Edited By Updated: 17 Apr, 2017 12:30 PM
शहर अंदर बेसहारा पशुओं की समस्या लगातार गंभीर होती जा रही है। इन बेसहारा पशुओं के कारण शहर के विभिन्न हिस्सों में अक्सर ही हादसे होते रहते हैं।
कोटकपूरा (नरिन्द्र): शहर अंदर बेसहारा पशुओं की समस्या लगातार गंभीर होती जा रही है। इन बेसहारा पशुओं के कारण शहर के विभिन्न हिस्सों में अक्सर ही हादसे होते रहते हैं। बेशक शहर के हर क्षेत्र में ही बड़ी संख्या में बेसहारा पशु देखे जा सकते हैं, परंतु नया बस स्टैंड इलाका, पुराना शहर, जौड़ी चक्कियां, बत्तियां वाला चौक, जैतो चुंगी, शांति नगर, वाल्मीकि चौक, लक्कड़ कंडा व शहर में से निकलती सभी मुख्य सड़कों पर इन बेसहारा पशुओं के झुंड फिरते रहते हैं। शहर के अंदरूनी क्षेत्रों में अक्सर ही ये पशु आपस में भिड़ जाते हैं, जिस कारण गत 2 सप्ताह में ही 10-12 व्यक्ति घायल हो चुके हैं।
हादसों की संख्या में लगातार हो रही वृद्धि
आजकल मच्छरों की भरमार होने के कारण ये पशु ज्यादा आवाजाही वाली सड़कों के किनारों पर बैठ जाते हैं। सड़कों से तेज रफ्तार में गुजरने वाले वाहनों कारण आती तेज हवा इन्हें मच्छरों से बचाने का कारण बनती है। इसलिए इन सड़कों के आसपास पशुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है व इसके साथ ही हादसों की संख्या में भी लगातार वृद्धि हो रही है।
गत दिन मोगा व फरीदकोट रोड पर दोपहिया वाहनों के पशुओं से टकराने के कारण 3 व्यक्ति मामूली घायल हो गए। कुछ दिन पहले ही स्थानीय नगर कौंसिल द्वारा इन बेसहारा पशुओं को पकड़कर श्री गौशाला में छोडऩे की कार्रवाई शुरू की गई थी, जो किसी कारण आगे नहीं बढ़ सकी।