Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Jul, 2017 07:26 AM
महानगर जालंधर में कम्प्यूटर लाटरी की आड़ में सट्टे का अवैध धंधा खूब धड़ल्ले से चल रहा है और पुलिस इस पर रोक लगाने में नाकाम नजर आ रही है। जब इस अवैध धंधे की तह तक इन्वैस्टीगेशन की गई तो इन अवैध सट्टा लगवाने वालों की कमाई के आंकड़े हैरान करने वाले थे।
जालंधर (कमलेश) : महानगर जालंधर में कम्प्यूटर लाटरी की आड़ में सट्टे का अवैध धंधा खूब धड़ल्ले से चल रहा है और पुलिस इस पर रोक लगाने में नाकाम नजर आ रही है। जब इस अवैध धंधे की तह तक इन्वैस्टीगेशन की गई तो इन अवैध सट्टा लगवाने वालों की कमाई के आंकड़े हैरान करने वाले थे। एक लाटरी स्टाल में रोजाना लगभग 4-5 लाख रुपए का अवैध सट्टा लगता है और जालंधर में लगभग 150 के करीब लाटरी स्टाल हैं यानी की जालंधर में एक माह में लगभग 200 करोड़ के करीब अवैध सट्टा लगता है तो पूरे पंजाब में सट्टे का आंकलन इससे लगाया जा सकता है और यह सब कुछ पुलिस की नाक तले हो रहा है।
पंजाब में राज्य सरकार अपनी कम्प्यूटर लाटरी नहीं चलाती, इसी के चलते सरकार ने कुछ प्राइवेट कंपनियों को राज्य में लाटरी चलाने की इजाजत दी है, जिसके लिए वे कंपनियां लगभग 100 करोड़ टैक्स प्रति माह सरकार को चुकाती हैं, लेकिन रिटेलर कंपनी से लाटरी कम्प्यूटर लेकर उसकी आड़ में अवैध सट्टे का कारोबार शुरू कर देते हैं, जिससे इन कंपनियों को भी चूना लगता है।
हैरत करने वाली बात यह है कि कुछ लाटरी की दुकानें बिना कम्प्यूटर के भी चलती हैं जिन्हें देखकर लगता है कि उनमें पुलिस का डर बिल्कुल नहीं है। इस हजारों करोड़ के अवैध धंधे में पुलिस की भूमिका भी संदिग्ध है। पुलिस के सी.ए. स्टाफ के कुछ कर्मचारी लाटरी स्टाल वालों से नजदीकियों के लिए भी चर्चा में रहते हैं क्योंकि बिना सांठ-गांठ के इस गोरख धंधे का चलना नामुमकिन है।
सट्टा बाजार क्राइम ग्राफ को बढ़ाने का कारक
सट्टा बाजार क्राइम ग्राफ को बढ़ाने का एक बहुत बड़ा कारक है। जो लोग सट्टे में पैसे हार जाते हैं, वे आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने में गुरेज नहीं करते ताकि वे अपने सट्टे की लत को पूरा कर सकें।जानकारी के मुताबिक लाटरी की दुकानों में नशे का सेवन करने वाले लोग ही अधिकतर आते हैं जो दड़ा-सट्टा लगाने के साथ चरस, गांजा व चिट्टे तक का उस जगह सेवन करते हैं, धीरे-धीरे युवा पीढ़ी भी इस अवैध धंधे में फंसती जा रही है। इन्हें इस कीचड़ से निकालने के लिए कमिश्ररेट पुलिस को ही उपयुक्त कदम उठाने होंगे और क्राइम को रोकने के लिए सट्टा बाजार पर लगाम लगानी बहुत जरूरी है।