वाले व्यापारियों का करोड़ों रुपए के इन्सैंटिव व रिफंड फाइल्स का रिकार्ड भी स्वाहा हो गया था। कारगो में तैनात अधिकारियों का कहना था किकस्टम कार्यालय के अन्दर ए.सी. के पास बाहर लटकती बिजली की तारों में स्पार्किंग होने के चलते आग लगी थी लेकिन व्यापारी वर्ग व कारगो के साथ जुड़े लोगों में यह चर्चा हो रही है कि इस कार्यालय में रात को कुछ कर्मचारी ए.सी. कमरे में बैठकर शराब पी रहे थे जो ए.सी. बन्द करना भूल गए जिससे पहले से ही दीवारों पर लटकती बिजली की तारों में स्पार्किंग हो गई और आग लग गई। इस मामले की जांच भी शुरू कर दी गई लेकिन अभी तक कोई स्पष्ट रिपोर्ट नहीं आई है।
बिना एक्स-रे मशीनों के हो रही है आयातित वस्तुओं की चैकिंग
उक्त इंटरनैशनल रेल कारगो पूरे विश्व में एकमात्र ऐसा इंटरनैशनल रेल कारगो व ट्रेड प्वाइंट होगा जहां आयातित वस्तुओं की आज भी मैनुअली यानी हाथों से रैमजिंग की जाती है जबकि वस्तुएं पाकिस्तान जैसे दुश्मन देश से आयात हो रही हैं, जो किसी भी समय कुछ भी कर सकता है। आयातित वस्तुओं की चैकिंग के लिए रेल कारगो पर कोई स्कैनर नहीं है और न ही कोई एक्सरे मशीन है जिससे कारगो पर तैनात कस्टम अधिकारियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसका बड़ा कारण यही है कि मैनुअली किसी भी वस्तु की शत-प्रतिशत रैमजिंग नहीं हो सकती है जबकि कुछ वर्ष पहले भारी मात्रा में इसी रेल कारगो पर मालगाड़ी की बोगियों से पाकिस्तानी सीमैंट का आयात किया जाता रहा है और खुफिया एजैंसी आई.बी. की तरफ से भी केन्द्र सरकार को रिपोर्ट भेजी गई थी कि पाकिस्तानी सीमैंट की सही तरीके से रैमजिंग व चैकिंग नहीं हो रही है।
सुरक्षाविहीन है इंटरनैशनल रेल कारगो
इंटरनैशनल रेल कारगो के कस्टम कार्यालय व इसके एरिया की बात करें तो एक सच्चाई यह भी है कि यह कार्यालय पूरी तरह से सुरक्षाविहीन है। इस कार्यालय को देखकर कोई यह नहीं कह सकता है कि इस एरिया में इंटरनैशनल ट्रेड होता होगा और पाकिस्तान जैसे खतरनाक देश के साथ आयात-निर्यात किया जाता है। इस रेल कारगो के एंट्री प्वाइंट्स में कोई भी सिक्योरिटी चैक्स नहीं हैं और न ही किसी प्रकार की नाकाबंदी की गई है। रेल कारगो के चारों तरफ चोर रास्ते बने हुए हैं जिसमें कोई भी व्यक्ति आसानी के साथ घुसपैठ कर सकता है।
इसी रेल कारगो से पकड़ी गई थी 105 किलो हैरोइन
इंटरनैशनल रेल कारगो में अव्यवस्था के आलम की बात करें तो पता चलता है कि इसी कारगो पर हैरोइन तस्करी के सारे अगले-पिछले रिकार्ड टूट गए यहां तक कि सबसे बड़ी खेप 105 किलो हैरोइन भी इसी रेल कारगो पर पकड़ी गई जो पाकिस्तान से आने वाली मालगाड़ी की सीमैंट की बोरियों में छिपाई गई थी। डी.आर.आई. की टीम ने भी 12 किलो हैरोइन की खेप के साथ इसी रेल कारगो से 2 कुलियों को रंगे हाथों गिरफ्तार किया था।
अव्यवस्था के कारण आई.सी.पी. अटारी में शिफ्ट हुआ कारगो का 80 प्रतिशत काम
इंटरनैशनल रेल कारगो में अव्यवस्था की भरमार होने के कारण ही 80 प्रतिशत कारोबार अटारी बॉर्डर स्थित आई.सी.पी. में शिफ्ट हुआ है जबकि पाकिस्तान के साथ आयात-निर्यात करने का रेल कारगो एकमात्र जरिया था। आई.सी.पी. अटारी के अस्तित्व में आने से पहले अमृतसर स्थित इसी इंटरनैशनल रेल कारगो के जरिए आयात-निर्यात किया जाता था और भारत-पाकिस्तान के बीच चलने वाली मालगाड़ी ही दोनों देशों के बीच होने वाले कारोबार का एकमात्र साधन थी। पाकिस्तान से भारी मात्रा में पाकिस्तानी सीमैंट का आयात मालगाड़ी के जरिए ही शुरू किया गया था। इसके अलावा ड्राईफ्रू ट व छुआरा आदि भी इसी रेल कारगो पर मालगाड़ी के जरिए आयात किया जाता था लेकिन आई.सी.पी. बनने के बाद इस रेल कारगो पर हैरोइन की इतनी बड़ी-बड़ी खेप पकड़ी गई जिसके चलते 70 से 80 प्रतिशत आयात-निर्यात रेल कारगो से शिफ्ट होकर आई.सी.पी. अटारी में चला गया, इसके बावजूद रेल कारगो में अव्यवस्था का आलम बरकरार है।