कै. अमरेन्द्र पर मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर बढ़ा दबाव, 2 हिस्सों में हो सकता है विस्तार

Edited By Punjab Kesari,Updated: 17 Jan, 2018 04:09 PM

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जालंधर (चोपड़ा): पंजाब में कैप्टन अमरेन्द्र सिंह की सरकार बने 10 महीने बीत गए हैं परंतु मुख्यमंत्री समूचे तौर पर अपनी कैबिनेट का गठन नहीं कर पाए हैं। इस कारण कांग्रेस विधायकों में बेचैनी लगातार बढ़ती जा रही है कि आखिर मंत्रिमंडल के विस्तार को इतना लंबा क्यों लटकाया जा रहा है। कैबिनेट मंत्री राणा गुरजीत के मामले को लेकर सरकार पहले ही बैकफुट पर दिखाई दे रही है। कांग्रेस में मौजूदा स्थिति को भांपते हुए अब कै. अमरेन्द्र भी जल्द ही लंबित कार्य को निपटाना चाहते हैं कि कहीं पार्टी में किसी भी प्रकार का विरोधाभास पैदा न हो पाए।

 

आज कै. अमरेन्द्र प्रदेश कांग्रेस के प्रधान व सांसद सुनील जाखड़ के साथ दिल्ली रवाना हो गए हैं। कैप्टन अमरेन्द्र सिंह पंजाब कांग्रेस की प्रभारी आशा कुमारी व सहप्रभारी हरीश चौधरी के साथ मुलाकात करके जालंधर, अमृतसर व पटियाला नगर निगम के मेयर के नामों को फाइनल करेंगे।

 

इसके उपरांत कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ऑल इंडिया कांग्रेस के प्रधान राहुल गांधी से मीटिंग करने वाले हैं और इस बैठक में नए मंत्रियों की सूची पर चर्चा करके वह राष्ट्रीय अध्यक्ष से सहमति हासिल करेंगे। कांग्रेस गलियारों की मानें तो मुख्यमंत्री अपने मंत्रिमंडल के विस्तार को 2 हिस्सों में करना चाहते हैं। पहली टर्म में 4 विधायकों ओ.पी. सोनी, अमरेन्द्र सिंह राजा वडिंग़, राणा सोढी, संगत सिंह गिलजियां को कैबिनेट में स्थान देना चाहते हैं। 

 

सूत्रों के अनुसार अगर राहुल गांधी से सहमति मिल गई तो नए मंत्रियों को शपथ जनवरी के आखिरी सप्ताह के करीब दिलाई जा सकती है जबकि बाकी 4 मंत्रियों के नाम अगली टर्म में फाइनल होंगे। उल्लेखनीय है कि कै. अमरेन्द्र के शपथ ग्रहण के दौरान 9 मंत्रियों ने पदभार संभाला था। अभी सरकार में 8 मंत्री और बनाए जा सकते हैं।

 

नगर निगम चुनावों के कारण लिस्ट में नहीं शामिल किया लुधियाना का कोई विधायक
कांग्रेस सूत्रों के अनुसार मंत्रिमंडल विस्तार समय की जरूरत है परंतु लुधियाना में फरवरी में संभावित नगर निगम चुनावों के कारण विस्तार एक बार फिर लटकने के आसार थे, जिस कारण कै. अमरेन्द्र सिंह ने विस्तार को 2 हिस्सों में करने का फैसला लिया है, क्योंकि लुधियाना से विधायक भारत भूषण आशू, राकेश पांडे, सुरिन्द्र डाबर कैबिनेट मंत्री बनने की रेस में हैं। 

 

अगर इस समय किसी को मंत्रिमंडल में एडजस्ट कर लिया जाता है तो पार्टी में गुटबाजी बढऩे के आसार पैदा हो जाएंगे जिसका खमियाजा कांग्रेस को निगम चुनावों में भुगतना पड़ सकता है। इस कारण विस्तार की पहली सूची में लुधियाना के किसी विधायक का नाम शामिल नहीं किया गया।  

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