Edited By Punjab Kesari,Updated: 01 Feb, 2018 04:26 PM
पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने केन्द्रीय बजट पर टिप्पणी करते हुए कहा है
जालंधर (धवन): पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने केन्द्रीय बजट पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि इसमें गरीबों व मध्यम वर्ग, किसानों के साथ साथ पंजाब की भी पूरी तरह से अनदेखी की गई है। उन्होने कहा कि 2018-19 के लिए पेश बजट ने मोदी सरकार की नीयत को साफ कर दिया है कि वह किसान, गरीब, नौकरी पेशा लोगों के खिलाफ है। उन्होंने बजट को दिशाहीन करार देते हुए कहा कि देश में किसानों की भी पूरी तरह से अनदेखी कर दी गई है।
जाखड़ ने कहा कि केन्द्र की गलत नीतियों के कारण किसानों की आॢथक हालत काफी खस्ता हो चुकी है। उन पर कर्जा चढ़ा हुआ है परन्तु मोदी सरकार ने कर्जे को माफ करने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री अरुण जेतली ने कर्ज माफी के नाम पर पूरी चुप्पी साधे रखी। जबकि उत्तर प्रदेश चुनाव से पहले प्रधानमंत्री ने किसानों का कर्जा माफ करने की बात कही थी। यहां तक कि राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने मोदी से मुलाकात करके किसानों का कर्जा माफ करने का मामला उठाया था।
जाखड़ ने कहा कि देश में दो तिहाई आबादी कृषि पर निर्भर है जबकि पिछले साल कृषि विकास दर 4.9 प्रतिशत थी, जबकि चालू वित्तीय वर्ष के दौरान यह गिरकर 2.1 प्रतिशत पर आ गई है। 2013-14 में जब मनमोहन सिंह की सरकार थी, तो कृषि विकास दर 5.6 प्रतिशत हुआ करती थी। इसी तरह से वित्त मंत्री ने किसानों की फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर भी कोई कदम नहीं उठाया है। उन्होंने कहा कि केन्द्र किसानों को आंकड़ों के जाल में उलझा रहा है।
उन्होंने कहा कि एक तरफ तो गरीब और गरीब हो रहा है जबकि दूसरी ओर अमीर और अमीर बनता जा रहा है। गरीबों को बजट में कुछ नहीं दिया गया। मोदी के जुमले अब और ज्यादा नहीं चलेंगे। मोदी सरकार ने गरीबों को 5 लाख रुपए तक के मैडीकल बीमे का ऐलान किया हुआ है परन्तु इसे अभी तक नोटीफाई नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि किसानों के नाम पर राजनीति करने वाले अकाली दल के नेता भी किसानों प्रति चुप्पी क्यों साधे बैठे हैं? वह केन्द्र पर सियासी तौर पर हमला क्यों नहीं कर रहे, जिससे उनकी नीयत का भी पता चलता है। नौकरी-पेशा लोगों के लिए आयकर दरों में कोई बदलाव नहीं लाया गया है। राजस्थान में लोकसभा सीटों के उपचुनाव में कांग्रेस की जीत से भाजपा की गिरती साख का पता चलता है।