Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Oct, 2017 03:58 PM
पालतू जानवरों पर रजिस्टे्रशन फीस लगाने के जिस प्रस्ताव को लेकर कांग्रेस सरकार निशाने पर आ गई है, वह फैसला नया नहीं बल्कि 6 साल पुराना है। उसमें अब सिर्फ जानवरों की कैटागरी के अलावा हादसे में मारे जाने वाले लोगों को मुआवजा देने का पहलू शामिल किया गया...
लुधियाना(हितेश): पालतू जानवरों पर रजिस्टे्रशन फीस लगाने के जिस प्रस्ताव को लेकर कांग्रेस सरकार निशाने पर आ गई है, वह फैसला नया नहीं बल्कि 6 साल पुराना है। उसमें अब सिर्फ जानवरों की कैटागरी के अलावा हादसे में मारे जाने वाले लोगों को मुआवजा देने का पहलू शामिल किया गया है।
पालतू कुत्तों की रजिस्ट्रेशन करवाने का प्रस्ताव 2011 के दौरान जनरल हाऊस में पास किया जा चुका है जिसमें पालतू कुत्तों की वैक्सीनेशन लाजमी करवाने के अलावा हर साल रजिस्ट्रेशन रिन्यू करवाने का पहलू शामिल था। कुत्ते के आवारा घूमने या किसी को काटने पर मालिक की जिम्मेदारी तय की गई थी लेकिन नोटीफिकेशन जारी न होने कारण इस पर अमल नहीं हो पाया। अब सरकार ने जो नया नोटीफिकेशन जारी किया है, उसमें कुतों के अलावा गाय, भैंस, घोड़ा, बकरी आदि को पालतू जानवरों की रजिस्ट्रेशन करवाने संबंधी लिस्ट में शामिल कर दिया गया है।
इसके बावजूद जानवर के बिना रजिस्ट्रेशन के घूमते मिलने पर उसे जब्त करने सहित 10 गुना फीस वसूली जाए और उस जानवर की वजह से कोई हादसा होने पर मालिक से हर्जाने की भरपाई होगी। इस योजना में नया पहलू यह है कि आवारा जानवरों की वजह से होने वाले हादसे में किसी की मौत होने पर निगम द्वारा व्यक्ति को एक लाख का मुआवजा दिया जाएगा। इसी का हवाला देकर सरकार ने नई पॉलिसी का विरोध शांत करने की कोशिश की है। साथ ही इस पॉलिसी का उद्देश्य आवारा जानवरों की समस्या कम करने से जोड़कर बताया गया है।