Edited By Updated: 10 Feb, 2017 03:20 PM
आम आदमी पार्टी (आप) की ओर से प्रदेश के विधानसभा चुनाव के बाद ई.वी.एम. स्ट्रांग रूम में कार्यकर्ता तैनात करने के साथ-साथ चुनाव आयोग को शिकायत करने का सिलसिला जारी है।
फगवाड़ाः आम आदमी पार्टी (आप) की ओर से प्रदेश के विधानसभा चुनाव के बाद ई.वी.एम. स्ट्रांग रूम में कार्यकर्ता तैनात करने के साथ-साथ चुनाव आयोग को शिकायत करने का सिलसिला जारी है। पार्टी ने ये शिकायतें स्ट्रांग रूम की निगरानी में तैनात 15 हजार कार्यकत्र्ताओं को सॢवलांस सिस्टम से मिली जानकारी के आधार पर की हैं।
‘आप’ ने सर्विलांस सिस्टम सिस्टम से नकदी और शराब बांटने की जानकारी मिलने की बात कही है। इसके अलावा पार्टी ने चुनाव आयोग को जानकारी देते हुए आरोप लगाया है कि उनके एक लैटर हैड को चुराया गया था। इस लैटर हैड को आम आदमी पार्टी के पंजाब मामलों के प्रभारी संजय सिंह को मुख्यमंत्री दर्शा कर बांटा गया था। ‘आप’ के प्रदेश के लीगल सैल के प्रभारी जसतेज सिंह ने कहा कि जहां पार्टी ने आचार संहिता के उल्लंघन के करीब एक दर्जन से अधिक मामले चुनाव आयोग के ध्यान में लाए हैं वहीं ‘आप’ ने प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक दलों की सभी गैर-कानूनी गतिविधियों बारे व्हाट्सएप और टैलीफोन के माध्यम से पोङ्क्षलग कर्मचारियों को अलर्ट भी किया था।
उन्होंने उदाहरण पेश किया कि उनके कार्यकत्र्ताओं ने चेतावनी दी कि नवांशहर के बरनाला कलां गांव में 10-12 लोग शराब बांट रहे हैं। इसके अलावा लुधियाना की एक फैक्टरी में मजदूरों को मतदान के दिन इसलिए रोककर रखा गया कि वे वोटिंग न कर पाएं। बटाला के गांधी कैम्प में भी रुपए बांटने का आरोप है।
संगरूर में ‘आप’ के कार्यकत्र्ताओं ने नकदी और शराब से भरी एक कार को पकड़ा तथा पार्टी ने इसकी सूचना चुनाव अधिकारियों को भी दी। यहां पुलिस ने भी निष्क्रियता दिखाई। भटिंडा में आम आदमी पार्टी कार्यकत्र्ताओं ने शिरोमणि अकाली दल को जाली वोट डालने का भी आरोप लगाया।
जसतेज ने कहा कि आम आदमी पार्टी की ओर से 3 फरवरी को वित्त मंत्री परमिंद्र सिंह ढींडसा के खिलाफ दी एक मौखिक शिकायत के बाद चुनाव आयोग ने अपना एक वाहन शिरोमणि अकाली दल के नेता के विधानसभा क्षेत्र में फॉलो करने का निर्णय लिया। ‘आप’ के एक दिल्ली के नेता, जो मतदान के दिन बनाए गए कंट्रोल रूम की टीम के सदस्य भी थे, ने आगे कहा कि उनकी ओर से 15 हजार कार्यकत्र्ताओं की टीम को विशेष रूप से इन उपकरणों और कैमरों को चलाने व गड़बडिय़ों को पकडऩे की ट्रेङ्क्षनग दी गई थी। इसी बीच भटिंडा से पार्टी के एक कार्यकत्र्ता ने दावा किया कि शिकायत के बाद जब तक अधिकारी पहुंचते तब तक पैसा बांट दिया जाता था लेकिन यदि मामले की जांच की जाए तो सब कुछ साफ हो सकता है।