Edited By Updated: 14 Jan, 2017 01:15 PM
अवैध कालोनी और प्लाट को रैगुलर करवाने के लिए पुडा द्वारा दिए गए मौके के बावजूद लोग आगे नहीं आ रहे हैं।
पटियाला (प्रतिभा) : अवैध कालोनी और प्लाट को रैगुलर करवाने के लिए पुडा द्वारा दिए गए मौके के बावजूद लोग आगे नहीं आ रहे हैं। 13 जनवरी तक पुडा के पास कालोनी रैगुलर करवाने के लिए एक भी एप्लीकेशन नहीं पहुंची। जबकि सिर्फ 20 प्लाट होल्डरों ने एप्लीकेशन भेजी है। यानी कालोनाइजर्स कालोनी रैगुलर करवाने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं। लोगों को खुद आगे आकर अपने प्लाट रैगुलर करवाने के लिए एप्लीकेशन देनी पड़ रही है। हालांकि पुडा ने कालोनीज रैगुलर करवाने के लिए एक विशेष पालिसी निकाली थी, जिसमें 14 जनवरी आखिरी तारीख रखी गई थी। ताकि जिसने कालोनीज रैगुलर करवानी हो, वो इस स्कीम के तहत नाम शामिल कर सकते हैं। पर अभी तक कोई भी कालोनी रैगुलर करवाने नहीं पहुंचा है। अगर लोगों ने अब भी इसका फायदा नहीं उठाया तो फिर आखिरी तारीख निकलने के बाद उनके खिलाफ पुडा अगली कार्रवाई करेगा। रैगुलर करवाने के लिए अप्लाई करने की आखिरी तारीख 14 जनवरी है।
2013 में निकाली पालिसी का फायदा लेने नहीं पहुंच रहे लोग
गौरतलब है कि 2013 में पुडा ने यह स्कीम निकाली थी पर लोग अभी भी इसका फायदा नहीं ले रहे हैं। उस दौरान पुडा के तहत सैंकड़ों अवैध कालोनियां आती थीं। जनवरी 2013 में पुडा ने इन कालोनियों को रैगुलर करवाने के लिए नई पालिसी निकाली थी। 600 के करीब कालोनियां ऐसी थीं, जोकि रैगुलर नहीं थीं। इसमें बहादुरगढ़ एरिया समेत कई अन्य इलाकों की कालोनियां शामिल हैं।
300 से ज्यादा कालोनीज हैं अवैध
पुडा के रिकार्ड के मुताबिक अभी भी 300 से ज्यादा कालोनीज ऐसी हैं, जोकि अवैध हैं। लेकिन फिर भी लोग इन्हें रैगुलर करवाने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं क्योंकि 2013 में शुरू हुई पालिसी 2016 तक जारी रही। इसमें पुडा ने पैनल्टी लगाकर भी कालोनीज को रैगुलर किया है।
स्कीम का फायदा न लेने वालों पर होगी कार्रवाई
इस मामले में सीनियर अफसरों ने कहा कि लोगों को मौका दिया गया था। अभी आखिरी तारीख बढ़ाए जाने को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ है। फिलहाल आखिरी तारीख का दिन बाकी है। उसमें देखना है कि कितने लोग आगे आएंगे। जिन लोगों ने कालोनीज को रैगुलर नहीं करवाया, लिस्ट बनाकर एक्ट के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी।
क्या होती है कार्रवाई
अगर कालोनी या प्लाट रैगुलर नहीं होता है तो सबसे पहले प्लाट ऑनर का बिजली और पानी का कनैक्शन काट दिया जाता है। उसके बाद कालोनाइजर पर केस दायर किया जाता है।