Edited By Updated: 22 Feb, 2017 02:09 PM
आई.सी.पी. (इंटैग्रेटेड चैक पोस्ट) अटारी पर लोकल ट्रांसपोर्टरों की तरफ से दिए जा रहे धरने के खिलाफ पाकिस्तान से वस्तुओं का आयात-निर्यात करने वाले व्यापारियों ने भी आर-पार की लड़ाई शुरू कर दी है।
अमृतसर (नीरज): आई.सी.पी. (इंटैग्रेटेड चैक पोस्ट) अटारी पर लोकल ट्रांसपोर्टरों की तरफ से दिए जा रहे धरने के खिलाफ पाकिस्तान से वस्तुओं का आयात-निर्यात करने वाले व्यापारियों ने भी आर-पार की लड़ाई शुरू कर दी है। आखिरकार वही हुआ जिसका डर था। पाकिस्तान से कारोबार करने वाले भारतीय व्यापारियों ने आई.सी.पी. के बाहर बिगड़ रही कानून व्यवस्था को देखते हुए पाकिस्तान से 200 करोड़ रुपए के आर्डर रद्द कर दिए हैं। पाकिस्तान से भारी मात्रा में पाकिस्तानी सीमैंट, ड्राऊफ्रूट, जिप्सम, रॉक साल्ट, एल्यूमीनियम ओर व अन्य वस्तुओं का आयात किया जाता था, लेकिन लोकल ट्रांसपोर्टरों के धरने के कारण सोमवार को कोई भी ट्रक आई.सी.पी. अटारी के अन्दर नहीं जा सका था। व्यापारी भी लोकल ट्रांसपोर्टरों का दबाव सहने को तैयार नहीं हैं।
इतना ही नहीं, पाकिस्तान को एक्सपोर्ट की जाने वाली वस्तुओं के आर्डर भी रद्द कर दिए गए हैं। इस समय पाकिस्तान को भारी मात्रा में सोयाबीन, कॉटन, टमाटर व अन्य वस्तुएं एक्सपोर्ट की जानी थीं, जो फिलहाल बंद कर दी गई हैं। व्यापारियों का कहना है कि वे किसी भी हालत में अटारी के लोकल ट्रांसपोर्टरों के साथ समझौता नहीं करेंगे और न ही किसी प्रकार की बैठक की जाएगी। लोकल ट्रांसपोर्टर यह दबाव बना रहे हैं कि सभी व्यापारी अटारी के लोकल ट्रांसपोर्टरों की ट्रांसपोर्ट सेवाएं लें जिसे किसी भी प्रकार से सहन नहीं किया जाएगा। इतना ही नहीं, लोकल ट्रांसपोर्टरों का किराया-भाड़ा भी बहुत ज्यादा है। यह व्यापारी की अपनी इच्छा पर निर्भर है कि वह किस ट्रांसपोर्ट कंपनी की सेवाएं लेता है।
जिला प्रशासन व पुलिस की भूमिका भी सवालों के घेरे में
आई.सी.पी. अटारी के बाहर ट्रांसपोर्टरों की तरफ से दिए जा रहे धरने के मामले में जिला प्रशासन व पुलिस की भूमिका भी सवालों के घेरे में है। प्रशासन व पुलिस जिस प्रकार से लापरवाही बरत रहे हैं, वह आश्चर्यजनक है। एक इंटरनैशनल पोर्ट जिसमें 2 देशों के बीच वस्तुओं का आयात-निर्यात किया जाता है, वहां कैसे कोई व्यक्ति पाकिस्तान को जाने वाले ट्रकों को रोक सकता है। ट्रांसपोर्टरों की तरफ आई.सी.पी. के बाहर धरना दिया जा रहा है, क्योंकि वे मांग कर रहे हैं कि ओवरलोडिंग बंद की जाए और इस मामले में ट्रैफिक पुलिस या डी.टी.ओ. ही कार्रवाई कर सकता है, किसी को भी अधिकार नहीं है कि वह खुद ट्रकों को रोक कर कारोबार को प्रभावित करे।
समस्त व्यापारियों की तरफ से भी इसी बात का रोष जताया जा रहा है कि पुलिस व प्रशासन ट्रांसपोर्टरों की धक्केशाही को रोकने की बजाय उलटा व्यापारियों को लोकल ट्रांसपोर्टरों के साथ मीटिंग करने को बोल रहे हैं। एक इंटरनैशनल पोर्ट पर इस प्रकार प्रशासनिक व पुलिस की लापरवाही अमृतसर जिला प्रशासन की छवि को भी धूमिल कर रही है। मौजूदा हालात में सीधे-सीधे लॉ एंड ऑर्डर पर प्रश्नचिन्ह लग गया है।
पाकिस्तान के समक्ष भी धूमिल हो रही भारत की छवि
आई.सी.पी. अटारी के बाहर ट्रकों के आवागमन में हो रही धक्केशाही की सूचना पाकिस्तान तक भी पहुंच गई है, क्योंकि भारतीय व्यापारी जब पाकिस्तानी व्यापारियों को बोलते हैं कि फिलहाल आर्डर रद्द कर दो तो पाकिस्तानी व्यापारी भी सवाल करते हैं कि आखिर ऐसा क्या हो गया है कि आर्डर रद्द कर रहे हो। पाकिस्तानी व्यापारी भी अमृतसर की कानून व्यवस्था का मजाक उड़ा रहे हैं और बोल रहे हैं कि इससे अच्छी कानून व्यवस्था तो पाकिस्तान में है। एक अंतर्राष्ट्रीय आयात-निर्यात को कुछ ऑप्रेटरों ने रोक दिया है। आखिरकार पुलिस क्या कर रही है?
समस्त व्यापारी, सी.एच.ए. व ट्रांसपोर्टर हुए इकट्ठे
पाकिस्तान के साथ आर्डर रद्द करने के बाद जहां सभी व्यापारियों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान कर दिया है, वहीं समूह व्यापारियों, सी.एच.ए. व ट्रांसपोर्टरों ने इकट्ठे होकर जिला प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई करने का भी मन बना लिया है। द फैडरेशन ऑफ करियाना एंड ड्राईफ्रूट कमॢशयल एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल मेहरा, इंडो फॉरैन चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष बी.के. बजाज, इंपोर्टर गुरसाजन बेदी व अन्य व्यापारी नेताओं ने कहा कि किसी भी कीमत पर अटारी के ट्रांसपोर्टरों की धक्केशाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जिला प्रशासन व पुलिस से अपील की जाती है कि वे ट्रांसपोर्टरों का धरना उठवाएं और जो लोग बाहरी राज्यों से आने वाले ट्रकों को जबरदस्ती रोक रहे हैं, उनके खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज की जाए। एक अंतर्राष्ट्रीय पोर्ट की गरिमा को बरकरार रखा जाए अन्यथा हर तरह का संघर्ष किया जाएगा।
कस्टम विभाग ने भी पुलिस को दी रिपोर्ट
व्यापारियों के साथ होने वाली धक्केशाही के मामले में कस्टम विभाग ने भी जिला पुलिस को रिपोर्ट दी है और कानून व्यवस्था सही करने की अपील की है। व्यापारियों की तरफ से की जा रही हड़ताल से कस्टम विभाग को भी ड्यूटी के रूप में लाखों रुपए का नुक्सान होना शुरू हो गया है। इससे पहले भी विभाग ने ही कई बार व्यापारियों की बड़ी-बड़ी समस्याओं को सुलझाया, लेकिन इस समय मामला आई.सी.पी. के बाहर का है, जिसको डिप्टी कमिश्नर व एस.एस.पी. ही सुलझा सकते हैं।