Edited By Punjab Kesari,Updated: 17 Oct, 2017 04:00 AM
पंजाब के मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह द्वारा पंजाब मंत्रिमंडल में विस्तार को लेकर जल्द ही कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात करने के संकेत दिए गए हैं, पर अभी यह पूरी तरह से तय नहीं हुआ है कि पंजाब मंत्रिमंडल में विस्तार हिमाचल...
जालंधर(धवन): पंजाब के मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह द्वारा पंजाब मंत्रिमंडल में विस्तार को लेकर जल्द ही कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात करने के संकेत दिए गए हैं, पर अभी यह पूरी तरह से तय नहीं हुआ है कि पंजाब मंत्रिमंडल में विस्तार हिमाचल प्रदेश विधानसभा के आम चुनावों से पहले किया जाएगा या बाद में।
कांग्रेसी हलकों में इसको लेकर दो प्रकार की चर्चाएं चल रही हैं। केवल कै. अमरेन्द्र सिंह जानते हैं कि उन्होंने मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर क्या रणनीति तैयार की हुई है। कांग्रेसी हलकों में पहली चर्चा यह चल रही है कि मंत्रिमंडल विस्तार हिमाचल प्रदेश चुनावों के बाद हो सकता है, क्योंकि इसके पीछे यह तर्क भी दिया जा रहा है कि मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह की हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के साथ रिश्तेदारी है, इसलिए हिमाचल चुनावों में कै. अमरेन्द्र सिंह की व्यस्तताएं भी बढ़ सकती हैं।
कांग्रेस नेतृत्व द्वारा पंजाब के मंत्रियों, विधायकों व कांग्रेसी नेताओं की जिम्मेदारियां हिमाचल चुनावों में लगाई जा सकती हैं। हिमाचल में विधानसभा के आम चुनाव 9 नवम्बर को होने हैं। इसमें अब मात्र 22-23 दिन का समय ही शेष बचा है। कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी व पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी की व्यस्तताएं भी आम चुनावों में टिकट वितरण की तरफ रहेंगी, इसलिए पंजाब में मंत्रिमंडल विस्तार के बारे में कै. अमरेन्द्र सिंह तथा राहुल गांधी की बैठक हिमाचल में टिकट बंटवारे के बाद हो सकती है।
कांग्रेसी हलकों ने बताया कि कांग्रेस में दूसरा तर्क यह दिया जा रहा है कि हिमाचल चुनावों से पहले पंजाब मंत्रिमंडल में विस्तार किया जाना चाहिए, क्योंकि जितने अधिक नए मंत्री बनेंगे, उतने ही उनकी ड्यूटियां हिमाचल चुनावों में लगाई जाएंगी, जिसका कांग्रेस को हिमाचल में फायदा होगा। अगर मंत्री की हैसियत से कांग्रेसी विधायक हिमाचल जाएंगे तो लोगों पर उतना ही ज्यादा उसका असर होगा। इन चर्चाओं के बीच कै. अमरेन्द्र सिंह की रणनीति क्या होगी, यह तो वह स्वयं ही जानते हैं परन्तु कै. अमरेन्द्र सिंह अब अपने मंत्रिमंडल विस्तार को अधिक लटकाना नहीं चाहते हैं, क्योंकि पहले ही इसमें काफी समय हो चुका है।
मौजूदा मंत्रियों के पास 2 से 3 विभाग होने के कारण सरकारी कामकाज पर भी इसका असर पड़ रहा है। नए मंत्री बनने से काम का बोझ घटेगा। दूसरी ओर कै. अमरेन्द्र सिंह की राहुल गांधी के साथ मुलाकात अब दीवाली के बाद होगी। कैप्टन अगले कुछ दिनों में राहुल से मुलाकात के लिए समय लेंगे तथा इस बैठक में ही अंतिम तौर पर तय होगा कि पंजाब मंत्रिमंडल में विस्तार कब होगा?