Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Sep, 2017 11:39 PM
रणजीत सागर बांध परियोजना की ओर से अगस्त माह में 333.33 मिलियन यूनिट रिकार्ड बिजली उत्पादन....
जुगियाल/जालंधर(स्माइल/जसप्रीत): रणजीत सागर बांध परियोजना की ओर से अगस्त माह में 333.33 मिलियन यूनिट रिकार्ड बिजली उत्पादन किया, जबकि अगस्त माह में 205 मिलियन यूनिट बिजली तैयार करने का टारगेट था। इस संबंध में जानकारी देते हुए एस.ई. हैडक्वार्टर इंजीनियर आर.एल. मित्तल व एस.ई. जापान सिंह ने बताया कि रणजीत सागर बांध 4 मार्च 2001 को प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने देश की जनता को समर्पित किया था।
उन्होंने बताया कि बहूद्देश्यीय रणजीत सागर बांध परियोजना की ओर से अगस्त माह में रिकार्ड बिजली उत्पादन किया गया, जोकि पूरे स्टाफ और आर.एस.डी. बांध परियोजनाएं के लिए गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि अब तक इस बांध से तैयार की गई 26 हजार 209 मिलियन यूनिट बिजली से लगभग 9866 करोड़ रुपए की आय प्राप्त हो चुकी है। उन्होंने कहा कि इस प्रोजैक्ट की दूसरी इकाई शाहपुर कंडी बैराज बांध का निर्माण कार्य शीध्र शुरू होने जा रहा है, जिसके लिए जम्मू-कश्मीर सरकार ने एग्रीमैंट पर हस्ताक्षर कर अपनी स्वीकृति दे दी है।
वहीं दूसरी ओर इस बांध परियोजना के पावर हाऊस में काम कर रहे अधिकारियों व कर्मचारियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस बारे में पावर हाऊस में कार्यकर्ता अभियंता अर्शदीप सिंह, एस.डी.ओ. सुखजिंन्द्र सिंह, जे.ई इंजी. सोम लाल, एस.एस.ए. सुनील कुमार व आर.टी.एम. हरिंद्र सिंह ने बताया कि पावर हाऊस के कंट्रोल रूम में बी.एस.एन.एल. के 4 फोन लगे हुए हैं जोकि हर वक्त खराब रहते हैं व इंटरनैट सुविधा भी बाधित रहती है। कंट्रोल रूम 70 से 80 फुट नीचे होने के कारण यहां किसी अन्य मोबाइल कंपनी का नैटर्वक नहीं आता। उन्हें पावर हाऊस संबंधी कोई जानकारी देने के लिए पावर हाऊस के बाहर जाकर फोन करना पड़ता है।
उन्होंने ने बताया कि फोन खराब रहने संबंधी वे कई बार जी.एम. बी.एस.एन.एल. को शिकायत कर चुके हैं पर अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई। उन्होंने ने बताया कि यह एक हाइड्रो इलैक्ट्रीक प्रोजैक्ट है। पावर हाऊस के कंट्रोल रूम के फोन न चलने के साथ उन्हें 4 भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पहली परेशानी यह है कि हमें प्रतिदिन पी.सी. पटियाला से 24 घंटे सम्पर्क रखना पड़ता है, क्योंकि हमें हर मिनट हर घंटे उनसे लाइव तालमेल की जरूरत होती है। उन्हीं के दिशा-निर्देशों अनुसार ही हमें यह जानकारी मिलती है कि कब कितने यूनिट चलाने हैं व लोड कम, ज्यादा करने की सारी हदायतें पी.सी. पटियाला से ही जारी होती हैं।
दूसरी परेशानी यह है कि आर.एस.डी. की ओर से डाऊन स्ट्रीम डिस्चार्ज कैनाल सिंचाई विभाग की ओर छोड़ा जाता है और उसे नहरी विभाग विभिन्न नहरों में बांटने का काम करता है, कब किस वक्त कितना पानी कहां छोडऩा है, उनसे भी हर वक्त सम्पर्क रखने की जरूरत होती है पर फोन खराब रहने के कारण थोड़ी-थोड़ी देर बाद कंट्रोल रूम से बाहर जाकर फोन पर सम्पर्क साधना पड़ता है।
तीसरी समस्या यह है कि हमें हर वक्त रणजीत सागर बांध परियोजना के अधिकारियों से भी सम्पर्क बनाए रखना पड़ता है। उन्हें कोई मैंटीनैंस या कोई अन्य फाल्ट पड़ जाए या कंट्रोल रूम सहित पावर हाऊस में कोई अन्य अप्रिय घटना घटित हो जाए तो उसकी तुरंत जानकारी यहां से नहीं दी जा सकती। उसके लिए पहले 4 मंजिल ऊपर जाकर ही मोबाइल पर बात हो सकती है। उन्होंने ने कहा कि फल्ड सीजन होने के चलते अगर कोई रिपोर्ट या मैसेज समय पर आगे न पहुंचाया जाए तो कोई बढ़ा हादसा घटित हो सकता है। चौथी समस्या है कि हमारी ओर से रोजाना समय-समय पर सी.ई.ए. की साइट पर बिजली उत्पादन का डाटा अपलोड करना पड़ता है इंटरनैट बंद रहने के कारण हम डाटा अपलोड भी नहीं कर पा रहे हैं।