Edited By Punjab Kesari,Updated: 17 Aug, 2017 04:43 PM
पंजाब की कैप्टन सरकार ने स्वतंत्रता दिवस पर जेलों में बंद कैदियों को रिहाई का तोहफा दिया है। इसी कड़ी के तहत लुधियाना की ताजपुर रोड पर
लुधियाना (स्याल): पंजाब की कैप्टन सरकार ने स्वतंत्रता दिवस पर जेलों में बंद कैदियों को रिहाई का तोहफा दिया है। इसी कड़ी के तहत लुधियाना की ताजपुर रोड पर स्थित सैंट्रल जेल से 7 कैदी रिहा हुए हैं। इसी जेल में स्वतंत्रता दिवस पर आयोजित समारोह के दौरान जेल सुपरिंटैंडैंट एस.पी. खन्ना, डिप्टी सुपरिंटैंडैंट कमलप्रीत सिंह चीमा, फैक्टरी सुपरिंटैंडैंट नरपिंद्र सिंह ने 150 के लगभग जेल गार्द, पैस्को, होम गार्ड व पंजाब पुलिस कर्मियों को प्रशंसा पत्र भी प्रदान किए। गौर रहे कि 12 अगस्त को पंजाब केसरी ने ‘पंजाब की जेलों में बंद 8950 कैदियों को सजा में रियायत की उम्मीद’ नामक शीर्षक से उक्त मामला उठाया था। इसके चलते पंजाब सरकार ने राज्य की जेलों में बंद कैदियों को सजा माफी व रियायत प्रदान की है।
कैदियों ने मनाया स्वतंत्रता दिवस : सैंट्रल जेल में स्वतंत्रता दिवस पर एक समारोह का आयोजन किया गया। देशभक्ति पर आयोजित समारोह में कैदियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। जेल प्रशासन ने जेल को तिरंगे से रंगा हुआ था। वहीं कैदियों की अलग-अलग टीमों बनाई गई थीं, जिनमें भंगड़ा टीम, ढोल टीम आदि शामिल थीं। इसी के साथ सभी कैदियों ने तिरंगा भी फहराया। कैदियों ने देशभक्ति के गानों पर कई प्रस्तुतियां दीं। अधिकारी भी उत्साह से समारोह में शामिल हुए। ऐसा लग रहा था मानो जेल नहीं, बल्कि कोई देशभक्ति स्थल हो।
नशे पर लघु नाटक किया : इसी दौरान एम्युल हॉस्पिटल एसोसिएशन, पंजाब स्टेट एड्स कंट्रोल सोसायटी के जिला को-आर्डीनेटर मनप्रीत सिंह व रणजीत सिंह ने नशे की बुराई से दूर रहने के लिए बंदियों को जागरूक करते हुए एक लघु नाटक प्रस्तुत किया। कई कैदियों ने नशा न करने का संकल्प भी लिया।
रिहा हुए कैदी : सहायक सुपरिंटैंडैंट गुरप्रीत सिंह व कुलदीप सिंह संधू के नेतृत्व में एक कमेटी का गठन किया गया। इस कमेटी ने सरकार की घोषणा के बाद जेल से रिहा होने वाले कैदियों की सूची तैयार की, जिसके बाद कैदी सरवन कुमार, बलविंद्र सिंह, किरणदीप सिंह, उपकार सिंह, गोरा सिंह, गुरप्रीत सिंह व सोनू मित्तल को पूरी प्रक्रिया के बाद रिहा किया गया। इस अवसर पर रिहा हुए कैदियों ने कहा कि वे अब घर जाकर अच्छा जीवन व्यतीत करते हुए समाज कल्याण के कार्यों में भागीदारी निभाएंगे।
जेल के बाहर भी जश्न : रिहा होने वाले कैदियों के परिजनों ने जेल के बाहर ढोल बजाकर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। रिहा हुए कैदियों के परिजनों ने उन्हें फूलों के हार डाले तथा मिठाइयां बांटीं।