Edited By Updated: 18 Apr, 2017 09:30 AM
जैसे ही गर्मी का मौसम शुरू होता है तो पंजाब के प्रत्येक शहर, गांव, कस्बों, गली-मोहल्लों में आईसक्रीम व कुल्फियां बेचने वाले आम
गुरदासपुर (विनोद): जैसे ही गर्मी का मौसम शुरू होता है तो पंजाब के प्रत्येक शहर, गांव, कस्बों, गली-मोहल्लों में आईसक्रीम व कुल्फियां बेचने वाले आम दिखाई देते हैं। प्रतिदिन बच्चे, बूढ़े, जवान व महिलाएं भी इनका आनंद लेते हैं, परंतु किसी ने कभी सोचा है कि बाजार में बिकने वाले कुछ बढिय़ा ब्रांड्स को छोड़ कर अन्य ब्रांड्स की जो आईसक्रीम व कुल्फियां आदि बिक रही हैं, वे किस तरह बनती हैं तथा मानव शरीर को कितना नुक्सान पहुंचाती हैं।
क्या है यह गोरखधंधा
इस सम्बन्धी पंजाब केसरी द्वारा इकट्ठी की गई जानकारी में कई तरह के सनसनीखेज पहलू सामने आए हैं। सूत्रों के अनुसार शहरों, गांवों व कस्बों आदि में जो लोग साइकिलों व रेहडिय़ों पर कुल्फियां बेचते हैं, उन्हें बनाने के लिए वे कथित रूप में मिलावटी दूध, खतरनाक रंगों व चीनी की जगह सैकरीन नामक कैमीकल का प्रयोग करते हैं। यह भी मालूम हुआ है कि अधिकतर इस कारोबार से सम्बन्धित लोग जिस फ्रेम में कुल्फियां आदि तैयार करते हैं उनमें जंग लगा होता है। जिस पानी का इन पदार्थों को तैयार करने के लिए प्रयोग किया जाता है वह भी अधिक साफ नहींं होता। सूत्रों के अनुसार दूध को गाढ़ा करने के लिए कथित रूप में लिटमस पेपर, कई तरह के तेलों व कैमीकल का प्रयोग किया जा रहा है। आईसक्रीम बनाने के लिए अधिकतर लोगों द्वारा जिस ड्राईफ्रूट का प्रयोग किया जाता है, वह घटिया क्वालिटी का होता है।
किसी के पास नहीं है कोर्इ सर्टीफिकेट
इसके अतिरिक्त ब्रांडेड आईसक्रीम के पैकटों को छोड़ कर किसी भी अन्य पैकिंग पर एक्सपायरी डेट नहींं लिखी होती। जानकारी अनुसार ऐसे पदार्थ तैयार करने वाले अधिकतर लोग कथित रूप में विभिन्न फ्रूट फ्लेवर्ज के सैंट का प्रयोग भी कर रहे हैं। इस सबके बावजूद जनता की सेहत से सम्बन्धित ऐसे पदार्थों की तैयारी करने के लिए बाकायदा सम्बन्धित विभाग से सर्टीफिकेट लेना होता है परंतु किसी के पास भी यह सर्टीफिकेट नहीं होता। इस तरह इन कैमिकलों व अन्य मिलावट से तैयार होने वाली ऐसी वस्तुएं ठंडा जहर प्रमाणित हो रही हैं और यह सब कुछ विभाग सामने हो रहा है परंतु सम्बन्धित विभाग मालूम नहींं क्यों कुंभकर्णी नींद से नहींं जाग रहा।