Edited By Updated: 23 Dec, 2016 09:24 AM
नगर से करीब 10-11 किलोमीटर की दूरी पर हरियाल व हाड़ा गांव से सटी चक्की खड्ड में पाबंदी के नियमों को ताक पर रखकर माइनिंग माफिया द्वारा अवैध माइनिंग का सिलसिला पिछले लम्बे समय से धड़ल्ले से जारी है।
पठानकोट(मनिन्द्र, शारदा): नगर से करीब 10-11 किलोमीटर की दूरी पर हरियाल व हाड़ा गांव से सटी चक्की खड्ड में पाबंदी के नियमों को ताक पर रखकर माइनिंग माफिया द्वारा अवैध माइनिंग का सिलसिला पिछले लम्बे समय से धड़ल्ले से जारी है। हालांकि जानकारी के अनुसार उक्त क्षेत्र वन विभाग के दफा-4 की श्रेणी में आता है यहां किसी भी प्रकार की कानूनी/गैर-कानूनी माइनिंग पर प्रतिबंध है। ‘पंजाब केसरी’ की टीम ने जब आज चक्की खड्ड का दौरा किया तो वहां पर नियमों को धत्ता बताते हुए करीब पौने दर्जन जे.सी.बी. मशीनें अंधाधुंध खनन में लगी हुई थीं। इन मशीनों पर कार्यरत लोग बेखौफ होकर माइनिंग के गोरखधंधे को अंजाम दे रहे थे।
वर्णनीय है पिछले लम्बे समय से इस क्षेत्र में अवैध माइनिंग का गोरखधंधा बदस्तूर जारी है परन्तु पंजाब व हिमाचल प्रदेश दोनों ही राज्यों का प्रशासन व संबंधित विभाग हो रहे माइनिंग स्थल को एक-दूसरे राज्य के अधीन आता भाग होने की बात कहकर अपने दायित्वों से पल्ला झाड़ लेता है। आज भी स्थिति ऐसी ही देखने को मिली। मामला हिमाचल प्रदेश सरकार के अधीन में लाए जाने के बाद जब वहां प्रशासन के निर्देशों पर पुलिस की टीम अवैध माइनिंग को रोकने के लिए गई तो तयशुदा निशानदेही का दावा करते हुए यह कहकर बिना कोई कार्रवाई किए बैरंग ही लौट गई कि चक्की खड्ड का फलां क्षेत्र उनके अधीन न होकर पंजाब की परिधि में आता है इसलिए कार्रवाई का जिम्मा पंजाब सरकार व वहां के प्रशासन का है।
माइनिंग विभाग के जी.एम. बलविन्द्र सिंह से सीधी बात
प्र. : चक्की खड्ड में अवैध माइनिंग जोरों पर हैं। विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा।
जी.एम. : जहां माइनिंग हो रही है वह पंजाब की परिधि से बाहर व हिमाचल प्रदेश राज्य के अधीन आता है।
प्रशासन के निर्देशों पर संबंधित स्थल पर अवैध माइनिंग को लेकर पुलिस ने फौरी रूप से कार्रवाई करते हुए स्थिति की समीक्षा की है। पुलिस सुनिश्चित करना चाहती है कि जिस स्थल पर माइनिंग हो रही है वह हिमाचल प्रदेश की परिधि में हैं अथवा इससे बाहर। उन्होंने दावा किया जिस स्थल पर अवैध माइनिंग हो रही है वह हिमाचल प्रदेश का भाग न होकर पंजाब के अधीन आता है। ऐसे में अवैध माइनिंग रोकने का जिम्मा पंजाब सरकार व वहां के प्रशासन का बनता है।’’
-कंडवाल चौकी के इंचार्ज एस.आई. ईश्वर प्रसाद।
दोनों राज्यों के सीमा विवाद के चलते माइनिंग माफिया की ‘चांदी’
सनद रहे चक्की खड्ड पंजाब व इसके पड़ोसी प्रांत हिमाचल प्रदेश को विभाजित करती है तथा इस खड्ड के इन प्रांतों के बीच से गुजरने से कई स्थानों पर खड्ड का कुछ भाग पंजाब तथा इसी प्रकार कहीं पर हिमाचल प्रदेश के अधीन आता है।
ऐसे में अवैध माइनिंग का गोरखधंधा फलफूल रहा है तथा इसे रोकने की कार्रवाई करना जटिल परिस्थिति बन गया है।
दूसरे शब्दों में अगर यह कहा जाए कि दोनों राज्यों के सीमा विवाद के चलते माइनिंग माफिया चांदी कूट रहा है तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी।
अवैध माइनिंग संबंधी मौका देखने व स्थिति की समीक्षा करने के लिए फौरन पुलिस की टीम भेजी जा रही है तथा किसी भी सूरत में अवैध माइनिंग हिमाचल प्रदेश राज्य में नहीं होने दी जाएगी।’’ -एस.डी.एम. नूरपुर।
ब्लॉक आफिसर व गार्ड को फौरी तौर से उपरोक्त स्थल पर भेजकर हो रही माइनिंग का कार्य रोकने के निर्देश दिए गए हैं। जो भी नियमों की अनदेखी करते हुए पाया गया उसके विरुद्ध कानून के तहत बनती कार्रवाई की जाएगी।’’
-रेंज ऑफिसर जंग बहादुर।