Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Sep, 2017 01:05 PM
सादिक के नजदीक पड़ते गांव जंडवाला में ठेकेदार द्वारा माइनिंग का अवैध धंधा धड़ल्ले से चलाया जा रहा है। इस संबंधी गांव निवासियों ने बताया कि इस गांव में सिर्फ एक खड्डï मंजूर हुई थी.........
सादिक (परमजीत): सादिक के नजदीक पड़ते गांव जंडवाला में ठेकेदार द्वारा माइनिंग का अवैध धंधा धड़ल्ले से चलाया जा रहा है। इस संबंधी गांव निवासियों ने बताया कि इस गांव में सिर्फ एक खड्डï मंजूर हुई थी, जिसमें से माइनिंग करने के लिए सरकार द्वारा 2 वर्ष का समय दिया गया था, मगर ठेकेदार द्वारा एक-डेढ़ महीने में ही निर्धारित 20 फुट तक निकासी की गहराई की शर्त से कहीं अधिक 35-40 फुट तक रेत निकालकर जहां माननीय हाईकोर्ट के नियमों की धज्जियां उड़ाई गई हैं, वहीं अवैध रूप से करोड़ों रुपए की कमाई कर जेबें भरी गई हैं।
अब इसी गांव के अन्य किसानों की जमीनों के आगे अवैध खड्डों में से रेत निकालकर मोटी कमाई की जा रही है। इस गांव से रोजाना दिन-रात सैंकड़ों घोड़े ट्राले, ट्रक, ट्रैक्टर-ट्रालियां अनधिकृत वजन भरकर इस गांव की लिंक सड़क से गुजरते हैं। ज्यादा वजन से यह सारी सड़क जगह-जगह से नीचे धस गई है व बड़े-बड़े गड्ढों पड़ गए हैं। सड़क के नीचे से पानी के निकासी के लिए बनी पुलिया भी टूट गई है। लिंक सड़क होने के कारण यहां गुजरने वाले वाहनों को इन ओवरलोड व्हीकलों से भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
स्कूल के बच्चों को समय से स्कूल व नौकरीपेशा लोगों को नौकरी पर जाना होता है तथा मरीजों ने अस्पताल जाना होता है लेकिन उक्त वाहनों के चलते लोगों को परेशान होना पड़ता है और वे समय से अपने गंतव्य को नहीं पहुंच पाते। एक ओर सरकार कहती है कि पानी का संयम से प्रयोग किया जाए, मगर यह रेत ढोने वाले व्हीकल पानी में से निकाली रेत कारण सड़कों पर पानी टपकता है। इस तरह जहां रोजाना लाखों-करोड़ों लीटर पानी फजूल जाता है, वहां सड़कों पर कीचड़ ही कीचड़ नजर आता है व इस पानी की वजह से सड़कें टूट रही हैं।
किसानों के धान की फसल पककर कटाई के लिए तैयार है। मगर जो सड़कों की हालत इन्होंने कर दी है, इससे किसानों को मंडियों में फसल ले जाने में बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। लोगों का कहना है कि कैप. सरकार ने लोगों से वायदा किया था कि वह रेत की कालाबाजारी रोकेगी व लोगों को सस्ती रेत मुहैया करवाई जाएगी, मगर कांग्रेस सरकार में रेत माफिया और भी अधिक सक्रिय हो गए हैं।