Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Oct, 2017 12:35 AM
प्याज के भाव आसमान छूने के कारण रसोई का तड़का अत्यधिक महंगा साबित हो रहा है। मई-जून से देश भर की मंडियों में 4-10 रुपए प्रति किलो मिलने वाला प्याज इस वक्त थोक मार्कीट में 30-38 व परचून में 45-50 रुपए प्रति किलो भाव से मिल रहा है। जिला जालंधर के सभी...
जालंधर(शैली): प्याज के भाव आसमान छूने के कारण रसोई का तड़का अत्यधिक महंगा साबित हो रहा है। मई-जून से देश भर की मंडियों में 4-10 रुपए प्रति किलो मिलने वाला प्याज इस वक्त थोक मार्कीट में 30-38 व परचून में 45-50 रुपए प्रति किलो भाव से मिल रहा है। जिला जालंधर के सभी क्षेत्र नई सब्जी मंडी मकसूदां पर निर्भर हैं व मंडी से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार प्रतिदिन जालंधर निवासी 2200-2500 किंव्टल प्याज हजम कर जाते हैं। जालंधर मंडी में रोजाना 12-15 ट्रक प्याज की आमद होती है।
महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, कर्नाटक, बेंगलूर, हरियाणा पर निर्भर हैं देश भर की मंडियां
प्याज के व्यापार में महाराष्ट्र की नासिक, लासल गांव, पीपल गांव, उमराना सहित 10 मंडियों से 10 माह निरंतर आमद चलती रहती है व यहां का स्टॉक खत्म होने से पूर्व मध्य प्रदेश व साऊथ के कर्नाटक, बेंगलूर के कोरनूर, हुबली क्षेत्रों से नई फसल की आमद शुरू होते ही गुजरात के महुआ, भावनगर, राजस्थान के अलवर, हरियाणा के अंबाला, शाहबाद, पीपली की फसलें भी मंडियों में दस्तक देनी शुरू कर देती हैं, जिसके फलस्वरूप देश भर में प्याज के व्यापार की चेन चलती रहती है। देश में प्याज की प्रमुख 3 फसलों रबी (मार्च-जून), खरीफ (अक्तूबर-दिसम्बर) व लेट खरीफ (जनवरी-मार्च) की खेती होती है जिसमें रबी फसल 60-65 फीसदी, खरीफ 15-20 फीसदी व लेट खरीफ फसल 20-25 फीसदी प्याज की आपूर्ति करती है।
2015-2016 में प्याज की हुई थी बम्पर फसल
प्याज की बम्पर फसल गत 2 वर्ष तक होने के कारण मंडियों में प्याज की आमद 2015-2016 में अत्यधिक रहने से प्याज के भाव काफी कम रहे व किसानों को फसल की लागत से भी कम भाव मिलने के कारण उन्होंने 2017 में बिजाई कम की व बरसात की मार के चलते काफी किसानों का प्याज खराब हो गया। साऊथ में लगातार 2 माह बरसात होने के कारण प्याज की फसल बर्बाद हो गई, जिसके साथ-साथ इंदौर, राजस्थान, गुजरात की फसलों ने भी 15-20 दिन लेट मंडियों में दस्तक दी।
व्यापारियों के अनुसार 22 अक्तूबर को महाराष्ट्र की मंडियों में 500-600 ट्राली व राजस्थान एवं गुजरात में 10 हजार कट्टा व इंदौर में 50 ट्रक नई फसल की आमद हुई है जिससे यह अनुमान है कि आगामी 15-20 दिनों में देश भर की मंडियों में प्याज की नई फसल की आमद शुरू होगी व प्याज के भाव 50 फीसदी कम हो जाएंगे।
नासिक कारोबारी उठाते हैं शार्टेज का लाभ
देश के प्याज उत्पादन में प्रमुख नासिक कारोबारी प्याज की फसल को मार्च-अप्रैल में स्टॉक करना शुरू कर देते हैं व नवम्बर तक चलाते हैं। नई फसलों की खराबी की जानकारी मिलते ही वे नासिक से प्याज की बिक्री कम कर देते हैं व मंडियों में शार्टेज होने के बाद मनमाने भाव में प्याज की सप्लाई करते हैं, जिसके कारण मंडियां नई फसल की आमद तक पुराने स्टॉक पर निर्भर रहती हैं। नई सब्जी मंडी के प्याज कारोबारी नवीन कुमार, गुरमिन्द्र सिंह, राजीव कुमार के अनुसार प्याज की गत वर्षों में हुई बर्बादी के कारण किसानों ने बिजाई का क्षेत्र कम कर दिया, जिसके कारण आमद कम हुई। मंडियों के भाव फसल की आमद पर निर्भर करते हैं। देश भर में प्याज की मंदी व तेजी नासिक कारोबारियों पर निर्भर है।
भारत में विभिन्न प्रांतों में प्याज उत्पादन के औसतन आंकड़े 2015-2016
महाराष्ट्र 536196 मीट्रिक टन
कर्नाटक 2985 मीट्रिक टन
मध्य प्रदेश 2967 मीट्रिक टन
बिहार 1247 मीट्रिक टन
गुजरात 1126 मीट्रिक टन
राजस्थान 800 मीट्रिक टन
हरियाणा 667 मीट्रिक टन
आंध्र प्रदेश 575 मीट्रिक टन
तेलंगाना 419 मीट्रिक टन
उत्तर प्रदेश 413 मीट्रिक टन
कुल 16560 मीट्रिकटन