Edited By Updated: 16 Dec, 2016 12:07 PM
महानगर में लगे अवैध होर्डिंग्स की भरमार के मुद्दे पर कमिश्नर का तबादला होने के बाद नगर निगम अधिकारियों की नींद खुल गई है, जो सुबह से लेकर
लुधियाना(हितेश): महानगर में लगे अवैध होर्डिंग्स की भरमार के मुद्दे पर कमिश्नर का तबादला होने के बाद नगर निगम अधिकारियों की नींद खुल गई है, जो सुबह से लेकर रात तक अवैध होर्डिंग्स पर कार्रवाई करते नजर आए। शहर में शायद ही कोई हिस्सा ऐसा हो, जहां धार्मिक, सियासी या अन्य समारोहों के होॄडग्स न लगे हों। हाईकोर्ट द्वारा इन होर्डिंग्स को चौकों या सड़कों के किनारे लगाने की मनाही है। इसी तरह एक्ट के मुताबिक इन होर्डिंग्स को दीवारों पर लगाने की मंजूरी भी नहीं दी जा सकती, जिसके बावजूद न तो होर्डिंग्स उतारने की कार्रवाई होती है और न ही उनसे कोई जुर्माना वसूला जाता है, जिसकी वजह एक पक्ष के होॄडग्स उतारने पर उसके द्वारा दूसरे ग्रुप के होॄडग्स लगे रहने का हवाला देते हुए किए जाते विरोध का अफसरों को सताने वाला डर है। इसका परिणाम अब सीधा कमिश्नर की बदली के रूप में सामने आ चुका है।
जब निगम अफसरों ने चुनाव आयोग के आदेशों का हवाला देते हुए अकाली दल के होर्डिंग्स पर तो कार्रवाई कर दी लेकिन बैंस ब्रदर्ज द्वारा ‘आप’ के साथ मिलकर की गई रैली के होर्डिंग्स नहीं उतारे, जो मामला सुखबीर बादल के नोटिस में पहुंचने पर उन्होंने कमिश्नर की छुट्टी कर दी है। इस मामले में अफसरों का कहना है कि चुनाव आयोग ने कुछ दिन पहले ही आदेश जारी किए हैं कि किसी भी तरह का सियासी होर्डिंग्स न लगने दिया जाए, जिसके लिए सीधा अफसरों की जवाबदेही तय की गई है। इस पर निगम टीम ने 8 दिसम्बर को मोगा में हुई अकाली दल की रैली के अलावा अन्य नेताओं के शहर में लगे होर्डिंग्स उतार दिए थे, जिससे सत्ताधारी पार्टी के नेता निगम अफसरों से नाराज चल रहे थे कि उनके हाथ बैंस ब्रदर्ज की रैली के होर्डिंग्स का मुद्दा लग गया, जिन्हें रैली के 2 दिन बाद तक उतारा नहीं गया।
इस संबंधी सुखबीर बादल अफसरों की कोई दलील सुनने को तैयार नहीं हुए और कमिश्नर का तबादला करके नए अधिकारी की नियुक्ति कर दी, जिन्होंने वीरवार को चार्ज संभाल लिया तथा शुक्रवार को तहबाजारी व विज्ञापन शाखा की मीटिंग बुला ली है, जिससे पहले अफसरों द्वारा शहर में लगे होॄडग्स को उतारने के लिए सुबह से लेकर रात तक मुहिम चलाई गई।