Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Nov, 2017 09:19 AM
होटल एवं रैस्टोरैंट में खाना खाने वालों को अब 23 फीसदी टैक्स का लाभ होगा। गौरतलब है कि गत दिवस जी.एस.टी. कौंसिल द्वारा कम किए रेट लागू हो चुके हैं। अब चाहे ग्राहक होटल/रैस्टोरैंट ए.सी. या नॉन-ए.सी. में जाए उसे केवल 5 फीसदी ही टैक्स देना होगा। इससे...
लुधियाना (सेठी): होटल एवं रैस्टोरैंट में खाना खाने वालों को अब 23 फीसदी टैक्स का लाभ होगा। गौरतलब है कि गत दिवस जी.एस.टी. कौंसिल द्वारा कम किए रेट लागू हो चुके हैं। अब चाहे ग्राहक होटल/रैस्टोरैंट ए.सी. या नॉन-ए.सी. में जाए उसे केवल 5 फीसदी ही टैक्स देना होगा। इससे पूर्व इस कारोबार पर 18 फीसदी टैक्स था। वहीं कौंसिल ने 200 के लगभग उत्पादों के जी.एस.टी. रेट कम किए हैं, जिन्हें 28 फीसदी से कम करके 18 और 18 से कम करके 12 की स्लैब में रखा गया है। कुछ वस्तुओं को 18 और 12 से निकालकर 5 फीसदी में लगाया गया है। इससे होटल व रैस्टोरैंट में खाना खाने वालों को भरपूर फायदा होगा, क्योंकि पहले ग्राहकों को 18 फीसदी टैक्स देना वाजिब नहीं लगता था, जिसे कौंसिल को नीचे लाना पड़ा।
बड़े होटलों में लगेगा 18 फीसदी टैक्स
यदि आप किसी ऐसे होटल में जाते हैं जहां एक कमरे का किराया एक रात के लिए 7,500 रुपए से ज्यादा है तो वहां आपको 18 फीसदी जी.एस.टी. रेट अदा करना होगा। वैसे इस स्लैब में अधिकतर 5-स्टार होटल आते हैं। यहां पर खाना खाने पर भी इतना ही टैक्स देना होगा, जबकि यहां पर 18 फीसदी टैक्स देने वालों को इनपुट टैक्स क्रैडिट का फायदा मिलेगा।
कैसे फायदा होगा 23 फीसदी टैक्स का
इससे पूर्व कुछ होटल व रैस्टोरैंट वाले जहां 18 फीसदी टैक्स वसूलते थे, वहीं 10 फीसदी सर्विस चार्जिस भी ले रहे थे, लेकिन कौंसिल द्वारा सीधा-सीधा 5 फीसदी टैक्स हो जाने से ग्राहकों को 23 फीसदी का फायदा होगा।
5 फीसदी टैक्स देने वाले नहीं कर पाएंगे आई.टी.सी. क्लेम
जी.एस.टी. कौंसिल द्वारा जहां रैस्टोरैंट होटल पर खाना खाने पर टैक्स स्लैब 5 फीसदी किया है, वहीं होटल/रैस्टोरैंट मालिकों को अन्य खरीद पर आई.टी.सी. क्लेम करने से वंचित रखा है। इसी प्रकार खाना खाने वाले ग्राहक भी दिए 5 फीसदी टैक्स पर आई.टी.सी. क्लेम नहीं कर पाएंगे।
पटरी पर आ रहा कारोबार
पंजाब होटल व रैस्टोरैंट के महासचिव अमरवीर सिंह के अनुसार महानगर में होटल व रैस्टोरैंट पर स्लैब रेट कम होने से कारोबार पटरी पर आ रहा है। उन्होंने कहा कि लुधियाना में अधिकतर छोटे ही रैस्टोरैंट व होटल हैं, जिन्हें इस कम हुए स्लैब का भरपूर फायदा होगा। उन्होंने माना कि 18 फीसदी टैक्स हो जाने से कारोबार पर काफी असर पड़ा था।