Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Mar, 2018 07:23 AM
टांडा के गांव डडियां तलवंडी में 16 अगस्त 2015 को दिन-दिहाड़े प्रेम संबंधों में बाधक बनी बेटी राजविन्द्र कौर पत्नी विपनवीर सिंह निवासी गांव ठाकरी को आग के हवाले कर हत्या करने की आरोपी मां कुलवंत कौर व चाचा मोहिंद्र सिंह को अतिरिक्त जिला व सत्र...
होशियारपुर (अमरेन्द्र): टांडा के गांव डडियां तलवंडी में 16 अगस्त 2015 को दिन-दिहाड़े प्रेम संबंधों में बाधक बनी बेटी राजविन्द्र कौर पत्नी विपनवीर सिंह निवासी गांव ठाकरी को आग के हवाले कर हत्या करने की आरोपी मां कुलवंत कौर व चाचा मोहिंद्र सिंह को अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायाधीश प्रिया सूद की अदालत ने उम्रकैद की सजा के साथ-साथ 20-20 हजार रुपए नकद जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई है। नकद जुर्माना नहीं देने पर दोनों ही दोषियों कुलवंत कौर व मोहिंद्र सिंह को और 3-3 महीने अतिरिक्त कैद की सजा काटनी होगी। टांडा पुलिस ने 17 अगस्त 2015 को टांडा अस्पताल में आग से 90 फीसदी जली पीड़िता राजविन्द्र कौर के बयान पर आरोपी मां व चाचा के खिलाफ धारा 307 के अधीन केस दर्ज किया था लेकिन राजविन्द्र कौर कीमौत के बाद पुलिस ने दोनों ही आरोपियों के खिलाफ धारा 302 में केस दर्ज किया था।
अस्पताल में जज के समक्ष दिया था बयान
गौरतलब है कि राजविन्द्र कौर ने 17 अगस्त 2015 को टांडा अस्पताल में न्यायिक अधिकारी (प्रथम श्रेणी) अरुण गुप्ता के समक्ष बयान दिया था। अपने बयान में पीड़िता ने आरोप लगाया था कि उसने अपनी मां को चाचा के साथ गलत संबंध बनाते 2 बार देखा था। जब वह मां को समझाने की कोशिश करती तो वह झगड़ा करने लगती थी। 16 अगस्त को मेरी मां मेरे ससुराल ठाकरी आई थी व लडऩे के बाद किसी बहाने मुझे डडियां तलवंडी आने को कह वापस चली गई थी। जब दोपहर बाद 2:30 बजे वह गांव आई तो मां मेरे साथ झगड़ा करने लगी व इसी दौरान चाचा मोहिंद्र को फोन कर बुला लिया तथा कहा कि आज इसका काम ही तमाम कर दो।
पीड़िता राजविन्द्र कौर के बयान के अनुसार मां कुलवंत के कहने पर चाचा मोहिंद्र सिंह ने मेरे ऊपर तेल डाल दोनों ने मिलकर मुझे आग के हवाले कर दिया। बचाव के लिए मैं चीखती रही लेकिन गली से कोई मदद के लिए नहीं आया। इस बीच मां ने मेरे पति विपनवीर को फोन किया कि जल्दी आओ राजविन्द्र ने आग लगा ली है। टांडा सिविल अस्पताल में हालत बिगड़ते देख डाक्टरों ने राजविन्द्र कौर को होशियारपुर सिविल अस्पताल रैफर कर दिया व बाद में उसे जालंधर के एक निजी अस्पताल रैफर कर दिया गया जहां बाद में उसकी मौत हो गई।