Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Oct, 2017 10:08 AM
नगर में हुई सनसनीखेज घटना में 3 बच्चों की एक मां ने आशिक के साथ मिलकर अपने 32 वर्षीय पति का गला रेत कर उसे मौत के घाट उतार दिया और शव को बोरी में डालकर अपने कमरे में छिपाकर उसे ठिकाने लगाने के सही समय का इंतजार करने लगी। परंतु इसी बीच मृतक का भाई...
लुधियाना(महेश): नगर में हुई सनसनीखेज घटना में 3 बच्चों की एक मां ने आशिक के साथ मिलकर अपने 32 वर्षीय पति का गला रेत कर उसे मौत के घाट उतार दिया और शव को बोरी में डालकर अपने कमरे में छिपाकर उसे ठिकाने लगाने के सही समय का इंतजार करने लगी। परंतु इसी बीच मृतक का भाई उसे मिलने के लिए घर पहुंच गया। इसके बाद उसकी भाभी की काली करतूत जगजाहिर हो गई।
पुलिस ने दोनों आरोपियों को काबू करके उनकी निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त हथियार भी बरामद कर लिया। पकड़े गए आरोपियों की पहचान 30 वर्षीय बिजली देवी और 32 वर्षीय उसके आशिक अखिलेश कुमार के रूप में हुई है। इनके खिलाफ मृतक सुरेश मंडल के भाई दयानंद मंडल की शिकायत पर सलेम टाबरी थाने में हत्या व सबूतों को खुर्दबुर्द करने का केस दर्ज किया गया है। दोनों आरोपियों ने पुलिस के समक्ष अपना जुर्म कबूल करते हुए खुलासा किया कि सुरेश उन दोनों के अवैध संबंधों में रोड़ा बना हुआ था। घटना शनिवार प्रात: सेखेवाल इलाके की है।
बोरी में बंद पति की लाश पास बैठी इत्मीनान से काट रही थी सब्जी
शनिवार प्रात: करीब 7 बजे सुरेश का भाई देवानंद उसे मिलने के लिए उसके घर आया तो उसकी भाभी बिजली देवी इत्मीनान से बैठी सब्जी काट रही थी। तभी उसकी नजर चारपाई के नीचे रखी बोरी पर पड़ी, जिसके आसपास खून के छींटे भी थे। पूछने पर बिजली ने उसे कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दिया। इस पर उसे संदेह हो गया। जब उसने बोरी खोलकर देखी तो उसके होश उड़ गए। बोरी में खून से लथपथ उसके भाई की लाश पड़ी हुई थी। जिसका गला तेजधार हथियार से काटा गया था। उसने शोर मचाकर आसपास के लोगों को इकट्ठा किया। सूचना मिलने पर इलाका ए.डी.सी.पी. 1 रत्न सिंह बराड़, ए.सी.पी. सचिन गुप्ता, ए.सी.पी. क्राइम मनिन्द्र बेदी, थाना प्रभारी इंस्पैक्टर अमनदीप सिंह बराड़ पुलिस पार्टी सहित तत्काल घटनास्थल पर पहुंचे, जिन्होंने तुरंत हरकत में आते हुए बिजली देवी व उसके आशिक अखिलेश को काबू कर लिया।
हाथ कट जाने के कारण योजना को पूरी तरह नहीं दे पाए अंजाम
इंस्पैक्टर ने बताया कि इनकी योजना में उस वक्त रुकावट पैदा हो गई, जब सुरेश को मौत के घाट उतारते वक्त ब्लेड का वार लगने के कारण अखिलेश का खुद का एक हाथ बुरी तरह से कट गया। इसके बाद वे लाश को ठिकाने लगाने के लिए और सही मौके का इंतजार करने लगे लेकिन इससे पहले ही धरे गए।
फैक्टरी से लेकर आया था ब्लेड
अमनदीप ने बताया कि अखिलेश बत्रा निटवियर में काम करता है। जहां से वह कपड़ा काटने वाला मशीनी ब्लेड लेकर आया था। जिसकी धार सर्जिकल ब्लेड से भी ज्यादा घातक होती है।
मां के संबंधों की भनक बेटी को भी लग चुकी थी
रत्न बराड़ ने बताया कि आरोपियों से की गई पूछताछ के बाद जो कहानी सामने उसमें बिजली देवी के पिछले एक साल से अखिलेश के साथ अवैध संबंध थे। अखिलेश उसके पड़ोस के कमरे में अकेला रहता है, जबकि उसके 2 बच्चे व पत्नी गांव में हैं। वह बिहार के जहानाबाद का रहने वाला है। इनके अवैध संबंधों की भनक सुरेश के साथ-साथ उसकी बड़ी बेटी को लग चुकी थी। अमनदीप बराड़ ने बताया कि गर्मियों में जब सुरेश बीवी-बच्चों को कमरे में छोड़कर छत पर सोने के लिए चला जाता था तो बिजली देवी अखिलेश को अपने कमरे में बुला लेती थी। यह सिलसिला काफी दिनों तक इसी तरह से चलता रहा। इसके चलते सुरेश की बड़ी होती बेटी को अपनी मां की करतूतें समझ में आनी शुरू हो गई थीं। धीरे-धीरे यह बात आस-पड़ोस में फैल गई और सुरेश के कानों तक भी पहुंच गई। कई बार शराब के नशे में उसने बिजली के साथ मारपीट भी की और वह अखिलेश से न मिल पाए इसके लिए उसने कई तरह की पाबंदियां उस पर लगा दी। इस बात को लेकर बिजली तिलमिला गई।
योजना के मुताबिक गंदे नाले में फैंकनी थी लाश
बराड़ ने बताया कि बिजली ने पति को रास्ते से हटाने के लिए अखिलेश के साथ मिलकर फुलप्रूफ योजना की शुरू से लेकर अंत तक की स्क्रिप्ट तैयार की। स्क्रिप्ट के अनुसार हथियार का बंदोबस्त अखिलेश करेगा, जबकि वह बहाने से सुरेश को छत पर लेकर आएगी, जहां दोनों मिलकर उनके रास्ते को कांटे को हटा देंगे। इसके बाद लाश को बोरी में डालकर गंदे नाले में फैंक देंगे। कुछ ही दिनों में नाले के तेजाबी पानी के कारण लाश गल-सड़ जाएगी और किसी को पहचान में नहीं आएगी। इस योजना को अमल में लाते हुए शनिवार प्रात: करीब 3.30 बजे शौच जाने के बहाने बिजली सुरेश को उठाकर अपने साथ छत पर ले गई। जहां पहले ही घात लगाकर बैठे अखिलेश ने कपड़ा काटने वाले मशीनी ब्लेड से पीछे से हमला करके सुरेश का गला काट दिया। नसें कट जाने के कारण सुरेश चीख भी नहीं पाया। सुरेश का काम तमाम करने के बाद इन्होंने उसकी लाश को एक बोरी में डाल दिया। इसके बाद इन्होंने एक तौलिए से आसपास बिखरे खून को अच्छी तरह से साफ किया। ब्लेड से भी खून के धब्बे साफ साफ करने के बाद उसे पड़ोस में फैंक दिया, जहां निर्माण का कार्य चल रहा है। सबूतों को नष्ट करने के बाद बोरी को खींच कर अपने कमरे ले आए और चारपाई के नीचे छुपा दिया।