Edited By Vatika,Updated: 04 Dec, 2017 05:00 PM
देश का दूसरा सबसे बड़ा रेलवे जंक्शन बठिंडा यात्रियों को सुविधाएं देने में पिछड़ों की श्रेणी में आता है। एक ओर जहां सुरक्षा के लिहाज से संवेदनशील माने जाने वाले स्टेशन पर अत्याधुनिक सुरक्षा यंत्र नहीं लगाए गए हैं, वहीं यात्रियों को दी जाने वाली...
बठिंडा (विजय): देश का दूसरा सबसे बड़ा रेलवे जंक्शन बठिंडा यात्रियों को सुविधाएं देने में पिछड़ों की श्रेणी में आता है। एक ओर जहां सुरक्षा के लिहाज से संवेदनशील माने जाने वाले स्टेशन पर अत्याधुनिक सुरक्षा यंत्र नहीं लगाए गए हैं, वहीं यात्रियों को दी जाने वाली बुनियादी सुविधाओं का भी टोटा है। देश की आजादी से पहले बने बठिंडा स्टेशन पर यात्रियों के लिए एक ही टायलेट बना हुआ है। प्लेटफार्म नंबर 5-7 के बीच बने इस टायलेट के अलावा किसी अन्य प्लेटफार्म पर टायलेट की व्यवस्था नहीं है। रेलवे के आधिकारिक रिकॉर्ड के मुताबिक प्रतिदिन स्टेशन पर 15 हजार से अधिक यात्री आते-जाते हैं। इसके बावजूद रेलवे स्टेशन के अन्य 5 प्लेटफार्मों पर कहीं भी टायलेट की व्यवस्था नहीं है। स्टेशन पर सुलभ शौचालय बनाया गया है, मगर वह बुकिंग आफिस के ठीक सामने बाजार से सटी सड़क पर है। इसका रेलवे यात्रियों की तुलना में अन्य लोगों को ज्यादा लाभ मिलता है।
स्टेशन से 100 मीटर की दूरी पर बना है टायलेट
उल्लेखनीय है कि प्लेटफार्म नंबर एक से बुकिंग आफिस के सामने बने सुलभ शौचालय तक पहुंचने के लिए करीब 100 मीटर का सफर तय करना पड़ता है। ऐसे में यात्रियों को होने वाली परेशानियों को समझा जा सकता है। रेलवे के अधिकारियों का भी मानना है कि टायलेट जाने के लिए एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म पर जाना काफी मुश्किल भरा होता है। विशेषकर महिलाओं के लिए यह बहुत परेशानी की बात है।
करोड़ों के प्रोजैक्ट के बाद भी टायलेट का कोई प्रावधान नहीं
रेलवे स्टेशन बठिंडा में आधुनिकीकरण प्रोजैक्ट के तहत 2 नए फुटब्रिज बनाने के साथ-साथ अन्य कई काम कराए जा रहे हैं। मगर सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि करोड़ों रुपए के आधुनिकीकरण के प्रोजैक्ट में रेलवे स्टेशन पर कहीं भी कोई टायलेट बनाने का प्रस्ताव नहीं है।बङ्क्षठडा स्टेशन अधीक्षक राम स्वरूप मीणा से पूछे जाने पर उनका कहना था कि फिलहाल उनकी जानकारी में स्टेशन पर किसी अन्य टायलेट का निर्माण किए जाने संबंधी कोई जानकारी नहीं है।