अवैध कालोनियों के खिलाफ कब खुलेगी नगर निगम व प्रशासन की नींद

Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Oct, 2017 03:30 PM

illegal property

गलाडा ने तो नई अवैध कालोनियों के बनने पर रोक लगाने सहित पहले से बन चुकी कालोनियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए जिला प्रशासन के जरिए एन.ओ.सी. के बिना रजिस्ट्रियां करने पर रोक लगवा दी है परंतु नगर निगम की तरफ से ऐसी कोई कवायद न करने से अवैध कालोनियों पर...

फिरोजपुर(चावला): गलाडा ने तो नई अवैध कालोनियों के बनने पर रोक लगाने सहित पहले से बन चुकी कालोनियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए जिला प्रशासन के जरिए एन.ओ.सी. के बिना रजिस्ट्रियां करने पर रोक लगवा दी है परंतु नगर निगम की तरफ से ऐसी कोई कवायद न करने से अवैध कालोनियों पर एक्शन लेने को लेकर उसकी नीयत पर सवाल खड़े हो गए हैं। अगर नगर निगम व गलाडा दोनों के एरिया की बात करें तो कथित तौर पर बनी अवैध कालोनियां जहां रैवेन्यू के मामले में सरकार को चूना लगा ही चुकी हैं,

वहीं लोगों को पानी-सीवरेज, सड़कें, स्ट्रीट लाइटों जैसी बुनियादी सुविधाएं भी नहीं दी गईं। इसके मद्देनजर ही अकाली-भाजपा सरकार के समय लागू की गई रैगुलाइजेशन पॉलिसी के तहत जमा होने वाली फीस को उन्हीं इलाकों के विकास पर खर्च करने की बात कही गई परन्तु कई कालोनाइजरों ने यह कहकर आवेदन ही नहीं दिए कि गज की एकड़ के हिसाब से फीस लगाई जाए, जबकि प्लाट मालिकों ने सिर्फ एस.डी.ओ. जरूरी होने की शर्त के चलते फीस जमा करवाई। इसी पॉलिसी की आड़ में 2013 के बाद बनी कालोनियों की रैगुलराइजेशन करवाई गई और फिर चुनावों से पहले रजिस्ट्री नक्शा पास करवाने या बिजली पानी के कनैक्शन लेने पर लगी रोक खत्म होने पर अन्य कालोनियां भी बन गईं। अब अवैध कालोनियां विकसित करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के मामले में गलाडा ने जहां उनकी रजिस्ट्रियों पर रोक लगवाने में कामयाबी हासिल की है,

वहीं अन्य शहरों में अवैध कालोनियों पर बुल्डोजर भी चलाया गया है।गलाडा अधिकारियों के अनुसार उन्हें कुछेक शिकायतें भी मिली हैं कि कुछ लोग कथित तौर पर अवैध कालोनियां काटने की फिराक में हैं जहां छोटे-छोटे प्लाट काटकर लोगों को बेचने की तैयारी है। इनके द्वारा नगर के विभिन्न प्रॉपर्टी डीलरों से संपर्क भी साधा गया है तथा एक नक्शा भी तैयार करके दिखाया जा रहा है। इस विषय पर सीनियर एडवोकेट गुलशन राय मोंगा ने कहा कि उन्हें भी इस बाबत पता चला है परंतु वे लोगों के साथ खिलावड़ नहीं होने देंगे, यदि कोई अवैध कालोनी काटकर सरकार के रैवेन्यू को नुक्सान पहुंचाता है तो उसकी सूचना सरकार के कानों तक पहुंचाएंगे। उन्होंने कहा कि यदि नगर निगम एरिया की अवैध कालोनियों की रजिस्ट्रियों के लिए भी एन.ओ.सी. जरूरी कर दिया जाए तो कम्पाऊंडेबल यूनिटों से सी.एल.यू. डिवैल्पमैंट चाॢजस व बिल्डिंग फीस के रूप में काफी राजस्व आ सकता है, इसके बारे में अफसरोंं के ध्यान में लाया जाएगा। किसी को भी भोले-भाले लोगों के साथ खिलवाड़ करने की आज्ञा नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि लोगों को कच्ची रसीद देकर प्लाट नंबर दे दिया जाता है, जो सरासर गलत है।

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