Edited By Punjab Kesari,Updated: 15 Jul, 2017 11:52 AM
जिलाधीश प्रदीप अग्रवाल के दिशा-निर्देशों के अंतर्गत जिला टास्क फोर्स की 2 विभिन्न टीमों ने भारी संख्या में एंटी ह्यूमन ट्रैफकिंग पुलिस फोर्स के
लुधियाना (खुराना): जिलाधीश प्रदीप अग्रवाल के दिशा-निर्देशों के अंतर्गत जिला टास्क फोर्स की 2 विभिन्न टीमों ने भारी संख्या में एंटी ह्यूमन ट्रैफकिंग पुलिस फोर्स के जवानों सहित शहर के विभिन्न स्थानों पर छापेमारियां करते हुए 21 मासूम बच्चों को बाल मजदूरी की दलदल से निजात दिलवाने का दावा किया है। छापेमारियों के दौरान सबसे हैरानीजनक पहलू यह रहा कि सरकारी विभागों में ही बाल मजदूरी के आरोपों में टास्क फोर्स टीम ने 3 बच्चों को पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी में पड़ती एक कैंटीन से आजाद करवाया है जोकि अपने आप में गंभीर चिंता का विषय है। छापेमारी टीमों को लीड कर रही सहायक कमिश्नर शिकायतें डा. पूनमप्रीत कौर व लेबर विभाग के असिस्टैंट डिप्टी डायरैक्टर नरिन्द्रपाल सिंह ने बताया कि 2 हिस्सों में बंटी टास्क फोर्स टीमों में एक टीम ने पी.ए.यू. परिसर में पड़ती एक कैंटीन में कार्रवाई करते हुए 3 मासूमों को जहां बाल मजदूरी के बंधनों से निजात दिलवाई है, वहीं दूसरी छापेमारी टीम के अधिकारियों ने बस्ती जोधेवाल स्थित न्यू सुभाष नगर इलाके में पड़ती नगीना कलैक्शन व सोमियां नामक फैक्टरियों से 18 अन्य बच्चों को बाल मजदूरी की कैद से रिहाई दिलवाई है। जानकारी के अनुसार पंजाब को-आर्डीनेटर दिनेश कुमार शर्मा की शिकायत पर अंजाम दिया गया है।
नहीं थम रहा सरकारी विभागों में बाल मजदूरी करवाने का मामला
सरकार की सख्त चेतावनी के बावजूद कुछ सरकारी विभागों में पड़ती कैंटीनों व अन्य स्थानों पर हो रही कथित बाल मजदूरी का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है, यहां बताना अनिवार्य रहेगा कि गत 2 दिन पहले गडवासु (गुरु अंगद देव वैटर्नरी एंड साइंसिज यूनिवॢसटी) में पड़ती एक कैंटीन में भी बाल मजदूरी का कथित मामला सामने आया है। जिसे लेकर चाइल्ड राइट्स कमीशन के पंजाब चेयरमैन सुकेश कालिया से सभी सरकारी विभागों में पड़ती कैंटीनों व अन्य परिसरों में बाल मजदूरी के खिलाफ अभियान छेडऩे के आदेश जारी किए थे जिसके तहत आज की कार्रवाई दौरान पी.ए.यू. (सरकारी विभाग) स्थित कैंटीन में 3 बाल मजदूर मिलने का मामला एक बार फिर सामने आया है।
फैक्टरी मालिकों व कैंटीन मालिक के खिलाफ होगी एफ.आई.आर.
इस विषय पर बातचीत करते हुए सहायक कमिश्नर शिकायतें डा. पूनमप्रीत कौर ने कहा कि छापेमारी दौरान छुुड़वाए गए सभी बच्चों की मैडीकल रिपोर्ट आने के बाद आरोपी पाए जाने वाले फैक्टरी मालिकों व कैंटीन मालिक के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि बाल मजदूरी करवाने वाले किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा।
क्या है जुर्माने व सजा का प्रावधान
अधिकारियों के अनुसार बाल मजदूरी करवाने के आरोपी को प्रति बच्चा 20 से 50 हजार रुपए जुर्माना व 1 से 3 वर्ष की कैद हो सकती है। उन्होंने बताया कोर्ट के आदेशों पर आरोपी को जुर्माना व सजा दोनों एक साथ भी हो सकती है। अधिकारी ने बताया कि सभी 21 बच्चों का मैडीकल करवाने के बाद जहां 20 बच्चों को सी.डब्ल्यू.सी. कमेटी ने शार्ट टर्म कि लिए शिमलापुरी स्थित चाइल्ड होम भेजा है वहीं एक बच्चे को उनके माता-पिता के हैंडओवर कर दिया गया है।