इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट पर 113 करोड़ रुपए का लोन बकाया, ब्याज देने को भी पैसे नहीं

Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Dec, 2017 08:00 AM

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भारी भरकम कर्ज में डूबे इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट के पास बैंक का ब्याज देने के लिए भी राशि नहीं है जिसके चलते ब्याज पर ब्याज लग रहा है और ट्रस्ट कर्ज तले दबता जा रहा है। ट्रस्ट के पास कमाई का कोई अच्छा खासा साधन नहीं है जिसके चलते ट्रस्ट आॢथक संकट में है...

जालंधर(पुनीत): भारी भरकम कर्ज में डूबे इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट के पास बैंक का ब्याज देने के लिए भी राशि नहीं है जिसके चलते ब्याज पर ब्याज लग रहा है और ट्रस्ट कर्ज तले दबता जा रहा है। ट्रस्ट के पास कमाई का कोई अच्छा खासा साधन नहीं है जिसके चलते ट्रस्ट आॢथक संकट में है तथा आने वाले दिनों में ट्रस्ट की हालत और खराब हो सकती है। इसका मुख्य कारण यह है कि ट्रस्ट की 94.97 एकड़ स्कीम सफल नहीं हो पाई है। सूर्या एंक्लेव एक्सटैंशन 94.97 एकड़ स्कीम 2010-11 में आई थी, जिसके लिए ट्रस्ट ने पंजाब नैशनल बैंक से 175 करोड़ रुपए का भारी भरकम लोन लिया था, जोकि अभी तक चुकता नहीं हुआ है। मौजूदा समय में इतना ब्याज अदा करने के बाद भी ट्रस्ट का 113 करोड़ रुपए के करीब लोन बकाया है।

इन 8 सालों में भी ट्रस्ट का लोन अदा न कर पाना ट्रस्ट की हालत खुद ही बयां करता है। जब लोन लिया गया था तो 6 माह की किस्त 35 करोड़ रुपए बनी थी, जिसके बाद ट्रस्ट केवल 1 किस्त ही दे पाया और 2 किस्तें फेल हो गईं। इसके बाद ट्रस्ट ने लोन एडिट करवाया और प्रतिमाह 3 करोड़ रुपए की किस्त बनवाई। कुछ समय के बाद ट्रस्ट 3 करोड़ रुपए प्रतिमाह की किस्त देने में भी असमर्थ हो गया, जिसके बाद लोन को दोबारा से एडिट करवाया गया। पिछले कुछ वर्षों से ओपन लोन चल रहा है। प्रतिमाह की कोई पक्की किस्त नहीं है। ट्रस्ट के पास जितनी राशि आती है ट्रस्ट उसे बैंक में जमा करवा देता है। 


फ्लाप साबित हुई 94.97 एकड़ स्कीम 
सूर्या एंक्लेव एक्सटैंशन स्कीम का विरोध करते हुए जमीन मालिकों ने कोर्ट की शरण लेते हुए जमीन को एक्वायर होने से रोक दिया, जिसके बाद से ट्रस्ट की मुश्किलें शुरू हुईं। उक्त स्कीम को अकाली नेता व इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट के चेयरमैन बलजीत सिंह नीलामहल लेकर आए थे, जोकि फ्लाप साबित हुई। इस स्कीम के बाद से ट्रस्ट कोई और स्कीम नहीं लेकर आया है। बीबी भानी कॉम्पलैक्स के फ्लैट धारक भी उपभोक्ता फोरम में शरण ले रहे हैं और ट्रस्ट से राशि मांग रहे हैं। लोगों का कहना है कि ट्रस्ट हर तरह से विफल रहा है जिसके चलते आज लोगों का मोह ट्रस्ट की स्कीमों से भंग हो रहा है। 


तनख्वाह देने में भी हो रही देरी
खर्च चलाना तो दूर की बात, ट्रस्ट के ऐसे हालात बन जाते हैं कि तनख्वाह देने के लिए भी ट्रस्ट के पास पैसे नहीं होते। नवम्बर माह की बात की जाए तो 1& नवम्बर तक कर्मचारियों को तनख्वाह नहीं मिल पाई थी। इस बार कुछ पैंङ्क्षडग रिकवरी होने के बाद 7 तारीख को तनख्वाह कर्मचारियों के खातों में डाली गई। जैसे हालात हैं उससे ऐसा प्रतीत होता है कि आने वाले समय में ट्रस्ट की हालत और खस्ता हो सकती है तथा कर्मचारियों को काफी परेशानी उठानी पड़ सकती है। ट्रस्ट कर्मचारियों की तनख्वाह इत्यादि को मिलाकर ट्रस्ट का प्रतिमाह &0 लाख रुपए का खर्चा है। ट्रस्ट के लिए उक्त खर्च करना सबसे अनिवार्य होता है, लेकिन कई बार यह राशि भी ट्रस्ट के पास नहीं होती। ट्रस्ट के ई.ओ. राजेश चौधरी का कहना है कि 11& करोड़ रुपए का लोन बकाया है जिसे उतारने के लिए वह प्रयासरत हैं व जल्द ही इसका हल निकाला जाएगा।

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