Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Sep, 2017 07:02 PM
पहले ही जी.एस.टी व नोटबंदी कारण महंगाई झेल रहे लोगों को मोदी ...
सुल्तानपुर लोधी(धीर): पहले ही जी.एस.टी व नोटबंदी कारण महंगाई झेल रहे लोगों को मोदी साहिब की केंद्र सरकार ने गैस सिलैंडर के रेटों में वृद्धि कर जहां आम आदमी के घरेलू बजट को हिलाकर रख दिया है वहीं सबसे अधिक गृहणियों में रोष पाया जा रहा है। पहले चुपचाप रोजाना तेल की कीमतें बढ़ाने वाली कंपनियों ने गत रात्रि से गैस सिलैंडर की कीमतों में भी वृद्धि कर दी है।
पहले सिलैंडर जो 555 रुपए में मिलता था अब वह 1 सितंबर से 74 रुपए वृद्धि के साथ 629 रुपए में मिला करेगा। इस संबंधी गैस एजैंसी के मालिक कंवलनैन सिंह केनी ने पुष्टि की है। जज गैस एजैंसी वालों ने बताया कि उनके द्वारा सुल्तानपुर लोधी में जो सिलैंडर पहले 554.50 रुपए में ग्राहकों को दिया गया था वह अब बढ़ी कीमत के साथ 628.50 रुपए में दिया जा रहा है। घरेलू गृहणियों ने केंद्र सरकार द्वारा बढ़ाई गैस की कीमतों पर अपना विरोध प्रकट किया है।
कीमतों में वृद्धि बेहद निराशाजनक
रसोई गैस के सिलैंडरों में हुई वृद्धि को दुर्भाग्यपूर्ण बताते घरेलू गृहणी शुक्ला धीर ने कहा कि सरकार का गैस सिलैंडर के रेट बढ़ाना बहुत ही निराशाजनक है। उन्होंने कहा कि सरकार को गैस सिलैंडरों की कीमतों पर कंट्रोल करना चाहिए क्योंकि रसोई में गैस सिलैंडर बहुत जरूरी वस्तु है व इसकी कीमतें बढऩी नहीं चाहिए।
कीमतें बढऩे से रसोई बजट हिला
गैस सिलैंडर की कीमतों में हुई अथाह वृद्धि ने तो मेरा सारा घरेलू बजट ही हिलाकर रख दिया है। यह कहना था मैडम प्रेरणा का। जिन्होंने कहा कि रसोई घर की प्रयोग में आने वाली किसी भी वस्तु की जब कीमत बढ़ती है तो पूरा रसोई का बजट डगमगा जाता है। रसोई से जुड़ी वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि नहीं होनी चाहिए।
पहले सब्जियां दालें व अब गैस सिलैंडर की कीमतों ने किया परेशान
नवनीत कौर ने कहा कि पहले सब्जियां व दालें आदि की कीमतों ने घरेलू बजट को हिलाया हुआ था व अब रही सही कसर गैस सिलैंडर के रेटों ने पूरी कर दी है। उन्होंने कहा कि एक गरीब आदमी के लिए यह वृद्धि बहुत है जिस पर केंद्र सरकार का कोई भी कंट्रोल नहीं है।
आम आदमी पर पड़ा बोझ
अच्छे दिन के सपने दिखाने वाले मोदी साहिब ने गैस सिलैंडर के रेट में वृद्धि करके और गृहणियों की मुसीबतों को बढ़ाकर आम आदमी पर बोझ डाल दिया है। उन्होंने कहा कि पहली बार हुई इस बेशुमार वृद्धि से सभी हम मध्यम परिवारों की परेशानियों और बढ़ गई हैं।