Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Nov, 2017 10:53 AM
वैसे तो जालंधर नगर निगम का बिल्डिंग विभाग कई मायनों में अनूठा है परन्तु पिछले कई सालों से अवैध बिल्डिंगों के चालान करके हजारों चालानों को फाइलों में दबा देने का मामला सामने आने से बिल्डिंग विभाग की कार्यप्रणाली एक बार फिर संदेह के घेरे में आ गई है।
जालंधर (खुराना): वैसे तो जालंधर नगर निगम का बिल्डिंग विभाग कई मायनों में अनूठा है परन्तु पिछले कई सालों से अवैध बिल्डिंगों के चालान करके हजारों चालानों को फाइलों में दबा देने का मामला सामने आने से बिल्डिंग विभाग की कार्यप्रणाली एक बार फिर संदेह के घेरे में आ गई है। निगम कमिश्रर डा. बसंत गर्ग के निर्देशों पर अब बिल्डिंग विभाग के अधिकारी दबी हुई फाइलों में से चालान निकाल कर उन्हें कम्प्यूटर में ऑनलाइन कर रहे हैं और करीब 3 सालों का रिकार्ड लगभग ऑनलाइन हो चुका है।
निगम सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार मौजूदा वित्तीय वर्ष के 80 चालानों को पहले चरण में कार्रवाई करने हेतु निकाला गया है। कमिश्रर के निर्देशों पर इन चालानों से संबंधित 80 बिल्डिंगों पर आने वाले दिनों में तोड़-फोड़, सीलिंग या जुर्माना वसूली जैसी कार्रवाइयां होनी निश्चित हैं।
निगम चुनावों तक टल सकती हैं कार्रवाइयां
चाहे निगम प्रशासन ने बिल्डिंग विभाग द्वारा काटे गए चालानों के आधार पर अवैध बिल्डिंगों के विरुद्ध कार्रवाई का एक्शन प्लान बनाया है परन्तु माना जा रहा है कि जल्द होने जा रहे निगम चुनावों के दृष्टिगत निगम के इस अभियान को ठंडे बस्ते में डाला जा सकता है। चुनावों के तुरंत बाद निगम में नई सरकार तय करेगी कि जिन अवैध बिल्डिंगों का चालान हुआ है उनके विरुद्ध क्या कार्रवाई की जानी है।