हिन्द महासागर के नौसैनिक अभ्यास में भारत करेगा अभूतपूर्व प्रदर्शन

Edited By Vatika,Updated: 13 Jan, 2018 09:21 AM

hind mahasagar

हिन्द महासागर में अगले सप्ताह होने वाली जलपोतों की रिहर्सल में भारत के युद्धपोत व सबमैरीन विश्व में अपने शौर्य काटळ प्रदर्शन करेंगे। इस अभ्यास में भारत के अतिरिक्त 22 अन्य देश होंगे जिनमें इंडोनेशिया, मलेशिया, सिंगापुर, थाईलैंड आदि देशों के साथ-साथ...

अमृतसर(इन्द्रजीत, अरुण): हिन्द महासागर में अगले सप्ताह होने वाली जलपोतों की रिहर्सल में भारत के युद्धपोत व सबमैरीन विश्व में अपने शौर्य काटळ प्रदर्शन करेंगे। इस अभ्यास में भारत के अतिरिक्त 22 अन्य देश होंगे जिनमें इंडोनेशिया, मलेशिया, सिंगापुर, थाईलैंड आदि देशों के साथ-साथ ईरान भी शामिल होगा। इस आयोजन में सभी देश अपने-अपने नौसैनिक बल के प्रदर्शन के साथ-साथ अपनी तकनीकी क्षमता का परिचय देंगे। भारतीय बेड़ों की क्षमता से तो पूरा विश्व अवगत है ही,भारत की शक्तिशाली खोज आई.एन.एस. अरिहंत सबमैरीन (पनडुब्बी) है, जिसमें कई आधुनिक तकनीक सहित इसमें मिसाइल दागने की भी अभूतपूर्व क्षमता है। इसके विश्व में तीसरे स्थान पर होने के अनुमान लगाए जा रहे हैं जबकि प्रदर्शन के उपरांत अरिहंत को विश्व में एक अलग रूप में देखा जा सकेगा। हालांकि यह प्रदर्शन हिन्द महासागर में एशियाई द्वारा किया जा रहा है किन्तु इसमें कुछ यूरोप के देश भी अपनी क्षमता का प्रदर्शन कर सकते हैं। 

एशिया के देश करेंगे एकजुटता का प्रदर्शन  

22 देशों के इस अभ्यास में एशिया के देश आपसी एकजुटता का प्रदर्शन भी करेंगे जिसमें मुख्य रूप से यह दर्शाया जा रहा है कि एशिया पर डै्रगन की धौंस नहीं चलेगी। दूसरी ओर वियतनाम, साऊथ कोरिया, ताईवान, इंडोनेशिया जैसे कई देश ऐसे हैं जिनका चीन के साथ पहले से ही छत्तीस का आंकड़ा चल रहा है। इंडोनेशिया को छोड़कर बाकी के तीनों देश तो सीधे तौर पर चीन को ललकारते आ रहे हैं और ताईवान की महिला प्रधान मंत्री के बयान तो सीधा चीन पर वार करते हैं। 

चीन व पाक पड़े एशिया में अलग-थलग

देखने वाली बात है कि इस समुद्री सैन्य प्रदर्शन में भारत के साथ 22 अन्य देश तो शामिल हो रहे हैं लेकिन चीन व पाकिस्तान इसका हिस्सा नहीं बनेंगे और न ही इसमें भाग लेंगे। चीन पिछले दिनों चाबहार बंदरगाह के रास्ते भारतीय व्यावसायिक पोतों के आवागमन पर पहले ही आक्रोश में दिखाई दे रहा है। इसके साथ ही जहां चीन की व्यापारिक बंदरगाह जो पाकिस्तान में ग्वादर के नाम से जानी जाती है, के दब जाने के कारण जहां चीन की एक बड़ी रकम फंस गई है, वहीं मध्य एशिया में भी उसके व्यापारिक अड्डे टूट रहे हैं। दूसरी ओर भले ही उत्तरी कोरिया और अमरीका के बीच तनातनी के कारण चीन व रूस उत्तरी कोरिया का अंदरखाते साथ दे रहे हैं किन्तु रूस की भी उससे कोई हमदर्दी नहीं है क्योंकि ड्रैगन लम्बे समय से चीन के उत्तरी क्षेत्र के निकट स्थित रूस के पूर्वी भाग में कुछ स्थानों पर कब्जा करने की योजनाएं बनाता आ रहा है क्योंकि वहां तेल के कुएं हैं। कुल मिलाकर चीन-पाकिस्तान एशिया में अलग-थलग पडऩे लगे हैं।

अमरीकन फ्लीट की रहेगी पैनी नजर

हालांकि इस समुद्री प्रदर्शन में अमरीका तो हिस्सा नहीं ले रहा किन्तु अमरीकन फ्लीट इस पूरे प्रदर्शन पर पैनी निगाह रखेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि भले ही डोकलाम प्रकरण के उपरांत चीन कुछ भी समझता हो लेकिन अमरीका की पैनी निगाह तभी से एशिया के समुद्र तक पहुंच चुकी थी। पिछले 5 महीने से आस्ट्रेलिया से लेकर हिन्द महासागर के तटों तक बराबर मंडराता यह बेड़ा चीन के लिए भारी खतरे का सबब बना हुआ है। बेशक अमरीका ने इसे रूटीन की तरह आस्ट्रेलिया के समुद्र में ही उतारा था किन्तु इन महीनों में यह बार-बार पापुआ और न्यू गिनी से होता हुआ साऊथ एशियन समुद्र के इंडोनेशिया, सिंगापुर और थाईलैंड के समुद्रों से बढ़ता हुआ हिन्द महासागर के तटों तक भी आता रहता है। अमरीकन फ्लीट इतना शक्तिशाली है कि इसमें 165 से अधिक लड़ाकू विमान एवं 18 सबमरीन ले जाने की क्षमता है।

इंडोनेशिया का टापू बना ड्रैगन के गले की फांस

पिछले समय में अपनी सैन्य शक्ति के साथ-साथ व्यापारिक दबदबा बनाने में कामयाब हुए चीन ने दु:साहस करके इंडोनेशिया के &-4 टापुओं पर निगाह रखनी शुरू कर दी थी। वह सोचता था कि शायद इंडोनेशिया इसका कोई नोटिस नहीं लेगा क्योंकि उसका क्षेत्रफल 19 लाख 40 हजार वर्ग कि.मी. है व 1500 से अधिक छोटे-बड़े टापू हैं। चीन जिन टापुओं पर  निगाह रखता था, उनमें बड़ी मात्रा में तेल होने का अनुमान है। एक टापू पर तो चीन ने अघोषित तौर पर घुसपैठ भी शुरू कर दी है जिसके कारण इंडोनेशिया के अतिरिक्त दक्षिणी और मध्य एशिया में भी चीन के विरुद्ध स्वर उभरने लगे हैं। इंडोनेशिया के विरोध पर अमरीका, साऊथ कोरिया, वियतनाम, ताईवान, जापान, आस्ट्रेलिया, सिंगापुर, थाईलैंड, ब्रिटेन आदि चीन की दबंग नीति के विरुद्ध हो गए हैं जबकि पाकिस्तान की आतंकवादी गतिविधियों को अब छिटपुट देशों के अलावा कोई पसंद नहीं कर रहा। 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!