Edited By Updated: 21 Feb, 2017 02:15 AM
पंजाब में विधानसभा चुनाव सपन्न हो चुके हैं लेकिन ....
जालंधर: पंजाब में विधानसभा चुनाव सपन्न हो चुके हैं लेकिन पंजाब में किस पार्टी की सरकार बनेगी इस पर सस्पेंस बना हुआ है। इस बार चुनाव में पहली बार त्रिकोणीय मुकाबला हुआ है। इस मुकाबले में अगर किसी भी पार्टी को सम्पूर्ण बहुमत नहीं मिला तो प्रदेश में सरकार बनाने के लिए कौन-कौन सी पार्टियों के बीच गठबंधन होना संभव है? हलकों से प्राप्त हुए वोटरों के रूझान से यहीं पता चलता है कि अधिकांश सीटों पर मुकाबला आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच रहा।
वहीं अकाली-भाजपा इस दौड़ में तीसरे स्थान पर खिसकती नजर आ रही है। राज्य में मालवा हलका एक ऐसा हलका है जहां सबसे अधिक 69 विधानसभा हलके हैं और इसी हलके में ज्यादा सीटें प्राप्त करने वाली पार्टी ही हमेशा सरकार बनाती आई है, लेकिन इन हलकों में सबसे दिलचस्प मुकाबला आप और कांग्रेस के बीच माना जा रहा है।
माना जा रहा था कि डेरा सच्चा सौदा द्वारा इन चुनावों में शिअद-भाजपा गठबंधन को समर्थन दिए जाने से मालवा क्षेत्र में 35 लाख से अधिक डेरा प्रेमियों के वोट गठबंधन की झोली में चले जाएंगे, लेकिन ग्राउंड रिपोर्ट में ऐसा प्रभाव भी दिखाई नहीं दिया, उलटे शिअद को इस समर्थन के चलते अपने पारंपरिक पंथक वोटरों की नाराजगी झेलनी पड़ी है, जो मतदाताओं से बातचीत में उभर कर सामने आई।
ग्राउंड रिपोर्ट में ही यह बात भी सामने आई कि दलित वोटरों का ज्यादा झुकाव आप की तरफ देखा गया। शिअद के नाराज पंथक वोटर भी कांग्रेस और आप की ओर जाते दिखाई दिए हैं। इस तरह, माना जा रहा है कि 19-20 के अंतर से जीत का सेहरा कांग्रेस या आप के सिर बंध सकता है, लेकिन यह केवल अनुमान है क्योंकि अगर डेरा प्रेमियों के सभी वोट गठबंधन की झोली में गए तो चुनाव के नतीजे बिल्कुल अलग होंगे और तीनों ही दाबेदारों में कोई भी पूर्ण बहुमत हासिल नहीं कर सकेगा।