30 वर्ष में सीवरेज पाइप लाइन हुई दोगुनी, फिर भी समस्या जस की तस

Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Aug, 2017 01:59 PM

in the 30 years the sewerage pipeline doubled

पंजाब का पैरिस कहलाने वाला कपूरथला शहर इन दिनों नारकीय स्थिति में चल रहा है। शहर के अधिकतर मोहल्लों सहित अन्य क्षेत्रों में सड़क पर खड़ा वर्षा व सीवरेज का पानी सरकार व जिला प्रशासन के विकास के दावों को हवा हवाई कर रहा है।

कपूरथला(मल्होत्रा): पंजाब का पैरिस कहलाने वाला कपूरथला शहर इन दिनों नारकीय स्थिति में चल रहा है। शहर के अधिकतर मोहल्लों सहित अन्य क्षेत्रों में सड़क पर खड़ा वर्षा व सीवरेज का पानी सरकार व जिला प्रशासन के विकास के दावों को हवा हवाई कर रहा है।

सरकारी दावों मुताबिक चाहे शहर में 100 प्रतिशत सीवरेज व पानी की सप्लाई है लेकिन अधिकतर क्षेत्रों में जाम सीवरेज ने पूरे शहर के वातावरण को पूरी तरह से दूषित किया हुआ है, जिसका कारण सीवरेज प्रणाली का सही तरीके से मैनटेन न होना व वर्षा के पानी की सही निकासी न होने से पानी का काफी देर तक सड़कों पर जमा होना है। 

नया ट्रीटमैंट प्लांट लगाने की जरूरत
करीब 30 वर्ष पहले के मुकाबले शहर की दोगुनी हुई यानी करीब 1.60 लाख आबादी सीवरेज का प्रयोग करती है। एक अनुमान के अनुसार एक व्यक्ति को 135 लीटर पानी प्रतिदिन चाहिए। उसका 85 प्रतिशत हिस्सा सीवरेज में जाता है। सारे शहर का सीवरेज का पानी कुष्ठ आश्रम स्थित सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट में जाता है जिसकी क्षमता 25 एम.एल.टी. है। कई वर्ष पहले बनाए गए इस ट्रीटमैंट प्लांट के रख-रखाव के अभाव के चलते इसके कुछ यूनिट खराब हो चुके हैं जिससे सीवरेज सप्लाई में बाधा आती है। शहर की बढ़ रही आबादी के हिसाब से एक और नया ट्रीटमैंट प्लांट लगाने की जरूरत है। 

6 टीमों, 1 जैटिंग मशीन और 3 सीवरेज क्लीनिंग मशीनों के सहारे सीवरेज सिस्टम 
नगर कौंसिल कपूरथला के पास जाम पड़े सीवरेज को खोलने के लिए 24 के करीब कर्मचारी, 1 जैटिंग मशीन व 3 सीवरेज क्लीनिंग मशीनें हैं। सीवरेज कर्मचारियों की 6 टीमें बना रखी हैं जिसकी विभाग के 2 अधिकारी निगरानी करते हैं। कई स्थानों पर सड़क बनने से सीवरेज के ढक्कन सड़क के बीच ही समा जाते हैं। सीवरेज जाम होने की स्थिति में इन ढक्कनों का पता ही नहीं चलता जिससे कर्मचारियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। 

स्टॉर्म सीवरेज प्रोजैक्ट की जरूरत
शहर में कई स्थानों पर कई-कई फुट बने सीवरेज होल काफी समय से बिना ढक्कन के पड़े हैं। भारी वाहनों के कारण सीवरेज ढक्कन टूट जाते हैं लेकिन उसकी कोई सुध नहीं लेता और आए दिन दुर्घटनाएं होती हैं। ओवरफ्लो होने के कारण शहर के कई स्थानों पर सीवरेज का गंदा पानी सड़कों पर ही नहीं जमा होता बल्कि लोगों के घरों में भी घुस जाता है जिससे लोग काफी दुखी हैं।

वहीं शहर के कुछ गण्यमान्यों अनुसार सीवरेज की क्षमता कम होने के कारण वर्षा आने के बाद पानी की निकासी का सिस्टम ठीक न होने के कारण वर्षा का पानी काफी समय तक सड़कों पर घूमता रहता है। इसके लिए स्टॉर्म सीवरेज के प्रोजैक्ट की जरूरत है। इस प्रोजैक्ट से वर्षा का पानी कृत्रिम स्रोतों में चला जाएगा। 

क्या कहते हैं एस.डी.ओ. सीवरेज बोर्ड
इस संबंध में जब एस.डी.ओ. सीवरेज बोर्ड कपूरथला के सतनाम सिंह से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि कपूरथला शहर की मेन लाइनों का सीवरेज बिल्कुल ठीक काम कर रहा है लेकिन छोटी कालोनियों, मोहल्लों व गलियों में लोगों का सहयोग न मिलने व मैंटीनैंस के अभाव के चलते सीवरेज जाम की कुछ शिकायतें हैं, जो आने वाले दिनों में बिल्कुल खत्म हो जाएंगी। 
 

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